ऑस्ट्रेलियन ओपनर कोंस्टास बोले- बुमराह को उकसाना मेरी गलती:ख्वाजा बैटिंग में टाइम काट रहे थे, जसप्रीत ने रोका तो मैंने उन्हें गुस्सा दिला दिया
19 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई ओपनर सैम कोंस्टस ने जसप्रीत बुमराह के साथ सिडनी में हुए विवाद पर अपनी गलती मानी है। उन्होंने कहा, मैं बैटिंग के लिए ज्यादा वक्त ले रहा था, जिससे बुमराह परेशान हुए। भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2-1 से गंवानी पड़ी थी। सीरीज का आखिरी मैच 3 जनवरी से सिडनी में खेला गया था। मैच के पहले दिन के आखिरी ओवर में कोंस्टस बिन वजह बुमराह से भिड़ गए थे। कोंस्टस-बुमराह विवाद के फोटोज... कोंस्टस ने मानी गलती - कोंस्टस ने इस मामले ऑस्ट्रेलियाई चैनल ट्रिपल M पर कहा, वह (बुमराह) दिन का आखिरी ओवर डाल रहे थे। उस्मान और मैं बैटिंग के लिए तैयार होने में ज्यादा वक्त लेना चाह रहे थे। लेकिन गलती मेरी ही थी। यह क्रिकेट का हिस्सा है। बुमराह को क्रेडिट जाता है कि उन्होंने उस्मान को अगली ही बॉल पर आउट कर दिया। क्या था विवाद? बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में सिडनी टेस्ट के पहले दिन का खेल चल रहा था। बुमराह गेंदबाजी कर रहे थे। ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए उस्मान ख्वाजा और कोंस्टस ओपनिंग के लिए आए। बुमराह चाह रहे थे कि बिना समय गंवाए और ओवर फेंक लिए जाए। लेकिन ख्वाजा लगातार बैटिंग करने में वक्त लगा रहे थे। इस बीच कोंस्टस ने बुमराह को भड़काने के लिए कुछ कहा। जिसके बाद दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। बीच में अंपायर ने आकर दोनों को अलग किया। हालांकि आखिरी बॉल पर बुमराह ने कमाल दिखाते हुए उस्मान ख्वाजा को स्लिप पर केएल राहुल के हाथों कैच आउट करा दिया। बुमराह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे। उन्होंने 5 मैच में 32 विकेट लिए। मैदान पर चाहे कुछ भी हो मैं अपना बेस्ट परफॉरमेंस देता हूं कोंस्टस ने कहा बुमराह शानदार बॉलर हैं। हमने सीरीज में अच्छा परफॉर्म किया। मैदान पर चाहे कुछ भी हो, मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं। मुझे लगता है मेरे आने से दूसरी टीम में कुछ घबराहट बनी हुई थी। श्रीलंका के खिलाफ खेल सकते हैं सैम सैम कोंस्टस का भारत के खिलाफ अटैकिंग बैटिंग स्टाइल ने सभी को प्रभावित किया था। कोंस्टस के प्रदर्शन ने आगामी श्रीलंका दौरे की टीम में उनके शामिल होने की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। इस पर उन्होंने कहा, मेरे को अभी तक नहीं पता कि मेरा चयन हुआ है या नहीं। मुझे लगता है कि हम अगले कुछ दिनों में पता लगेगा। ऑस्ट्रेलिया को श्रीलंका के खिलाफ 29 जनवरी और 6 फरवरी को 2 टेस्ट मैचों की सीरीज श्रीलंका में ही खेलनी है। ----------------------- स्पोर्ट्स की यह खबर भी पढ़ें... गावस्कर बोले - रोहित-कोहली का टेस्ट फ्यूचर सिलेक्टर्स पर भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है की रोहित शर्मा और विराट कोहली का क्रिकेटिंग भविष्य अब सिलेक्टर्स के हाथों में हैं। पिछले छह महीनों से आउट ऑफ फॉर्म चल रहे दोनों बल्लेबाजों की वजह से टीम के प्रदर्शन में कमी आई है। पढ़ें पूरी खबर...

ऑस्ट्रेलियन ओपनर कोंस्टास बोले- बुमराह को उकसाना मेरी गलती
ख्वाजा और जसप्रीत बुमराह के बीच हाल ही में ओवल में खेले गए एक महत्वपूर्ण क्रिकेट मैच के दौरान एक रोचक द्रष्टांत सामने आया। ऑस्ट्रेलियन ओपनर कोंस्टास ने खुलासा किया कि उन्होंने जानबूझकर जसप्रीत बुमराह को उकसाया था, जिससे मैच के दौरान तनाव बढ़ गया। कोंस्टास ने कहा कि ख्वाजा अपनी बैटिंग में टाइम काट रहे थे और जसप्रीत ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस स्थिति ने गुस्से को जन्म दिया और इस घटना ने खेल के माहौल में गर्मी ला दी।
घटना का ब्योरा
कोंस्टास ने मैच के बाद अपनी टिप्पणी में इस स्थिति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, "मेरी गलती थी कि मैंने बुमराह को उकसाने का प्रयास किया। ख्वाजा के बैटिंग में टाइम काटने से मैच का रुख बदल सकता था। मैंने चिंता में आकर कुछ कहा जो कि उचित नहीं था।" यह बात सच है कि क्रिकेट मैचों में खिलाड़ी अक्सर मानसिक खेल का हिस्सा बन जाते हैं।
खेल की तात्कालिकता
क्रिकेट में खेल की तात्कालिकता और खिलाड़ियों के बीच की प्रतिनियुक्तियों का महत्व अत्यधिक होता है। कोंस्टास की इस घटना ने दिखाया कि कैसे एक छोटी सी बात बड़े तनाव को जन्म दे सकती है। बुमराह जैसे अनुभवी गेंदबाज का गुस्सा सही मायनों में खेल में एक नया आयाम जोड़ सकता है।
क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह समझना आवश्यक है कि खिलाड़ी केवल शारीरिक खेल ही नहीं बल्कि मानसिक खेल भी खेलते हैं। ऐसे क्षणों का महत्व तब और बढ़ जाता है जब दोनों टीमें जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही होती हैं।
निष्कर्ष
अंत में, कोंस्टास की इस गलती ने क्रिकेट की जादुई दुनिया में एक और दिलचस्प मोड़ दिया। खेल की ऐसी पृष्ठभूमि हमेशा दर्शकों के लिए उत्साहजनक होती है। असल में, ये वही क्षण हैं जो खेल को जीवित रखते हैं। इसके साथ ही, खिलाड़ियों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए कि किस तरह से उनके शब्द और कार्य उनके और उनकी टीम के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
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