कर्ज से परेशान किसान ने दी जान:बहराइच में आम के बाग में फंदे से लटका मिला शव, परिजनों ने बताया- लेनदार करते थे प्रताड़ित

बहराइच के रानीपुर थाना क्षेत्र में एक किसान ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। पंडितपुरवा गांव के राजेंद्र कुमार मिश्रा का शव गुरुवार को उनके घर से कुछ दूर स्थित आम के बाग में फंदे से लटका मिला। रास्ते से गुजर रहे ग्रामीणों ने सबसे पहले शव को देखा। उन्होंने तुरंत परिजनों को सूचना दी। मौके पर पहुंचे परिजन शव को देखकर रो पड़े। सूचना मिलते ही रानीपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को नीचे उतरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के भतीजे ने बताया कि उनके चाचा ने बैंक और स्थानीय लोगों से कर्ज ले रखा था। वे कर्ज चुका नहीं पा रहे थे। इसी कारण वे काफी समय से परेशान चल रहे थे। रानीपुर थाना प्रभारी के अनुसार प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।

Feb 21, 2025 - 10:00
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कर्ज से परेशान किसान ने दी जान:बहराइच में आम के बाग में फंदे से लटका मिला शव, परिजनों ने बताया- लेनदार करते थे प्रताड़ित
बहराइच के रानीपुर थाना क्षेत्र में एक किसान ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। पंडितपुरवा ग
कर्ज से परेशान किसान ने दी जान: बहराइच में आम के बाग में फंदे से लटका मिला शव, परिजनों ने बताया- लेनदार करते थे प्रताड़ित News by indiatwoday.com

संक्षिप्त विवरण

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के एक किसान ने आर्थिक समस्याओं से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। शव स्थानीय आम के बाग में फंदे से लटका हुआ पाया गया। परिवार के सदस्यों ने बताया कि देनदारी के कारण किसान को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। इस घटना ने जिले में एक बार फिर कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की आत्महत्या की गंभीर समस्या को उजागर किया है।

किसान की स्थिति

किसान को अपने ही क्षेत्र के ऋणदाताओं द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा था जिसने उनकी मानसिक स्थिति को काफी कमजोर कर दिया था। परिजनों ने बताया कि किसान अपने कर्ज को चुकता करने के लिए desperately प्रयास कर रहा था, लेकिन उसकी मेहनत के बावजूद आर्थिक स्थितियां पलटने में असफल रहीं।

सामाजिक प्रभाव

इस घटना ने गांव के अन्य किसानों को भी चिंता में डाल दिया है। कृषि क्षेत्र में कर्ज की समस्या से जूझ रहे किसान आत्महत्या को एक अंतिम विकल्प मानते जा रहे हैं। इससे न केवल आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि सामाजिक संरचना भी प्रभावित हो रही है।

सरकार का जवाब

स्थानीय प्रशासन से इस मामले में उचित कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। सरकार को चाहिए कि वह किसानों की सुरक्षा और उनकी वित्तीय सहायता के लिए ठोस कदम उठाए। नीति निर्माताओं को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

उपसंहार

इस दुखद घटना ने एक बार फिर कर्ज के संकट को उजागर किया है और आवश्यकता है कि सभी मिलकर इसके समाधान की दिशा में काम करें। सरकार, संस्थाएं और समाज को मिलकर इस दिशा में प्रयास करने चाहिए ताकि किसानों को उचित समर्थन एवं सुरक्षा मिल सके। Keywords: कर्ज से परेशान किसान, बहराइच, किसान ने आत्महत्या, आम के बाग में शव, किसान की आत्महत्या, कर्ज भार, आर्थिक समस्या, किसान प्रताड़ना, उत्तर प्रदेश किसान समस्या, किसानों के लिए सहायता, किसान की स्थिति, कृषि क्षेत्र संकट, सोसाइटी ओवर किसानों, किसान की सुरक्षा, देनदारी के कारण किसान, आत्महत्या के कारण.

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