भारी बारिश में भी धरने पर डटे हैं हटाए गए BSNL ठेका कर्मचारी, चुप्पी साधे हैं जिम्मेदार अधिकारी

नई टिहरी : BSNL CCWF टिहरी, उत्तरकाशी, बड़को व घनसाली से जुड़े श्रमिकों का धरना तीसरे दिन भी नई टिहरी स्थित उपमहाप्रबंधक दूरसंचार कार्यालय के मुख्य गेट पर जारी रहा। धरना दे रहे श्रमिकों ने हटाए गए श्रमिकों की शीघ्र बहाली की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि फरवरी 2025 से प्रारंभ हुई अपकीप निविदा में …

Aug 28, 2025 - 00:27
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भारी बारिश में भी धरने पर डटे हैं हटाए गए BSNL ठेका कर्मचारी, चुप्पी साधे हैं जिम्मेदार अधिकारी
नई टिहरी : BSNL CCWF टिहरी, उत्तरकाशी, बड़को व घनसाली से जुड़े श्रमिकों का धरना तीसरे दिन भी नई टिहरी स्थ

भारी बारिश में भी धरने पर डटे हैं हटाए गए BSNL ठेका कर्मचारी, चुप्पी साधे हैं जिम्मेदार अधिकारी

नई टिहरी : BSNL CCWF टिहरी, उत्तरकाशी, बड़को व घनसाली से जुड़े श्रमिकों का धरना तीसरे दिन भी नई टिहरी स्थित उपमहाप्रबंधक दूरसंचार कार्यालय के मुख्य गेट पर जारी रहा। इन कर्मचारियों ने भारी बारिश में भी अपने हक की आवाज उठाते हुए धरना जारी रखा। उनके द्वारा उठाई गई मांगें न केवल उनकी नौकरी के लिए बल्कि बेहतर श्रमिक अधिकारों के लिए भी हैं।

धरने की प्रगति और श्रमिकों की मांगें

धरना दे रहे श्रमिकों ने हटाए गए श्रमिकों की शीघ्र बहाली की मांग उठाई है। श्रमिकों का कहना है कि फरवरी 2025 से प्रारंभ हुई अपकीप निविदा में कार्यरत श्रमिकों को श्रम कानूनों के अनुसार समय पर न्यूनतम वेतन, ईपीएफ और ईएसआई जैसी सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं नियमित रूप से उपलब्ध कराई जाएं। यह भी स्पष्ट है कि श्रमिक नेताओं ने आरोप लगाया है कि क्लस्टर निविदाओं में श्रमिकों को अल्प वेतन दिया जा रहा है और उन्हें ईपीएफ-ईएसआई जैसे अधिकारों से वंचित रखा गया है।

ज़िम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी

विस्थापित ठेका श्रमिकों का यह धरना इस बात को उजागर करता है कि कैसे श्रमिकों के अधिकारों की अनदेखी की जा रही है। ठेका श्रमिकों ने दावा किया है कि उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है और ठेकेदारों द्वारा शोषण का भी आरोप लगाया गया है। सबसे चिंतनीय बात यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे श्रमिकों में निराशा व्याप्त है। श्रमिकों का कहना है कि अगर शीघ्र सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।

एक मजबूत संदेश

हटाए गए ठेका कर्मचारियों का यह धरना साफ संदेश भेजता है कि श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। COVID से प्रभावित श्रमिकों की स्थिति और भी गंभीर हो चुकी है। समाज का यह दायित्व बनता है कि वे श्रमिकों को न्याय दिलाने के लिए सरकार और संबंधित अधिकारियों पर दबाव डालें।

निष्कर्ष

BSNL के हटाए गए ठेका कर्मचारियों का संघर्ष एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि हमारे देश में श्रमिकों के अधिकारों के लिए आवाज उठाना कितना आवश्यक है। यह धरना केवल एक नौकरी की बहाली की मांग नहीं कर रहा, बल्कि यह श्रमिक सुरक्षा, न्यूनतम वेतन और अन्य अधिकारों के लिए भी एक प्रमुख कदम है। आशा की जाती है कि सरकार और संबंधित अधिकारी इस समस्या पर ध्यान देंगे और जल्द से जल्द समाधान निकालेंगे।

इस धरने के बारे में अधिक अपडेट के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएँ: IndiaTwoday

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