अव्यवस्थाओं पर जनता ने शंभू पासवान को घेरा, मेयर ने कहा गाड़ी चढ़ाओ, हंगामे के बीच बुलानी पड़ी पुलिस
रैबार डेस्क : ऋषिकेश में सड़क निर्माण कार्य में हीलाहवाली पर मेयर के खिलाफ जनता... The post अव्यवस्थाओं पर जनता ने शंभू पासवान को घेरा, मेयर ने कहा गाड़ी चढ़ाओ, हंगामे के बीच बुलानी पड़ी पुलिस appeared first on Uttarakhand Raibar.
अव्यवस्थाओं पर जनता ने शंभू पासवान को घेरा, मेयर ने कहा गाड़ी चढ़ाओ, हंगामे के बीच बुलानी पड़ी पुलिस
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रैबार डेस्क: ऋषिकेश में सड़क निर्माण कार्य में हीलाहवाली को लेकर मेयर शंभू पासवान का जनता ने घेराव किया। कांग्रेस नेता दीपक जाटव के नेतृत्व में यह घेराव उस समय हुआ जब स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण में हो रही देरी और गड़बड़ी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह घटना दर्शाती है कि कैसे स्थानीय सरकार के प्रति जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
घेराव की वजह
ऋषिकेश के परशुराम चौक से लेकर सत्संग भवन गंगानगर और शांतिनगर इलाकों में सड़क निर्माण कार्य में हो रही लापरवाही पर जनता में गुस्सा है। लोगों का आरोप है कि निर्माण कार्य में अत्यधिक देरी और जेसीबी से की गई खुदाई के कारण बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। बारिश के कारण इन गड्ढों में पानी भरने से आम जनता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि ट्रैफिक में रुकावट और संभावित दुर्घटनाएँ।
हंगामे का सिलसिला
जब मेयर शंभू पासवान स्थानीय लोगों की नाराजगी का शिकार बने, तो उन्होंने लोगों को हटने के लिए कहा, लेकिन जब लोग नहीं हटे, तो मेयर ने ड्राइवर को गाड़ी चढ़ाने का आदेश दिया। इस पर कांग्रेस नेता दीपक जाटव और मेयर के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। विवाद बढ़ता गया और अंततः पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और मेयर को वहां से सुरक्षित तरीके से निकाल लिया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में मेयर को दीपक जाटव के साथ बहस करते हुए देखा जा सकता है, जिसमें तनावपूर्ण स्थिति स्पष्ट होती है। यह घटना न केवल स्थानीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है बल्कि यह भी दिखाती है कि जनता की आवाज को कैसे सुनना जरूरी है।
निष्कर्ष
यह घटना न केवल मेयर शंभू पासवान के कार्यकाल के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह दर्शाती है कि स्थानीय प्रशासन को जनता की समस्याओं को ध्यान में रखना कितना जरूरी है। ऐसे समय में जब जनता का गुस्सा इस प्रकार से बाहर आता है, यह आवश्यक है कि सरकारी अधिकारी उचित कदम उठाएँ और अव्यवस्थाओं को दूर करें। इस मामले में जनता की जागरूकता और सक्रियता निश्चित रूप से स्थानीय प्रशासन को एक चेतावनी देती है कि वे जिम्मेदारियों को कितनी गंभीरता से उठाते हैं।
इस प्रकार की घटनाएँ हमें याद दिलाती हैं कि लोकतंत्र में जनसत्ता का क्या महत्व होता है। इस हंगामे ने न केवल स्थानीय मुद्दों को उभारा है, बल्कि राजनीतिक गतिविधियों पर भी नजर डालने का एक अवसर प्रदान किया है।
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