अल्टीमेटम को किया नजरअंदाज, ख्वासपुरा में चला बुल्डोजर:नगर निगम की टीम ने 7 दिन का दिया था अल्टीमेटम लेकिन लोगों ने नहीं हटाए थे पक्के रैंप
ख्वासपुरा के लोगों को नगर निगम का आदेश के अवहेलना भारी पड़ गई। निगम ने नाले से अतिक्रमण हटाये जाने के लिए 7 दिन का अल्टीमेटम दिया था लेकिन अतिक्रमणकारियों ने इसे नजदअंदाज कर दिया। नालों पर पक्के निर्माण नहीं हटाये। चेतावनी का समय बीतने के साथ ही नगर निगम प्रवर्तन दल ने शुक्रवार को अभियान चला कर दर्जनों की संख्या घरों के आगे नाले पर बनाये गये पक्के रैंप बुल्डोजर से ध्वस्त करा दिये। कार्रवाई से लोगों में दिनभर अफरातफरी मची रही। कई लोगों से मौके पर ही 15,500 रुपये जुर्माना भी वसूल किया गया। वार्ड नंबर 61 ख्वासपुरा में नाले नालियों पर लोगों द्वारा लंबे लंबे रैंप बना लिये जाने के कारण यहां पर नाले व नालियों की सफाई में बाधा आ रही थी। सफाई ठीक से न हो पाने कारण नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा था। इससे यहां पर आवागमन में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। परेशान लोगों ने नाले नालियों पर से अतिक्रमण हटवाये जाने के लिए नगर निगम प्रशासन से मांग की गई थी। इस पर बीते शुक्रवार को नगर निगम प्रवर्तन दल ने एसएफआई प्रदीप गौतम के नेतृत्व में कार्रवाई कर घरों के आगे बनाये गये करीब 200 रैंप ध्वस्त करा दिये गये थे। इसी प्रकार की कार्रवाई ख्वासपुरा में भी की गई। कार्रवाई से बचने के लिए कुछ लोगों ने जुर्माना अदा कर स्वयं ही 7 दिन के भीतर अपने अतिक्रमण हटवाये जाने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद उन्होंने नियत तिथि के उपरांत भी नाले पर पक्के निर्माण नहीं हटाये तो नगर निगम प्रवर्तन दल ने उन्हें ध्वस्त करा दिया। कार्रवाई के दौरान प्रभारी प्रवर्तन दल कर्नल राहुल गुप्ता भी उपस्थित रहे। इस संबंध में जानकारी देते हुए एसएफआई प्रदीप गौतम ने बताया कि अतिक्रमण पूरी तरह से हटाये जाने के बाद जल्द ही नाले की तलीझाड़ सफाई गैंग लगाकर कराई जाएगी। उसके पश्चात यहां सड़कों पर बह रहे नालियों की समस्या लगभग समाप्त हो जाएगी।

अल्टीमेटम को किया नजरअंदाज, ख्वासपुरा में चला बुल्डोजर
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नगर निगम की कार्रवाई का असर
ख्वासपुरा में नगर निगम की टीम ने हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बुल्डोजर चलाया। यह कार्रवाई तब की गई जब नगर निगम ने स्थानीय निवासियों को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया था कि वे अपने पक्के रैंप हटा लें। जब ऐसा नहीं हुआ, तो नगर निगम के अधिकारियों ने कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
प्रशासन की सख्ती
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की सख्ती आवश्यक है ताकि अवैध निर्माण को रोका जा सके। स्थानीय निवासियों को नोटिस देने के बावजूद, किसी ने भी अपने रैंप को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उसके अंतर्गत यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की गई कि नियमों का पालन किया जाए।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई को लेकरMixed feelings हैं। कुछ निवासी इसे नगर निगम की ज़िम्मेदारी समझते हैं, जबकि अन्य अपना विरोध जताते हुए इसे अत्यधिक सख्ती मानते हैं। उनका कहना है कि बिना किसी उचित नोटिस के इस तरह की कार्रवाई से उन्हें परेशानी हो रही है।
निष्कर्ष
ख्वासपुरा में उठाया गया यह कदम स्थानीय प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ एक स्पष्ट संकेत है। हालांकि, इसकी आलोचना भी हो रही है। इस कार्रवाई का क्या परिणाम होगा, यह देखना अभी बाकी है। लेकिन नगर निगम का यह कदम उन लोगों के लिए एक चेतावनी हो सकता है जो नियमों का पालन नहीं करते।
अभी के लिए, नगर निगम इस मामले पर ध्यान केंद्रित करेगा और संभवतः आगे भी इस तरह की कार्रवाइयों को जारी रखेगा।
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