गैंगरेप पीड़िता से ड्रग्स-शराब के नशे में 7 दिन दरिंदगी:आरोपियों में सेक्स रैकेट माफिया, देह व्यापार में धकेला; 24 घंटे में 9 आरोपी दबोचे
वाराणसी में गैंगरेप की वारदात में 24 घंटे बाद पुलिस के हाथ कई नए सुराग लगे हैं। वारदात में शामिल आरोपी सामान्य अपराधी नहीं बल्कि सेक्स रैकेट के माफिया हैं। हुक्का बार और स्पा के नाम पर देह व्यापार से जुड़े इस माफिया ही मास्टर माइंड है। गैंगरेप केस में शामिल आरोपियों की मंशा पीड़िता को देह व्यापार कारोबार में धकेलने की थी, 7 दिन दरिंदगी इसी का हिस्सा थी। आरोपियों ने युवती को पहले शराब का नशा कराया फिर ड्रग्स समेत अन्य नशे का आदी बनाया। हुक्का-बार में उसकी नुमाइश की फिर उसके करीबी दोस्त की मदद से दूसरे लोगों के आगे परोस दिया। पीड़ित लगातार सात दिन दरिंदगी का शिकार होती रही, वहीं परिवार उसकी तलाश और वारदात से बेखबर था। पीड़िता के पिता ने बेटी के नशे की हालत में पहुंचने और दो दिन तक बदहवास हालात में रहने की बात कही। उसका कहना है कि बेटी को शराब के अलावा ड्रग्स, हेरोईन जैसा नशा दिया गया है। उधर, चिकित्सकों ने भी शराब ड्रग्स की संभावना से इनकार नहीं किया है, हालांकि उन्हें लैब रिपोर्ट का इंतजार है। वाराणसी में युवती से गैंगरेप में शासन तक हड़कंप मचा है, किरकिरी के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने 24 घंटे की ताबड़तोड़ दबिश में नौ आरोपियों का गिरफ्तार किया है। इसमें हुक्कबार और स्पा पार्लर चलाने वाले भी शामिल है। अभी 3 नामजद समेत 11 अज्ञात की तलाश जारी है, इसमें एक आरोपी के परिजन से पुलिस पूछताछ कर रही है। आरोपियों में कारोबारी से लेकर छात्र तक शामिल हैं लेकिन सिगरा स्थित एक हुक्काबार का संचालक अनमोल गुप्ता गैंग का सरगना है। वह सेक्स रैकेट भी चलाता है, जिसके आरोप में पहले भी जेल जा चुका है। उसके खिलाफ कैंट थाने में 2022 में सेक्स रैकेट संचालन का केस दर्ज हुआ था, जिसमें पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा अन्य आरोपी अलग-अलग दुकानों पर काम करते हैं लेकिन सभी आरोपियों का कनेक्शन हुक्का बार से जुड़ा है। इसमें दो आरोपी दानिश एक होटल पर काम करता है, जहां पार्ट टाइम के लिए युवती का आना जाना था। इसी हुक्काबार में उसकी इन सभी से दोस्ती हुई, जिन्होंने बाद में उसके साथ गैंगरेप किया। पुलिस की माने तो अज्ञात आरोपियों को स्पा सेंटर में बुलाकर युवती को उनके आगे परोसा गया था, वहीं मेहमानों की मसाज करने के बहाने देह व्यापार और अनैतिक संबंध बनाने के लिए भी दबाव बनाया जाता था। कई बार उसे नशा देकर अचेतन कर दिया जिसके चलते युवकों की दरिंदगी का विरोध तक नहीं कर सकी। 24 घंटे 20 दबिश और 100 कैमरे खंगाले वारदात के खुलासे में जुटी 4 थानों की पुलिस ने दो रातों तक आरोपियों की तलाश की। आरोपियों की तलाश में 24 घंटे में 33 स्थानों पर दबिश दी तो 100 से अधिक कैमरे भी खंगाले गए। सिगरा थानाध्यक्ष समेत पुलिस टीम और तीन चौकियों के इंचार्जों ने संभावित हुक्का-बार और स्पा सेंटर पर छापे मारे। इसी दौरान अनमोल गुप्ता की गिरफ्तारी हो गई। सिगरा के अलावा कैंट थाना पुलिस, लालपुर थाना पुलिस और लंका पुलिस को आरोपियों को लगाया गया था। टीमों ने पहले राउंड में छह और दूसरे राउंड में तीन अन्य आरोपियों को दबोच लिया। पुलिस आज मामले का खुलासा करेंगी और पूरी वारदात को रखेगी। आरोपियों की अपील जिला कोर्ट से खारिज होने के बाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। इसके पिता पर भी देह व्यापार के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगा था। हालांकि अनमोल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के हाथ पूरी वारदात लग गई है। पुलिस की संवदेनहीनता पर उठे सवाल इसके साथ ही लालपुर के थानेदार की लचर कार्यशैली ने भी पुलिस पर सवाल उठा दिए हैं। पीड़िता को घर छोड़कर भूलने वाली पुलिस की असंवेदनशीलता नजर आई। वहीं शिकायत के बावजूद पुलिस पीड़ित परिवार की रिपोर्ट लिखने में टाल मटोल करती रही। हालांकि अफसर लापरवाह पुलिसकर्मियों को बचाने में जुटे हैं। पीड़िता के पिता ने बताया कि उसकी बेटी के घर नहीं आने पर 3 अप्रैल को थाने पर जाकर अप्लीकेशन दिया गया, अगले दिन गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने बेटी की बरामदगी दिखा दी और उसे चौकाघाट से लाकर घर छोड़ दिया। उस समय बेटी नशे की हालत में थी और उसकी हालत बिगड़ती गई। पुलिस ने केस से पल्ला झाड़ते हुए पीड़िता का कोई मेडिकल भी नहीं कराया। 