सीएम डैशबोर्ड पर 5 विभागों की रैंकिंग खराब:डीएम ने दी चेतावनी, कहा-सुधार नहीं होने पर रोका जाएगा वेतन

प्रतापगढ़ जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कैंप कार्यालय में 50 लाख रुपए से अधिक की परियोजनाओं और सीएम डैशबोर्ड पोर्टल की समीक्षा बैठक की। बैठक में पाया गया कि उपभोक्ता संरक्षण एवं बाट माप, मंडी सचिव, पूर्ति विभाग, पंचायती राज विभाग और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की रैंकिंग बेहद खराब है। जल निगम की परियोजनाओं की समीक्षा में पाया गया कि दिसंबर माह में पूरे किए जाने वाले तीन पुलों का निर्माण अभी तक लंबित है। जिलाधिकारी ने इस मामले में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजने के निर्देश दिए। पर्यटन विभाग की समीक्षा में पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि यूपी पर्यटन विकास निगम को धनराशि मिलने के बावजूद कार्य नहीं हो रहा है। अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई जिलाधिकारी ने सभी कार्यदायी संस्थाओं को कड़ी चेतावनी दी कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता न किया जाए। उन्होंने कहा कि मानकों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही निर्देश दिया कि पूरी हो चुकी परियोजनाओं को तुरंत संबंधित विभाग को हस्तांतरित किया जाए। विशेष रूप से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की प्रगति खराब पाई गई। डीसी एनआरएलएम की अनुपस्थिति पर जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रगति में सुधार नहीं होता है तो विभाग के सभी कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाएगा।

Jan 16, 2025 - 21:25
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सीएम डैशबोर्ड पर 5 विभागों की रैंकिंग खराब:डीएम ने दी चेतावनी, कहा-सुधार नहीं होने पर रोका जाएगा वेतन
प्रतापगढ़ जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कैंप कार्यालय में 50 लाख रुपए से अधिक की परियोजनाओं और सीएम डै

सीएम डैशबोर्ड पर 5 विभागों की रैंकिंग खराब: डीएम ने दी चेतावनी

राज्य सरकार ने हाल ही में सीएम डैशबोर्ड पर पांच विभागों की प्रदर्शन रैंकिंग को अपडेट किया है, जिसके अनुसार इन विभागों की रैंकिंग काफी खराब है। यह समस्या मुख्यमंत्री की संज्ञान में आई है, जिसने अधिकारियों को त्वरित सुधार के निर्देश दिए हैं। डिजीटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से रिपोर्टिंग करने वाले यह विभाग इस समय निगरानी में हैं और उनके प्रदर्शन में सुधार लाने के उपाय बनाए जा रहे हैं।

डीएम की चेतावनी

जिलाधिकारी (डीएम) ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि सुधार समय पर नहीं हुआ, तो उनके वेतन में कटौती की जाएगी। इस स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, डीएम ने सभी अधिकारियों को बुलाकर एक बैठक आयोजित की, जिसमें प्रदर्शन में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया गया। यह चेतावनी स्पष्ट रूप से यह बताती है कि सरकार विभागीय कार्यक्षमता के प्रति कितनी गंभीर है।

प्रदर्शन सुधार के उपाय

कई विभाग, जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा, वाणिज्य, कल्याण, और कृषि, में इस समय सुधार की आवश्यकता है। सरकार ने पहले ही विभागों के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाने की योजना बनाई है, जिसमें कार्यशालाओं का आयोजन और विशेषज्ञों की सलाह लेना शामिल है। इसके अतिरिक्त, हर विभाग को साप्ताहिक प्रदर्शन मीटिंग करने का निर्देश दिया गया है, जिससे स्थिति पर नज़र रखी जा सके और समय पर कार्रवाई की जा सके।

निष्कर्ष

समग्रता में, यह स्थिति न केवल सरकारी कार्यों की पारदर्शिता को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे डिजिटल टूल का उपयोग प्रशासनिक प्रदर्शन को मापने में किया जा रहा है। यदि विभाग अपने प्रदर्शन में सुधार नहीं करते हैं, तो न केवल उनका वेतन प्रभावित होगा, बल्कि यह भी राज्य के विकास में बाधा डाल सकता है। मौके पर अधिकारियों की दृढ़ता और उत्तरदायित्व से ही इस सुधार प्रक्रिया को सफल बनाया जा सकता है।

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