अलीगढ़ में गांजा तस्करों को 10-10 साल की कैद:अकराबाद थाना क्षेत्र में पकड़ा गया था 3.38 कुंतल गांजा, स्पेशल कोर्ट ने सुनाई है सजा
अलीगढ़ में गांजा की तस्करी करने वाले दो अपराधियो को कोर्ट ने सजा सुनाई है। दोनों को न्यायालय ने 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। एनडीपीएस एक्ट की स्पेशल कोर्ट ने दोनों को सजा सुनाई है। अकराबाद पुलिस ने लगभग 4 साल पहले दोनों को गांजे के साथ गिरफ्तार किया था। जिसके बाद कोर्ट में मामले की सुनवाई लगातार चल रही थी। एनडीपीएस एक्ट के स्पेशल जज ऋषि कुमार ने आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। ट्रक में रखकर ला रहे थे गांजा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमेंद्र जैन ने बताया कि अकराबाद पुलिस ने 19 मई 2021 को दोषियों को गिरफ्तार किया था। 19 मई की देर रात को चेकिंग के दौरान पुलिस को एक संदिग्ध ट्रक आता नजर आया था। जब पुलिस ने इसे रोकने की कोशिश की तो चालक ने भागने का प्रयास किया था। पुलिस ने दौड़ाकर ट्रक को रोक लिया था और चालक और परिचालक को हिरासत में ले लिया था। ट्रक के अंदर बने सीक्रेट चैंबर के अंदर से पुलिस को 3.37 कुंतल गांजा बरामद हुआ था। जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था और यह मामला लगातार कोर्ट में चल रहा था। अब इसमें फैसला आया है। एक-एक लाख का लगा जुर्माना पुलिस ने गांजा तस्करी करने वाले चालक और परिचालक को गिरफ्तार किया था। इसमें एटा के थाना बागवाला के गांव करतला निवासी सोमवीर (चालक) और फिरोजाबाद के थाना जसराना के गांव सबलपुर निवासी भुवनेश (परिचालक) को गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों को अब कोर्ट ने सजा सुनाई है। एडीजीसी ने बताया कि 10-10 साल के कठोर कारावास के साथ ही कोर्ट ने दोनों के ऊपर 1-1 लाख रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है। आर्थिक दंड न अदा करने पर 6 का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।
अलीगढ़ में गांजा तस्करों को 10-10 साल की कैद
अलीगढ़ के अकराबाद थाना क्षेत्र में हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई के दौरान पुलिस ने गांजा तस्करों को पकड़कर 3.38 कुंतल गांजा बरामद किया। इस मामले की सुनवाई स्पेशल कोर्ट द्वारा की गई, जहां तस्करों को 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई गई। यह कार्रवाई पुलिस द्वारा की गई एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन का हिस्सा था, जिसे नशे के बढ़ते कारोबार को रोकने के लिए आयोजित किया गया था।
तस्करों की गिरफ्तारी और सजा की प्रक्रिया
अकराबाद थाना क्षेत्र में तस्करों की गिरफ्तारी से जुड़ी जांच में पता चला कि ये लोग बड़ी मात्रा में गांजा का कारोबार कर रहे थे। स्पेशल कोर्ट में मामला प्रस्तुत होने के बाद, जज ने तस्करों की गतिविधियों को गंभीरता से लेते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई। यह सजा न केवल तस्करों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह समाज में नशे के खिलाफ लड़ाई को भी मजबूत करती है।
नशे के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई
गांजा तस्करी के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई नशे के असर को कम करने और समाज को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। जब से गांजे के धंधे में वृद्धि हुई है, पुलिस और प्रशासन लगातार इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। तस्करों के पकड़े जाने के साथ ही यह भी स्पष्ट होता है कि कानून इस मुद्दे पर नजर बनाए हुए है।
समाज में जागरूकता और शिक्षा
समाज में नशे के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। लोगों को चाहिए कि वे नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक रहें और अपने समुदाय में इस मुद्दे पर चर्चा करें। शिक्षा और जानकारी बढ़ाने से ही हम नशे के इस खतरे से निपट सकेंगे।
अलीगढ़ में गांजा तस्करों की गिरफ्तारी और उनकी लंबी सजा उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां हम नशे के खिलाफ एकजुट हो सकते हैं।
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