आयुष्मान योजना में भुगतान संकट, डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन:आयुष्मान योजना के खिलाफ डॉक्टरों का प्रदर्शन, 150 करोड़ बकाया, डीएम आवास का किया घेराव

मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक आयुष्मान भारत योजना गरीबों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए चलाई जा रही है। लेकिन इस योजना के तहत काम करने वाले अस्पतालों और डॉक्टरों को लंबे समय से भुगतान नहीं मिल रहा है, जिससे वे बेहद परेशान हैं। बरेली में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बैनर तले सैकड़ों डॉक्टरों ने डीएम आवास का घेराव किया और सरकार व इंश्योरेंस कंपनियों के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन किया। IMA के मुताबिक, बरेली के अस्पतालों का लगभग 150 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है और इंश्योरेंस कंपनियां फाइलों में पेचीदगियों का हवाला देकर भुगतान रोक रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो वे मजबूरन आयुष्मान योजना के मरीजों का इलाज बंद करने पर विचार कर सकते हैं। जनवरी 2024 का भुगतान अब तक नहीं मिला – डॉ. अर्जुन अग्रवाल रुहेलखंड कैंसर हॉस्पिटल के डॉ. अर्जुन अग्रवाल ने कहा, हम जनवरी 2024 के बकाया भुगतान की बात कर रहे हैं, जो अब तक नहीं मिला है। हमारा अस्पताल अकेले 25 करोड़ रुपये की देनदारी झेल रहा है। ऐसे में अस्पतालों के संचालन में कठिनाइयां आ रही हैं। हमने मजबूर होकर डीएम से मिलने और प्रदर्शन करने का फैसला किया। डॉक्टरों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह योजना अच्छी है, लेकिन इंश्योरेंस कंपनियों और नौकरशाही की लालफीताशाही ने इसे जटिल बना दिया है। अस्पताल इलाज करें या कागजी कार्रवाई? – डॉ. सोमेश मेहरोत्रा दीपमाला हॉस्पिटल के डॉ. सोमेश मेहरोत्रा ने कहा, हम लोग एक अच्छी योजना के खराब प्रबंधन के कारण प्रदर्शन कर रहे हैं। मरीज को इलाज की तुरंत जरूरत होती है, लेकिन इंश्योरेंस कंपनियां पहले तमाम कागजी कार्यवाही की मांग करती हैं। उन्होंने आगे कहा, मरीज की गंभीर हालत में हमें पहले बीमारियों के प्रमाण, फोटो और दस्तावेज अपलोड करने पड़ते हैं। इतनी देर में तो मरीज की हालत और बिगड़ सकती है। इलाज के बाद भी छोटी-छोटी त्रुटियों के बहाने भुगतान रोक दिया जाता है। डॉ. मेहरोत्रा ने "ट्रीटमेंट डिलेड इज ट्रीटमेंट डिनाइड" का सिद्धांत दोहराते हुए कहा कि मरीजों का इलाज करने के बावजूद भुगतान न मिलना डॉक्टरों के लिए निराशाजनक है। जनवरी 2023 का भुगतान भी बाकी, छह महीने से एक भी पैसा नहीं – डॉ. हिमांशु अग्रवाल चंद्रलोक हॉस्पिटल के डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने कहा, हमारी सबसे बड़ी समस्या यह है कि दो साल से पेमेंट नहीं मिल रहा। मरीजों के इलाज, दवाइयों और जांचों में अस्पतालों ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिए हैं, लेकिन सरकार या इंश्योरेंस कंपनियां भुगतान नहीं कर रही हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी 2023 से ही कई अस्पतालों को भुगतान नहीं मिला है और अब हालात यह हैं कि पिछले छह महीने से कोई भी नया पेमेंट जारी नहीं हुआ है। डॉक्टरों का आरोप है कि जानबूझकर पेमेंट रोका जा रहा है और इंश्योरेंस कंपनियां नए-नए बहाने बनाकर डॉक्टरों को परेशान कर रही हैं। पहले 15 दिन में पेमेंट का वादा था, अब महीनों तक नहीं आता- डॉ. प्रगति अग्रवाल डॉ. प्रगति अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने योजना की शुरुआत में 15 दिन के अंदर भुगतान का वादा किया था, लेकिन अब महीनों तक पैसा नहीं मिलता। उन्होंने कहा, डिस्चार्ज के समय अगर इलाज को अप्रूवल मिल चुका है, तो बाद में किसी छोटी गलती पर भुगतान रोकना सरासर गलत है। कैसे करें इलाज, जब सरकार ही भुगतान नहीं कर रही?- डॉ. सुधा यादव डॉ. सुधा यादव ने बताया कि हम किसी मरीज का इलाज करने से पहले सरकार से अप्रूवल लेते हैं, लेकिन उसके बावजूद बाद में भुगतान रोक दिया जाता है। अगर अस्पतालों के पास पैसे ही नहीं होंगे तो वे इलाज कैसे करेंगे? डॉक्टरों का कहना है कि अगर यह समस्या जल्द हल नहीं हुई तो वे आयुष्मान योजना के मरीजों का इलाज बंद करने को मजबूर हो जाएंगे। उनका कहना है कि अगर इलाज मुफ्त ही रखना है, तो सरकार को खुद इसका खर्च वहन करना चाहिए, ना कि निजी अस्पतालों को बिना भुगतान के मरीजों का इलाज करने के लिए मजबूर किया जाए। सरकार कब उठाएगी ठोस कदम? आयुष्मान योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है, लेकिन इंश्योरेंस कंपनियों और सरकारी अव्यवस्था के कारण डॉक्टरों और अस्पतालों के लिए यह सिरदर्द बन गई है। बरेली में 150 करोड़ रुपए की देनदारी लंबित है, और कई डॉक्टर अब इस योजना से अलग होने का मन बना रहे हैं। सवाल यह है कि सरकार कब इस समस्या का समाधान करेगी, या फिर डॉक्टरों का संघर्ष इसी तरह जारी रहेगा?