6 अप्रैल को पीड़िता का पिता थाने पर पहुंचा तो पुलिस मामले को टालती नजर आई, फिर मीटिंग का बहाना कर थानेदार समेत पुलिस कर्मी मौके से निकल लिए। पीड़ित दिनभर ने इंतजार किया लेकिन अफसरों ने देर रात तक कोई केस दर्ज नहीं किया। आधी रात के बाद आला अफसरों के दबाव पर थानाध्यक्ष ने केस दर्ज किया। युवती के आरोपियों की तलाश में जुटी टीमें डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीणा ने बताया कि पीड़िता की मां की तहरीर और पीड़िता के बयान के बाद 23 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। 10-12 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है, इन सभी में अधिकांश लोग ऐसे हैं जिनका नाम वारदात में सामने आया है। पुलिस ने दबिश देकर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पीड़िता का मेडिकल कराया गया है, इसके बाद केस में अन्य धाराएं भी बढ़ाई जाएंगी। पुलिस आरोपियों की तलाश में सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है, जिनमें पहचान के बाद उनकी तलाश की जाएगी। गैंगरेप केस में पुलिस ने दबोचे ये आरोपी 1. राज विश्वकर्मा पुत्र राजकुमार विश्वकर्मा निवासी सीर करहिया थाना लंका, उम्र 20 वर्ष । 2. आयुष धूसिया पुत्र अशर्फी लाल निवासी- नईबस्ती हुकुलगंज लालपुर, उम्र 19 वर्ष। 3. साजिद पुत्र गुलाम जफर निवासी- बादशाहबाग लल्लापुरा थाना सिगरा, उम्र 19 वर्ष। 4. सुहैल शेख पुत्र मोहम्मद नूर निवासी हुकुलगंज थाना लालपुर उम्र 20 वर्ष। 5. दानिश अली पुत्र लियाकत अली लालपुर पाण्डेयपुर , उम्र 20वर्ष। 6. इमरान अहमद पुत्र महताब अहमद निवासी बड़ा चकरा लल्लापुरा सिगरा, उम्र 19 वर्ष। 7. शब्बीर आलम उर्फ समीर अहमद पुत्र तौफीक अहमद निवासी बड़ा चकरा, उम्र 21 वर्ष। 8. सोहेल खान पुत्र अतीक खान निवासी-इंग्लिशिया लाईन सिगरा उम्र 20 वर्ष। 9. अनमोल गुप्ता पुत्र शरद गुप्ता मीरापुर बसही थान

गैंगरेप पीड़िता से ड्रग्स-शराब के नशे में 7 दिन दरिंदगी: आरोपियों में सेक्स रैकेट माफिया, देह व्यापार में धकेला
नवरात्रि के पावन अवसर पर, एक गैंगरेप पीड़िता की दर्दनाक कहानी सामने आई है, जिसने सभी को हिलाकर रख दिया है। ड्रग्स और शराब के नशे में, आरोपियों ने सात दिन तक एक निर्दोष लड़की के साथ दरिंदगी की। यह एक सामाजिक विद्रूपता का उदाहरण है, जहां यौन शोषण और देह व्यापार के माफिया सक्रिय हैं। भारत की कानून व्यवस्था को फिर से सोचने की आवश्यकता है कि कैसे ऐसे अपराधों को खत्म किया जा सकता है। News by indiatwoday.com
आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी
पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए मामले की तुरंत जांच शुरू की। 24 घंटे के भीतर, नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनमें सेक्स रैकेट के प्रमुख माफिया भी शामिल हैं। यह गिरफ्तारी इस बात का प्रमाण है कि पुलिस अधिकारियों की संजीदगी और मेहनत ने अपराधियों को पकड़ने में मदद की। इन अपराधियों ने न केवल एक लड़की की जिन्दगी को तबाह किया, बल्कि समाज की नैतिकता को भी धक्का दिया है।
दुर्व्यवहार का तरीका और पीड़िता की स्थिति
दुर्व्यवहार का तरीका बेहद भयानक और निर्दयी था। पीड़िता को न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी अत्याचार का सामना करना पड़ा। उसे दोहरी पीड़ा सहनी पड़ी, ड्रग्स और शराब के प्रभाव में होने के कारण उसके साथ किए गए अत्याचार ने उसे तोड़ डाला। वर्तमान में पीड़िता का इलाज चल रहा है और उसके परिवार ने न्याय की मांग की है।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि समाज में यौन अपराधों के खिलाफ जागरूकता की कितनी आवश्यकता है। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि ऐसे मामलों में केवल कानून व्यवस्था का सक्रिय होना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए यह जरूरी है कि वे यौन अपराधों के खिलाफ आवाज उठाएं।
निष्कर्ष
गैंगरेप की यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि हमें मिलकर इन समस्याओं का समाधान करना होगा। हमें पुलिस और न्याय व्यवस्था में विश्वास रखने की आवश्यकता है, साथ ही समाज को भी संवेदनशील बनाना होगा ताकि ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति न हो सके।
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