मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल की दवा और इंजेक्शन चोरी:चीफ फार्मेसिस्ट ने दर्ज कराया मुकदमा, हॉस्पिटल में मचा हड़कंप
मुजफ्फरनगर में जिला अस्पताल की सरकारी दवाइयों और इंजेक्शनों की चोरी हो गई। चीफ फार्मेसिस्ट हरीश उनियाल ने शहर कोतवाली में नामजद मुकदमा दर्ज कराते हुए सिविल लाइन थाना इलाके के मदीना कॉलोनी निवासी गुलशनव्वर पुत्र शौकीन खान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हरीश उनियाल के मुताबिक, 27 फरवरी 2024 से 5 नवंबर 2024 तक सरकारी गाड़ी से ड्रग वेयरहाउस से अस्पताल लाई जा रही दवाइयां और इंजेक्शन चोरी हो रहे थे। वेयरहाउस बामनहेड़ी रेलवे ओवर ब्रिज के पास स्थित है। दवाइयां अस्पताल पहुंचने से पहले ही गायब हो जाती थीं। शहर कोतवाली पुलिस ने इस मामले में मुकदमा अपराध संख्या 12/2025 बीएनएस की धारा 316(2) के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए हर पहलू की गहनता से जांच की जाएगी। दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, गुलशनव्वर सरकारी गाड़ी से वेयरहाउस से दवाइयां, इंजेक्शन और संबंधित वाउचर लाने का काम करता था। लेकिन वह दवाइयों को गायब कर देता था। जब इस चोरी का मामला पकड़ा गया तो जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया। चीफ फार्मेसिस्ट हरीश उनियाल से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं, सीएमएस डॉ. राकेश ने कहा कि मुकदमा दर्ज कराए जाने की उन्हें जानकारी नहीं है, लेकिन अस्पताल में दवाइयों की चोरी के मामले की उन्हें जानकारी जरूर है। पूरे मामले में कोई भी अधिकारी स्पष्ट रूप से बयान देने को तैयार नहीं है, जिससे आशंका जताई जा रही है कि यह सरकारी दवाइयों और इंजेक्शनों के गबन का बड़ा मामला हो सकता है। अधिकारी इसे दबाने की कोशिश कर रहे हैं। शहर कोतवाली पुलिस का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर लिया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।

मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल की दवा और इंजेक्शन चोरी
मुजफ्फरनगर जिले में स्थित जिला अस्पताल से दवा और इंजेक्शन की चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इस मामले ने अस्पताल प्रशासन और स्थानीय जनता में हड़कंप मचा दिया है। चीफ फार्मेसिस्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिससे अब पुलिस जांच का कार्य शुरू कर चुकी है।
चोरी की घटना का ताजा विवरण
हाल ही में अस्पताल में मौजूद दवाओं और इंजेक्शनों की जांच के दौरान यह पाया गया कि कई महत्वपूर्ण दवाएं गायब हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस चोरी की घटनाओं में अस्पताल के कुछ कर्मचारियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। इस मामले में जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है।
अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया
अस्पताल प्रशासन इस चोरी की घटना को लेकर बेहद चिंतित है। चीफ फार्मेसिस्ट ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। आगे चलकर, अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाएगा, ताकि ऐसी स्थितियों से निपटा जा सके।
समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी और मरीज इस सभी घटनाओं से निराश हैं। उन्होंने अस्पताल के प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं और इस विषय में अधिक पारदर्शिता की मांग की है। अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सर्वोपरि होनी चाहिए।
इस चोरी की घटना ने न केवल अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों की नीयत पर सवाल उठाए हैं, बल्कि जनता के स्वास्थ्य पर भी खतरा डाला है। इस बीच, जनता ने अधिकारियों से इस मामले में सख्त कदम उठाने का अनुरोध किया है।
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आगे की कार्रवाई और जांच
पुलिस अब इस मामले में जांच को तेजी से आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। उपाधीक्षक और अन्य पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंचकर गहन पूछताछ कर रहे हैं। इसके साथ ही, CCTV फुटेज की भी समीक्षा की जा रही है ताकि चोरों की पहचान की जा सके।
निष्कर्ष
मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल में दवा और इंजेक्शन चोरी की यह घटना एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में सख्त कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें। ऐसे में, जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।
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