कानपुर DM ने की गरीब बच्चों की मदद:दिव्यांग पिता ने गेहूं बेचकर जुटाए पैसे, बेटी ने कहा- पुलिस ऑफिसर बनकर गरीबों को दिलाएगी न्याय

कानपुर डीएम के ने घाटमपुर के दिव्यांग परिवार के तीन बच्चों की स्कूल फीस जमा करने के बाद चर्चा में आया मुन्ना सिंह का परिवार। तीनों बच्चे पढ़ने में होशियार बताए जा रहे हैं। बेटी ने आठवीं में चार विषय में टॉप किया है। यह देखकर डीएम ने बच्चों की फीस जमा की है। दैनिक भास्कर टीम ने मुन्ना सिंह के घर पहुंचकर उनसे बातचीत की। दैनिक भास्कर टीम कानपुर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित घाटमपुर तहसील के तहरापुर गांव पर पहुंची। यहां पर गांव के बाहर हमारी मुलाकात एक युवक से हुई, उसने हमें बताया कि आप सीधे चले जाए। गांव के अंदर घुसते ही गली में नीम के पेड़ के नीचे ईंटों में काले रंग का तिरपाल पड़ा हुआ एक घर दिखाई दिया। घर के अंदर आंगन में मुन्ना सिंह अपनी बेटी कुंती और बेटे कन्हैयालाल के साथ बैठे बातचीत कर रहे थे। उन्होंने हमे बातचीत में बताया कि साहब हम कई दिनों से तहसील के चक्कर लगा रहे थे। कोई सुनने वाला नहीं था। फिर उन्होंने दस किलो गेहूं बेचकर रुपए जुटाए और बच्चों को लेकर कानपुर डीएम कार्यालय पहुंचे। वहां पर उन्होंने कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह को पूरी दास्तां सुनाई। उन्होंने डीएम से बताया कि तहसील में कोई अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है। हालांकि उनके पास इतने पैसे नहीं है, की वह अपने बच्चों की फीस जमा कर सके। यह सुनकर डीएम ने बच्चों से कुछ सवाल किए। और पढ़ाई में कितने नंबर आए यह पूछा। पढ़ाई में अच्छा देखकर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने स्कूल प्रबंधन से बातचीत करके तीनों बच्चों के स्कूल की फीस जमा कर दी। इसके बाद दिव्यांग ने डीएम को धन्यवाद कहा, उन्होंने हमे बताया कि हमें लगा कि कोई फरिश्ता मिल गया जो। उन्हें लग रहा था, कि अब उनके बच्चे आगे नहीं पढ़ पाएंगे। लेकिन ऐसे अधिकारी हो तो बच्चे पढ़कर अपने सपने पूरे कर सकते है। हमने मुन्ना सिंह की बेटी कुंती जो कक्षा 9वीं की छात्रा है, उससे बात कि कुंती ने हमें बताया कि उनके पिता दिव्यांग है, और मां मानसिक रूप से बीमार इसके चलते वह कभी कभी स्कूल जा पाती है। अक्सर फ्री समय मिलने पर घर पर पढ़ाई करती है। उसका सपना है, कि वह पढ़ाई करके पुलिस अफसर बनकर गरीब लोगों को न्याय दिलाने का काम करेगी। जिससे उसके साथ जो गरीबी में हुआ है। वो ओर किसी के साथ न हो। कुंती ने कहा कि अगर वह पुलिस अफसर बनी तो वह कोशिश करेगी कि किसी भी बच्चे की पढ़ाई गरीबी की वजह से न रुके। कई बार फीस न होने की वजह से उसे स्कूल में जलील होना पड़ा। हालाकि डीएम द्वारा स्कूल की फीस जमा करने की बात पर बोली वो मेरे पिता के समान है। मैं उन्हें बहुत बहुत धन्यवाद देती हूं। टूटी पड़ी छत आवास की आस लगाए परिवार दिव्यांग मुन्ना सिंह ने बताया कि उनके घर की छत कच्ची है। बरसात के दिनों में आगे वाले कमरे की छत ढह गई थी। इसके बाद से वह लगभग दो साल से आवास के लिए अधिकारियों के चक्कर काट चुके है। लेकिन अभी तक उनका नाम आवास योजना सूची में नहीं शामिल किया गया है। उन्होंने घाटमपुर एसडीएम यादुवेंद्र सिंह वैश्य से आवास योजना का लाभ दिलाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि सरकारी योजना के नाम पर सिर्फ उन्हें राशन कार्ड की सुविधा मिली है। SDM बोले- परिवार की समस्या का करेंगे समाधान घाटमपुर एसडीएम यादुवेंद्र सिंह वैश्य ने बताया कि मुन्ना सिंह की जमीन का मामला कोर्ट में चल रहा है। पत्रावली का अवलोकन करके जल्द निस्तारित किया जाएगा। इसके साथ ही परिवार ने आवास योजना दिलाने की मांग की है। इसके लिए पंचायत सचिव को जांचकर आवास योजना सूची में नाम शामिल करने को कहा जाएगा। वह गरीब परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करेंगे। ताकि उनकी जिंदगी सवर सके।

