असम के राज्यपाल ने किए मां विंध्यवासिनी के दर्शन:विंध्य कॉरिडोर की सराहना, बोले- युवाओं का होगा सांस्कृतिक विकास
मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी धाम में असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने सपरिवार दर्शन-पूजन किया। उन्होंने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और विशेष आरती में भी शामिल हुए। मंदिर के पुजारियों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ उनका स्वागत किया। राज्यपाल ने मां से देश और प्रदेश की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि यह शक्तिपीठ आध्यात्मिक शांति का केंद्र है। साथ ही यह हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का प्रतीक भी है। उन्होंने मंदिर की व्यवस्था और स्वच्छता की सराहना की। शिव पुराण के अनुसार, यहां आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी सती के रूप में विराजमान हैं। धाम में तीन प्रमुख देवियां हैं - मां विंध्यवासिनी, महाकाली और अष्टभुजा देवी। ये तीनों त्रिकोण यंत्र के रूप में प्रसिद्ध हैं। इस दौरान नगर विधायक रत्नाकर मिश्र, मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल और मझवां विधायक सुचिस्मिता मौर्य मौजूद रहीं। अपर जिलाधिकारी शिव प्रताप शुक्ल और नगर मजिस्ट्रेट विनीत उपाध्याय भी उपस्थित थे। राज्यपाल के अष्टभुजा निरीक्षण गृह पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन और पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा ने पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्रम देकर उनका स्वागत किया।

असम के राज्यपाल ने किए मां विंध्यवासिनी के दर्शन
असम के राज्यपाल ने हाल ही में मां विंध्यवासिनी के दर्शन किए और इस दौरान उन्होंने विंध्य कॉरिडोर की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कॉरिडोर युवाओं के सांस्कृतिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मां विंध्यवासिनी का दर्शन उनके लिए एक अद्भुत अनुभव रहा, जिसमें उन्होंने धार्मिक स्थलों की महत्ता और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण पर जोर दिया।
विंध्य कॉरिडोर का महत्त्व
राज्यपाल ने विंध्य कॉरिडोर के विकास को लेकर सकारात्मक विचार व्यक्त किए। उनका मानना है कि यह परियोजना न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि युवाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का भी कार्य करेगी। पहाड़ी क्षेत्र की प्रमुखताओं और धार्मिक स्थलों का सही ढंग से प्रचार-प्रसार करके विंध्य कॉरिडोर को एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाया जा सकता है।
युवाओं का सांस्कृतिक विकास
राज्यपाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि युवा पीढ़ी को अपने सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। विंध्य कॉरिडोर के माध्यम से विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जो युवाओं के विकास में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखना बहुत जरूरी है। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल युवाओं को जोड़ेंगे, बल्कि उनकी रचनात्मकता को भी विकसित करेंगे।
इस प्रकार के विचारों के माध्यम से, असम के राज्यपाल ने समाज में सांस्कृतिक चेतना और युवाओं के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। इससे न केवल असम बल्कि पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश जाएगा।
News by indiatwoday.com Keywords: असम राज्यपाल दर्शन, मां विंध्यवासिनी, विंध्य कॉरिडोर, सांस्कृतिक विकास, युवाओं का विकास, धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक चेतना, असम में पर्यटन, विंध्य क्षेत्र, असम की संस्कृति.
What's Your Reaction?






