लखनऊ में सरकारी जमीन बेचने वाले 4 गिरफ्तार:फर्जी कागजात बनाकर बेच दी संपत्ति, दो फरार आरोपी तलाश जारी
लखनऊ की चिनहट पुलिस ने फर्जी कागज बनाकर सरकारी जमीन बेचने वाले चार आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार किया। जालसाजों ने सरकारी जमीन को अपना बताकर फर्जी कागजों से महंगे दाम में बेच दिया था। खुलासा होने पर विभाग के सहायक लेखाकार ने एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस मामले में फरार दो आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। सहकारी आवास निर्माण एंव वित्त निगम के सहायक लेखाकार राम मूर्ति ने साल 2023 में फर्जी कागज बनवाकर सरकारी जमीन बेचने का मुकदमा दर्ज कराया था। राम मूर्ति ने 6 लोगों के खिलाफ दर्ज कराया था। इस मामले में कार्रवाई कर चिनहट मटियारी के रामपाल, शिव कुमार, राकेश यादव व गुड्डन देवी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं इस मामले में फरार मटियारी कंचनपुर के मधुराम व मनोज कुमार यादव की तलाश में दबिश दी जा रही है।

लखनऊ में सरकारी जमीन बेचने वाले 4 गिरफ्तार
लखनऊ में सरकारी संपत्ति के गलत तरीके से बिक्री के एक बड़े मामले में, पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर फर्जी कागजात बनाकर सरकारी जमीन बेचने का आरोप है, जिससे न केवल स्थानीय प्रशासन के रिकाॅर्ड को नुकसान पहुंचा बल्कि लोगों की संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ। यह घटना हाल ही में सामने आई है और शासन ने इस पर कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है।
फर्जी कागजात के जरिए धोखाधड़ी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने आरोप लगाया गया है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर सरकारी जमीनों को बेचा। जांच में यह सामने आया है कि यह एक संगठित सिंडिकेट द्वारा किया गया था। पुलिस ने इस मामले में दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
पुलिस कार्रवाई और जांच
इस मामले में पुलिस ने कई दस्तावेजों को बरामद किया, जो फर्जी थे। संपत्ति का बंटवारा करने वाले अफसरों की संलिप्तता की जांच भी की जा रही है। राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को भी इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
सामुदायिक सुरक्षा और जागरूकता
इस प्रकार की घटनाओं से न केवल कानून-व्यवस्था पर असर पड़ता है, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी हानि पहुंचती है। ऐसे मामलों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि लोग इन धोखाधड़ी गतिविधियों से बच सकें। नागरिकों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
इस घटनाक्रम के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए, कृपया 'News by indiatwoday.com' पर जाएं।
यह मामला लखनऊ में न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता की आवश्यकता को दर्शाता है, बल्कि लोगों की सुरक्षा और संपत्ति के अधिकारों की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता भी बताता है। Keywords: लखनऊ सरकारी जमीन, फर्जी कागजात, जमीन बेचना, सरकारी संपत्ति धोखाधड़ी, आरोपियों की गिरफ्तारी, लखनऊ पुलिस कार्रवाई, सरकारी जमीन की सुरक्षा, जमीन विवाद मामले, संपत्ति के अधिकार, प्रशासनिक पारदर्शिता
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