पुरानी पेंशन बहाली की मांग:लखीमपुर-खीरी में अटेवा ने सांसद को सौंपा ज्ञापन, संसद में उठेगा मुद्दा

लखीमपुर में अटेवा पेंशन बचाओ मंच के जिला संयोजक विश्वनाथ मौर्य के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने खीरी सांसद उत्कर्ष वर्मा को ज्ञापन सौंपा। सांसद ने पुरानी पेंशन बहाली के समर्थन में आश्वासन दिया। उत्कर्ष वर्मा ने कहा कि वे प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी और पैरामिलिट्री जवानों की इस समस्या से अवगत कराएंगे। आगामी संसद सत्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे। साथ ही पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने का प्रयास करेंगे। अटेवा के प्रदेश संगठन मंत्री संदीप वर्मा ने नई पेंशन स्कीम और यूनिफाइड पेंशन स्कीम को कर्मचारियों के साथ धोखा बताया। जिला संयोजक विश्वनाथ मौर्य ने कहा कि आंदोलन का उद्देश्य एनपीएस को समाप्त कर ओपीएस को बहाल करना है। महामंत्री मनोज वर्मा ने बताया कि यूपीएस कर्मचारियों के भविष्य के साथ अन्याय है। अटेवा/एनएमओपीएस ने 1 मई को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। जिला कोषाध्यक्ष राजेश पांडेय के अनुसार यह आंदोलन अब राष्ट्रीय मुद्दा बनता जा रहा है। प्रदेश के सभी विभागों में इस मुद्दे को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है।

Mar 2, 2025 - 14:59
 47  345300
पुरानी पेंशन बहाली की मांग:लखीमपुर-खीरी में अटेवा ने सांसद को सौंपा ज्ञापन, संसद में उठेगा मुद्दा
लखीमपुर में अटेवा पेंशन बचाओ मंच के जिला संयोजक विश्वनाथ मौर्य के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने ख

पुरानी पेंशन बहाली की मांग: लखीमपुर-खीरी में अटेवा ने सांसद को सौंपा ज्ञापन, संसद में उठेगा मुद्दा

हाल ही में लखीमपुर-खीरी में अटेवा (अखिल भारतीय लगातार शिक्षक कर्मचारी संघ) ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर स्थानीय सांसद को एक ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में पुरानी पेंशन के महत्व को उजागर करते हुए यह कहा गया कि इसकी बहाली से देश के लाखों कर्मचारियों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अटेवा का यह कदम संसद में इस मुद्दे को उठाने के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

ज्ञापन के मुख्य बिंदु

ज्ञापन में बताया गया कि पुरानी पेंशन योजना ने पूर्व में कर्मचारियों को स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान की थी। वर्तमान में लागू नई पेंशन योजना से कर्मचारियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अटेवा ने मांग की है कि सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

संसद में उठाए जाने वाले मुद्दे

इस ज्ञापन के माध्यम से अटेवा ने सांसद से आग्रह किया है कि वे इसे संसद में उच्च स्तर पर उठाए। यह मुद्दा केवल लखीमपुर-खीरी तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे देशभर के कर्मचारियों की समस्याओं से जुड़ा हुआ है। सांसद की भूमिका यहां विशेष हो जाती है क्योंकि वे इसे हल करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकते हैं।

अटेवा का दृष्टिकोण

अटेवा का मानना है कि पुरानी पेंशन का पुनः लागू होना आवश्यक है ताकि सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिल सके। अटेवा का यह आंदोलन सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने का एक प्रयास भी है जिससे लोग इस विषय में अधिक जानें और अपने हक के लिए आवाज उठाएं।

कुल मिलाकर, यह ज्ञापन लखीमपुर-खीरी में एक महत्वपूर्ण घटना है जो पुरानी पेंशन बहाली की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है। संसद में इस मुद्दे को उठाना इस बात का संकेत है कि कर्मचारी संगठनों की आवाज तक राजनीतिक स्तर पर भी पहुंच रही है।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया विजिट करें: News by indiatwoday.com Keywords: पुरानी पेंशन बहाली, लखीमपुर-खीरी, अटेवा, सांसद ज्ञापन, संसद मुद्दा, नई पेंशन योजना, सरकारी कर्मचारी, आर्थिक सुरक्षा, कर्मचारी संगठनों, केंद्रीय सरकार, सामाजिक न्याय, कर्मचारियों के हक, स्थिरता की मांग, पेंशन सुधार.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow