अयोध्या के राम जानकी महाविद्यालय में घोटाला:फर्जी दस्तावेजों से ली गई मान्यता, IAS अधिकारी करेंगे जांच

अयोध्या के मिल्कीपुर स्थित श्री राम जानकी महाविद्यालय में बड़े घोटाले का मामला सामने आया है। महाविद्यालय ने फर्जी तरीके से दूसरे खातेदारों की जमीन को अपने नाम दर्शाकर मान्यता और संबद्धता हासिल की है। इस मामले की जांच अब एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी करेंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और भारत सरकार के पूर्व सीजीसी पवन पाण्डेय ने इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के अनुसार, अमावा सूफी निवासी अवधेश कुमार शुक्ला ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेज की मान्यता प्राप्त की। 2015 में तत्कालीन यूपी जिला अधिकारी मिल्कीपुर की मदद से दूसरों की जमीन को गैर-कानूनी तरीके से अकृषिक घोषित करवाया गया। महाविद्यालय जिन गाटा संख्या 1903, 1905, 1906, 1907 और 1908 पर निर्मित दिखाया गया है, वह जमीन वास्तव में अन्य खातेदारों के नाम दर्ज है। वर्तमान में महाविद्यालय के नाम भूलेख में अलग गट नंबर दर्ज हैं। इस मामले में महाविद्यालय के प्रबंधक, प्राचार्य, मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य और डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के वर्तमान कुल सचिव उमानाथ जांच के दायरे में आ सकते हैं। शिकायतकर्ता ने कॉलेज की मान्यता रद्द करने और दोषियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी गड़बड़ी में प्रशासन की भी मिलीभगत रही होगी।

Mar 16, 2025 - 20:00
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अयोध्या के राम जानकी महाविद्यालय में घोटाला: फर्जी दस्तावेजों से ली गई मान्यता

अयोध्या में राम जानकी महाविद्यालय इस समय एक गंभीर घोटाले का शिकार हो गया है। यह पता चला है कि महाविद्यालय ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से मान्यता प्राप्त की थी, जिससे प्रशासन की नींद उड़ गई है। इस मामले की जांच अब एक IAS अधिकारी द्वारा की जाएगी।

घोटाले का विवरण

राम जानकी महाविद्यालय का यह घोटाला अब एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि महाविद्यालय ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के भविष्य के साथ खेलते हुए फर्जी दस्तावेजों को जमा किया है। ये दस्तावेज शिक्षा के मानकों के विपरीत थे और इस प्रकार की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने की आवश्यकता है।

IAS अधिकारी की नियुक्ति

इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने एक IAS अधिकारी को इस मामले की जांच के लिए नियुक्त किया है। अधिकारी ने कहा है कि वह इस मामले की सभी गहराइयों में जाएंगे और जो भी जिम्मेदार होंगे, उन्हें सजा मिलेगी। इस जांच से उम्मीद है कि महाविद्यालय की प्रणाली में सुधार होगा और अन्य संस्थानों में भी ऐसे मामलों को रोकने में मदद मिलेगी।

राज्य सरकार की प्रतिक्रिया

राज्य सरकार ने इस मामले के प्रति गंभीरता दिखाई है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि वे घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराएंगे और अगर कोई दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, भविष्य में ऐसे घोटालों को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे।

छात्रों पर प्रभाव

इस घोटाले का सबसे बड़ा प्रभाव वहां के छात्रों पर पड़ सकता है। जो छात्र इस महाविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं, उनके भविष्य के संबंध में कई सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में, छात्रों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। सरकार ने छात्रों की मदद के लिए विशेष व्यवस्था करने की बात की है।

अयोध्या के राम जानकी महाविद्यालय में हो रहे इन घटनाक्रमों को देखने के बाद सभी का ध्यान इस बात पर है कि आने वाले समय में शिक्षा प्रणाली में सुधार कैसे किया जाएगा। इस मामले की जांच समय पर होनी आवश्यक है, ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके।

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