Feb 11, 2025 - 19:00
 59  501822

आयुष्मान योजना में भुगतान संकट, डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन

आयुष्मान योजना, जो भारत सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य योजना है, इन दिनों गंभीर संकट का सामना कर रही है। हाल ही में, यह पता चला है कि योजना के तहत 150 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसके कारण डॉक्टरों में आक्रोश उत्पन्न हो रहा है। इस संकट के कारण, कई डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

समस्या का प्रमुख कारण

डॉक्टरों का कहना है कि पिछले कई महीनों से उन्हें इलाज के लिए आयुष्मान योजना के तहत तय की गई राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इस बकाया के चलते उनकी आर्थिक स्थितियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिससे पेशेवर असंतोष बढ़ रहा है।

विरोध प्रदर्शन का विस्तार

विरोध प्रदर्शन करते हुए डॉक्टरों ने डीएम आवास का घेराव किया है। यह एक प्रतीकात्मक कदम है, जिससे वे सरकार का ध्यान इस महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि इस संकट का समाधान जल्द से जल्द निकलना चाहिए, ताकि वे अपनी सेवाओं को सुचारू रूप से प्रदान कर सकें।

सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार ने इस मुद्दे पर जल्द ही बैठक आयोजित करने का आश्वासन दिया है। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनके बकाया का भुगतान नहीं किया जाता, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

इन सब मुद्दों के बीच, आयुष्मान योजना की साफ-सुथरी छवि को बनाए रखना एक चुनौती बन गई है। इसके लिए सरकारी तंत्र को सचेत रहने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

आयुष्मान योजना की वर्तमान स्थिति और डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन से यह स्पष्ट है कि व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। इसके साथ ही, सरकारी योजनाओं की सही ढंग से कार्यान्वयन से ही जनता के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकेगा।

अधिक अपडेट के लिए, विजिट करें indiatwoday.com Keywords: आयुष्मान योजना भुगतान संकट, डॉक्टरों विरोध प्रदर्शन, आयुष्मान योजना बकाया राशि, डीएम आवास घेराव, सरकारी स्वास्थ्य योजना, डॉक्टरों की आर्थिक समस्या, स्वास्थ्य योजना में भुगतान मुद्दे, आयुष्मान योजना नई जानकारी, आयुष्मान योजना से जुड़ी खबरें, भारत स्वास्थ्य सेवाएं

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow