उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्तर का फ़िल्म महोत्सव आयोजित करने पर कार्य करें- मुख्य सचिव
देहरादून। उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिन उपाध्याय ने गुरुवार को मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन से शिष्टाचार भेंट की और परिषद की गतिविधियों की जानकारी दी। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में फ़िल्म निर्माण से जुड़े इको सिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने इस बात […]

उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्तर का फ़िल्म महोत्सव आयोजित करने पर कार्य करें- मुख्य सचिव
देहरादून। उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिन उपाध्याय ने गुरुवार को मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन से शिष्टाचार भेंट की और परिषद की गतिविधियों की जानकारी दी। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में फिल्म निर्माण से जुड़े इको सिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर का फिल्म महोत्सव आयोजित करने हेतु प्रस्ताव तैयार किया जाए। इसके साथ ही दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में लो-कॉस्ट (कम लागत) सिनेमा हॉल की संभावनाओं पर विचार करने और स्थानीय युवाओं एवं कलाकारों को अधिक अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम किया जाए।
उत्तराखण्ड की फिल्म नीति का क्रियान्वयन
उपाध्याय ने मुख्य सचिव को राज्य की फिल्म नीति के क्रियान्वयन के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में फिल्म निर्माण हेतु अनुमति प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम पहले से संचालित है। पिछले एक वर्ष में प्रदेश में लगभग 30 क्षेत्रीय फिल्मों का निर्माण हुआ है या निर्माणाधीन है। इसके अलावा कई बड़े बैनर और बजट की हिंदी फिल्में तथा वेब सीरीज़ भी उत्तराखण्ड में शूट हो रही हैं, जिससे प्रदेश फिल्मकारों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है।
इको सिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए कदम
मुख्य सचिव के अनुसार, राज्य में फिल्म निर्माण से संबंधित इको सिस्टम को तैयार करने के लिए उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विशेष रूप से इस बात को भी रेखांकित किया कि फिल्म महोत्सव का आयोजन न केवल स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। इसके जरिए स्थानीय संस्कृति और कला को भी देश और विदेश में पहचान मिलेगी, जो राज्य के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
स्थानीय युवाओं को अवसर उपलब्ध कराना
मुख्य सचिव ने कहा कि उचित प्रशिक्षण और संसाधनों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को फिल्म उद्योग में करियर बनाने के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि स्थानीय कलाकारों को प्रमुखता दी जाए और उन्हें काम करने के अवसर मिले। इस दिशा में उठाए गए कदमों से न केवल रोजगार सृजन होगा, बल्कि युवाओं में सृजनात्मकता और आत्मनिर्भरता का विकास भी होगा।
निवेशक आकर्षित करने की संभावना
उत्तराखण्ड के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर के चलते, यह फिल्म निर्माताओं के लिए एक आदर्श स्थान है। अगर सही तरीके से प्रचार-प्रसार किया जाए, तो यहां निवेशकों की एक बड़ी संख्या को आकर्षित किया जा सकता है। यह न केवल राज्य के आर्थिक विकास में मदद करेगा, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी इसका दीर्घकालिक लाभ होगा।
निष्कर्ष
मुख्य सचिव आंनद बर्द्धन द्वारा सुझाए गए कदम राज्य में फिल्म निर्माण की संभावनाओं को बढ़ाने वाले हैं। साथ ही स्थानीय कलाकारों और युवाओं को नए अवसर प्रदान करना उन्हें अपने सपनों को पूरा करने में मदद करेगा। यह एक ऐसा अवसर है जब उत्तराखण्ड में फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा सके और स्थानीय प्रतिभाओं को अपने हुनर को प्रदर्शित करने का एक मंच मिल सके। इस दिशा में यदि ठोस कदम उठाए जाते हैं, तो उत्तराखण्ड जल्द ही भारतीय फिल्म उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है।
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लेखक: नेहा शर्मा, प्रियंका वर्मा
टीम IndiaTwoday
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