आजमगढ़ में परीक्षा के निर्धारण में DIOS पाए गए दोषी:ज्वाइंट डायरेक्टर ने कराई थी मामले की जांच, केंद्र निर्धारण में की गई थी पैसे की वसूली
आजमगढ़ जिले में शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर दिनेश सिंह की जांच में जिला विद्यालय निरीक्षक उपेंद्र कुमार दोषी पाए गए हैं। बोर्ड परीक्षा के सेंटर निर्धारण में हुई गड़बड़ी में जिला विद्यालय निरीक्षक ने जेडी की जाँच में मोटी रक़म लेकर बोर्ड परीक्षा का सेंटर निर्धारण किया गया था। इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS)उपेन्द्र कुमार का वीडियोग्राफ़ी बयान भी दर्ज़ किया गया है। बयान में DIOS उपेन्द्र कुमार ने पैसा लेकर सेंटर निर्धारण की बात को क़बूल भी कर लिया है। DIOS के बयान के बाद जेडी दिनेश सिंह ने शासन को अपनी जाँच रिपोर्ट भेज दी है। जिसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द DIOS उपेन्द्र कुमार पर निलंबन की कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में परीक्षा प्रभारी उमाकांत यादव और एक लिपिक को पहले ही निलंबित किया किया जा चुका है। केंद्र निर्धारण में ढाई ढाई लाख रुपए से अधिक की हुई थी वसूली आजमगढ़ जिले में इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा के केंद्र निर्धारण में बड़ा खेल किया गया है। इसकी शिकायत शिक्षक संगठनों ने भी जिले स्तर पर की। इसके बाद भी किसी ने इसका संज्ञान नहीं लिया और केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया पूरी करते हुए जिले में 282 परीक्षा केंद्र बनाए गए। परीक्षा प्रभारी उमाकांत यादव ने केंद्र निर्धारण में मनमानी की। यहां तक की परीक्षा केंद्र बनाने के लिए ढाई-ढाई लाख रुपये वसूली करने का भी आरोप लगा। इसकी शिकायत नेता विरोधी दल लाल बिहारी यादव, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के संरक्षक रामजन्म सिंह व श्री दुर्गाजी इंटर कॉलेज ने सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज से की थी। सचिव ने जांच के आदेश दिए। संयुक्त शिक्षा निदेशक दिनेश सिंह ने मामले की जांच की तो कई आरोपों की पुष्टि हुई। जांच में सामने आया कि केंद्र निर्धारण को लेकर दो बैठक हुई थी। जिसमें एक डीएम ने बैठक ली थी। दूसरी बैठक हुई ही नहीं। इसके बाद भी बैठक होना दिखाया गया है। दोनों बैठकों में हुए हस्ताक्षर का मिलान किया गया तो डीएम नवनीत सिंह चहल का और अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर भिन्न पाए गए। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने इस मामले में परीक्षा बाबू के साथ ही डीआईओएस को भी दोषी पाया। इसे लेकर संयुक्त शिक्षा निदेशक दिनेश सिंह ने परीक्षा सचिव को अपनी जांच आख्या भेज दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि जांच में दोषी पाए गए डीआईओएस उपेंद्र कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में संयुक्त शिक्षा निदेशक दिनेश सिंह ने बताया कि केंद्र निर्धारण में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। वहीं, डीआईओएस भी इस मामले में दोषी पाए गए हैं। दो बैठक इनके द्वारा दिखाया गया है। दोनों बैठक में हुए हस्ताक्षर का मिलान किया गया तो डीएम के साथ ही अन्य सदस्यों का हस्ताक्षर भिन्न-भिन्न पाया गया।

आजमगढ़ में परीक्षा के निर्धारण में DIOS पाए गए दोषी
आजमगढ़: शिक्षा के क्षेत्र में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है, जहां परीक्षा के निर्धारण में District Inspector of Schools (DIOS) को दोषी पाया गया है। ज्वाइंट डायरेक्टर ने इस मामले की गहन जांच कराई थी, जिसमें यह बात सामने आई है कि केंद्र निर्धारण के दौरान पैसे की वसूली की गई थी। यह घटना न केवल शिक्षा जगत के लिए चिंताजनक है, बल्कि इससे छात्र-छात्राओं के भविष्य पर भी असर पड़ सकता है।
जांच की प्रक्रिया
जांच के दौरान कई सबूत जुटाए गए, जो इस बात का समर्थन करते हैं कि DIOS ने केंद्र निर्धारण में अनुचित तरीके से पैसे इकट्ठा किए। ज्वाइंट डायरेक्टर की निगरानी में हुई इस जांच ने शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया है, जो एक गंभीर समस्या है। यह न केवल सरकारी नीतियों की विफलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता की कितनी कमी है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि ऐसे मामले पहले भी सामने आए हैं, जिसमें पैसे के बदले अनियमितताएं की गई हैं। इस घटना से शिक्षा के प्रति छात्रों और अभिभावकों का विश्वास कमजोर होता है। यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों की कड़ी जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
भविष्य के लिए आशा
इस स्थिति को सुधारने के लिए, संबंधित अधिकारियों को चाहिए कि वे पारदर्शिता और नैतिकता को बढ़ावा दें। शिक्षा में सुधार लाने के लिए नए कानूनों की आवश्यकता है, जो इस तरह की भ्रष्टाचार की घटनाओं को रोक सकें। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो।
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