फर्रुखाबाद में कुत्तों ने मासूम को नोचकर मार डाला:घर के बाहर सो रहा था 5 माह बच्चा, मां ने की बचाने की कोशिश
फर्रुखाबाद में घर में सो रहे पांच महीने के मासूम पर दो आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया। कुत्तों ने बच्चे को नोच-नोचकर लहूलुहान कर दिया। मां ने चीखते-चिल्लाते हुए किसी तरह से बच्चे को कुत्तों के चंगुल से छुड़ाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। परिजन गंभीर रूप से घायल हालत में बच्चे को लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिता राजू ने बताया- पत्नी घर का काम कर रही थी और बच्चा पास में ही सो रहा था। अचानक दो कुत्ते आ गए और उन्होंने मेरे बेटे पर हमला कर दिया। दोनों कुत्ते उसे नोचते हुए काफी दूर तक घसीट ले गए। मेरी पत्नी ने दौड़कर किसी तरह बच्चे को उनसे छुड़ाया, लेकिन वो बुरी तरह जख्मी हो चुका था। बच्चे के पीठ पर कई गहरे घाव पाए गए हैं। इस दर्दनाक हादसे के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। डॉक्टर बोले—अस्पताल लाते वक्त ही बच्चा दम तोड़ चुका था लोहिया अस्पताल में तैनात डॉ. अभिषेक चतुर्वेदी ने बताया कि मंगलवार दोपहर एक पांच महीने के बच्चे को अस्पताल लाया गया था। परिजनों ने बताया कि आवारा कुत्तों ने बच्चे पर हमला कर दिया था। जब तक इलाज शुरू होता, बच्चा दम तोड़ चुका था। परिजनों ने लिखित में दिया है कि वह इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहते। इसके बाद शव को परिवार वालों को सौंप दिया गया।

फर्रुखाबाद में कुत्तों ने मासूम को नोचकर मार डाला
दु:खद घटना घर के बाहर सोते समय हुई
फर्रुखाबाद से एक च shocking घटना सामने आई है, जहाँ पर एक 5 माह का बच्चा घर के बाहर सोता हुआ था। यहाँ तक कि इस मासूम की सुरक्षा का कोई ख्याल नहीं रखा गया। कुत्तों के एक झुंड ने बच्चे को नोच कर मार डाला, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। मां ने बच्चे को बचाने की चेष्टा की, लेकिन अफसोस, समय पर बचाने में नाकाम रही।
मौके पर पहुंचीं पुलिस और स्थानीय लोग
जब यह घटना घटी, उसके तुरंत बाद स्थानीय लोग और पुलिस मौके पर पहुंचीं। लोगों ने मामले की जानकारी देने के लिए अधिकारियों को सूचित किया। समाज में ऐसे मामलों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए कई संगठनों ने संज्ञान लिया है। यह घटना सुरक्षा के मामले में गंभीर प्रश्न उठाती है, खासकर बच्चों की सुरक्षा के संदर्भ में।
कहने को मजबूर करने वाली घटनाएं
इस घटना के बाद से स्थानीय निवासी हताश और भयभीत हैं। कुत्तों द्वारा इस प्रकार का आक्रमण पहले भी सुना गया था, लेकिन इस बार जिस तरह की बर्बरता हुई, उसने सभी को चौंका दिया है। क्या ऐसा होना चाहिए? बच्चे की सुरक्षा और उनके लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे, इस पर चर्चा होनी चाहिए।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
इस प्रकार की घटनाओं से न केवल पीड़ित परिवार को बल्कि पूरे समाज को झटका लगता है। हमें कुत्तों और अन्य जानवरों की सुरक्षा के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखना होगा। इसके लिए सामाजिक जागरूकता और सही कदम उठाने की आवश्यकता है।
इसकी गंभीरता को देखते हुए, प्रशासन को चाहिए कि वे इस मामले की जांच करें और ऐसे मामलों से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई करें। बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षित वातावरण और जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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