उत्तरकाशी में फिर खतरे की आहट! यमुना का जलस्तर बढ़ने से स्यानाचट्टी में बनी झील, घरों में घुसा पानी, कस्बा कराया खाली
रैबार डेस्क : उत्तरकाशी जिले से एक बार फिर से खतरे की आहट नजर आ... The post उत्तरकाशी में फिर खतरे की आहट! यमुना का जलस्तर बढ़ने से स्यानाचट्टी में बनी झील, घरों में घुसा पानी, कस्बा कराया खाली appeared first on Uttarakhand Raibar.
उत्तरकाशी में फिर खतरे की आहट! यमुना का जलस्तर बढ़ने से स्यानाचट्टी में बनी झील, घरों में घुसा पानी, कस्बा कराया खाली
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रैबार डेस्क: उत्तरकाशी जिले से एक बार फिर से खतरे की आहट नजर आ रही है। यमुनोत्री मार्ग पर स्यानाचट्टी के पास मलबा आने से अचानक यमुना नदी का प्रवाह रुक गया। इस वजह से यहां एक कृत्रिम झील बन गई है जिससे नदी का पानी आबादी वाले इलाके में घुस गया है। कई होटल और घर पानी में डूबे हुए नजर आ रहे हैं। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने पूरे इलाके को खाली कर दिया है।
स्यानाचट्टी में हालात गंभीर
जानकारी के अनुसार, स्यानाचट्टी के पास अचानक से कुपड़ा खड्ड में भारी मलबा और बोल्डर आ गए, जिससे यमुना का प्रवाह रुक गया। इस क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से बारिश के बाद पहले से ही काफी पानी जमा हो चुका था। मलबा आने के बाद यहां कृत्रिम झील का आकार बढ़ गया है, जिससे आसपास के भवनों, दुकानों, होटलों और स्कूलों में पानी घुस गया है। यमुनोत्री हाईवे पर बने मोटर पुल का भी डूबने का खतरा बना हुआ है, जिसके कारण स्थानीय निवासियों में भय का माहौल है।
प्रशासन की तैयारी और बचाव कार्य
सूत्रों के अनुसार, स्यानाचट्टी के दाईं ओर से बहने वाले कुपड़ा खड्ड में भारी बारिश और चटख धूप के कारण मलबा और पत्थर बह कर आ रहे हैं, जिससे यमुना नदी के बहाव को प्रभावित कर झील की स्थिति उत्पन्न हो रही है। यहां लंबे समय से सिंचाई विभाग की तीन पोकलेन मशीनें कार्यरत हैं, जो यमुना नदी के जलप्रवाह को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही हैं। फिर भी कुपड़ा खड्ड का रौद्र रूप इस प्रयास को प्रभावी नहीं होने दे रहा है।
एसएसपी सरिता डोभाल ने जानकारी दी कि जैसे ही झील बनने और उसके पानी का आबादी में घुसने की सूचना मिली, पुलिस ने तुरंत क्षेत्र को खाली करवा दिया। सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वर्तमान में एसडीआरएफ की एक टीम मौके पर मौजूद है और अन्य टीमों को भी झील खोलने के लिए भेजा जा रहा है। फिलहाल हालात सामान्य बताए जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन के द्वारा स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
स्थानीय लोगों की सुरक्षितता पर ध्यान
स्थानीय लोगों की सुरक्षा प्राथमिकता है। प्रशासन ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं ताकि किसी भी प्रकार की आपातस्थिति से निपटा जा सके। हाल ही में आए प्राकृतिक तूफानों और बारिशों के कारण उत्तरकाशी जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में एहतियाती कदम उठाना आवश्यक है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद इलाके में रह रहे लोगों की मदद के लिए स्वास्थ्य टीमों और राहत सामग्री की व्यवस्था की जा रही है।
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निष्कर्ष
उत्तरकाशी में एक बार फिर से प्राकृतिक आपदाओं का ख़तरा देखने को मिला है। प्रशासन और स्थानीय लोगों के सहयोग से इस संकट से निपटने का प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही स्थितियां सामान्य होंगी और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सकेगा। सुरक्षित रहना हमारी प्राथमिकता है।
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