इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोहिया संस्थान के साथ किया MOU:हाईकोर्ट के जजों और उनके आश्रितों को मिलेगी कैशलेस इलाज की सुविधा
लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अहम समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस MOU के तहत सेवारत, रिटायर न्यायाधीशों और उनके आश्रितों को कैशलेस इलाज की सुविधाएं मुहैया की जाएगी। हाईकोर्ट देगा कॉरपस फंड उच्च न्यायालय की ओर से संस्थान को एकमुस्त धनराशि (कॉरपस फंड) प्रदान किया जाएगा। इस धनराशि से उच्च न्यायालय द्वारा संस्थान को सूचित सेवारत, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और उनके आश्रीतों को गुणवत्तापूर्ण इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। यह समझौता ज्ञापन भर्ती होने वाले मरीजों पर लागू होगा। उच्च न्यायालय भर्ती होने वाले मरीज के लिए प्राधिकृत पत्र (ऑथराइजेशन लेटर) जारी किया जाएगा। करार के तहत न्यायाधीशों के इलाज के लिए संस्थान ने नया बैंक खाता खोला। ये रहे मौजूद इस मौके पर संस्थान के निदेशक डॉ.सीएम सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डॉ.विक्रम सिंह, कॉर्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ.भुवन चंद्र तिवारी, लेखाधिकारी अरूण कुमार श्रीवास्तव, इलाहाबाद उच्च न्यायालय से सीनियर रजिस्ट्रार विवेक, रजिस्ट्रार एकाउन्ट राकेश कुमार मिश्र, समीर जयसवाल, आनंद प्रताप सिंह मौजूद रहे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोहिया संस्थान के साथ किया MOU
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में लोहिया संस्थान के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परामर्श के अनुसार, हाईकोर्ट के जजों और उनके आश्रितों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह कदम न्यायिक कर्मचारियों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कैशलेस इलाज की सुविधा का महत्व
कैशलेस इलाज की सुविधा से जजों और उनके परिवार के सदस्यों को चिकित्सा सेवाओं का लाभ लेने में आसानी होती है। अब उन्हें अस्पताल में इलाज के दौरान भुगतानों की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह सुविधा न केवल समय की बचत करती है, बल्कि मानसिक संतोष भी प्रदान करती है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य लाभार्थियों को बीमारियों के उपचार में तेजी लाने का अवसर मिलता है।
MOU की विशेषताएं
इस समझौते के अंतर्गत, लोहिया संस्थान हाईकोर्ट के जजों के इलाज की सभी औपचारिकताओं का ध्यान रखेगा। इसमें प्राथमिक चिकित्सा, इमरजेंसी सेवाएं, और नियमित स्वास्थ्य जांच शामिल हैं। समझौता ज्ञापन के अनुसार, सभी प्रकार की चिकित्सा सेवाएं कैशलेस मोड में उपलब्ध होंगी, जिससे जजों और उनके परिवार के लिए यह प्रक्रिया सरल और सुव्यवस्थित हो जाएगी।
समझौते का उद्देश्य
हाईकोर्ट द्वारा यह पहल न्यायपालिका के कर्मचारियों के कल्याण और उनके स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने के लिए है। इस करार का उद्देश्य चिकित्सकीय सेवाओं को न केवल वेतनभोगियों के लिए, बल्कि उनके आश्रितों के लिए भी सुलभ बनाना है। इससे न्यायपालिका के सदस्यों की कार्यकुशलता में सुधार होगा और वे अपने कार्य में और भी प्रगति कर सकेंगे।
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