आपदा के बीच हेली सेवा का मानवता का अद्वितीय उदाहरण, थराली के गांव से गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट किया गया AIIMS ऋषिकेश
रैबार डेस्क: धराली के बाद थराली भी आपदी की मार झेल रहा है। चारों तरफ... The post आपदा में देवदूत बनी हेली सेवा, थराली के दूरस्थ गांव से गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट करके भेजा गया AIIMS ऋषिकेश appeared first on Uttarakhand Raibar.
आपदा के बीच हेली सेवा का मानवता का अद्वितीय उदाहरण, थराली के गांव से गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट किया गया AIIMS ऋषिकेश
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के थराली क्षेत्र में हाल ही में आई आपदा के दौरान एक गर्भवती महिला को हेली सेवा द्वारा सुरक्षित रूप से एयरलिफ्ट करके एम्स ऋषिकेश भेजा गया। यह घटना उस समय हुई जब चारों ओर भारी बारिश और भूस्खलनों के कारण जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था।
रैबार डेस्क: धराली और थराली दोनों ही आपदा का शिकार बने हैं। इस क्षेत्र में मलबे से सड़कों के ध्वस्त हो जाने से संपर्क मार्ग भी टूट चुके हैं, जिससे गर्भवती महिलाओं को बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखंड सरकार की हेली सेवा ने इस स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले बुधवार को थराली के रुईसाण गांव की गर्भवती महिला को रेस्क्यू कर एम्स ऋषिकेश भेजा गया।
आपदा के प्रभाव
22 अगस्त को उत्तराखंड में बादल फटने की घटना के परिणामस्वरूप स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई। थराली एवं उसके आसपास के गांवों में भारी बारिश और भूस्खलनों ने जनजीवन को बेहद प्रभावित किया है। सड़क मार्ग बाधित होने और कई गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट जाने के कारण लोगों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है। परिवहन के अभाव ने स्थानीय समुदाय को बड़ी परेशानियों में डाल दिया है। ऐसे समय में, हेली सेवा ने एक नई उम्मीद जगाई है।
गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा
थराली के गांव रूईसाण की निवासी अनिता देवी पत्नी संजय सिंह को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं पेश आईं। तुरंत कानूनी कार्रवाई करते हुए, उन्हें एयरलिफ्ट करके ऋषिकेश में एम्स भेजा गया। यह कदम आवश्यक और तात्कालिक था, क्योंकि सड़कें क्षतिग्रस्त थीं। पिछली आपदा के दौरान भी इस तरह की सहायता की गई थी, जहां दर्जनभर गर्भवती महिलाओं को इसी तरह अस्पताल पहुंचाया गया था। इस प्रकार की हेली सेवा प्रशासन के लिए सहायता का एक महत्वपूर्ण साधन बनती जा रही है।
स्थानीय प्रबंधन और राहत कार्य
स्थानीय प्रशासन के एसडीएम पंकज भट्ट ने बताया कि थराली में जिला पंचायत भवन के पास स्वास्थ्य केंद्र को शिफ्ट किया गया है। कुलसारी में स्थापित आपदा राहत कैंप में 300 से अधिक लोग रह रहे हैं, जहां प्रशासन ने भोजन और रहने की व्यवस्था की है। सड़कों की मरम्मत में अभी समय लगेगा। मुख्य बाजार में रहने वाले स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है, क्योंकि वहां जोखिम भरे बोल्डर के गिरने का खतरा बना हुआ है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे लोग डर में जी रहे हैं।
निष्कर्ष
आपदा के इस कठिन दौर में हेली सेवाओं ने निश्चित रूप से प्रभावित लोगों के लिए उम्मीद की किरण जगाई है। उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन की तत्परता ने साबित कर दिया है कि मानवता की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। हालाँकि समस्याएं मौजूद हैं, परंतु सच्चे सेवकों और सहयोग से आगे बढ़ने की आशा जिंदा है। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा और प्रभावित लोग अपने सामान्य जीवन की ओर लौट सकेंगे।
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— टीम इंडिया टूडे
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