Jan 25, 2025 - 10:59
 60  501823
कानपुर DM ने की गरीब बच्चों की मदद:दिव्यांग पिता ने गेहूं बेचकर जुटाए पैसे, बेटी ने कहा- पुलिस ऑफिसर बनकर गरीबों को दिलाएगी न्याय
कानपुर डीएम के ने घाटमपुर के दिव्यांग परिवार के तीन बच्चों की स्कूल फीस जमा करने के बाद चर्चा में

कानपुर DM ने की गरीब बच्चों की मदद

बीते घटनाक्रम

कानपुर के DM ने गरीब बच्चों की सहायता करने का एक अनूठा उदाहरण पेश किया है, जो न केवल प्रेरणादायक है बल्कि समाज के प्रति दायित्व को भी दर्शाता है। यह घटना तब चर्चा में आई जब एक दिव्यांग पिता ने अपनी बेटी के भविष्य को संवारने के लिए गेहूं बेचा। उनके इस संघर्ष को देखने के बाद DM ने उनकी मदद का हाथ बढ़ाया।

पिता का संघर्ष और बेटी की महत्वाकांक्षा

दिव्यांग पिता ने कठिनाईयों का सामना करते हुए अपनी बेटी के लिए पैसे जुटाने के लिए गेहूं बेचे। उन्होंने अपनी बेटी की शिक्षा को प्राथमिकता दी है और यह दृष्टिकोण उनके साहस को दर्शाता है। उनकी बेटी का सपना है कि वह एक दिन पुलिस ऑफिसर बनेगी और गरीबों को न्याय दिलाएगी। यह कहानी न केवल उनके परिवार की स्थिरता की कहानी है, बल्कि यह समाज में बदलाव लाने की कोशिश का भी प्रतीक है।

DM की पहल और समाज पर प्रभाव

कानपुर के DM ने इस परिवार की सहायता करने का निश्चय किया है, जो कि जरूरतमंद लोगों के प्रति उनकी जिम्मेदारी को प्रदर्शित करता है। DM की इस पहल से न केवल उस विशेष परिवार को बल मिलेगा, बल्कि अन्य जरूरतमंदों को भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।

समाज में एक नई आशा

इस घटना से यह साफ है कि जब हम मिलकर काम करते हैं, तो हर किसी के लिए उम्मीद और संभावनाएँ पैदा कर सकते हैं। कानपुर DM की मदद से इस पिता और बेटी की कहानी ने समाज में एक नई आशा जगाई है कि सच्चे प्रयासों से किसी भी परिस्थिति को बदला जा सकता है।

News by indiatwoday.com Keywords: कानपुर DM, गरीब बच्चों की मदद, दिव्यांग पिता, गेहूं बेचना, बेटी पुलिस ऑफिसर, गरीबों को न्याय, आसान आर्थिक स्थिति, समाज में बदलाव, शिक्षा का महत्व, प्रेरणादायक कहानी, कानपुर गरीब परिवार, DM की पहल, दिव्यांग का संघर्ष, न्याय दिलाने का सपना, समाज की जिम्मेदारी, शिक्षा में मदद

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow