गोंड समुदाय के लोगों का जाति प्रमाण-पत्र के लिए संघर्ष:बलिया में 52 दिन से धरना जारी, 26 मार्च को होगा विशाल प्रदर्शन

बलिया में जाति प्रमाण पत्र की मांग को लेकर आदिवासी जनजाति गोंड समुदाय का संघर्ष जारी है। जिला कलेक्ट्रेट प्रांगण में आल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन का धरना-प्रदर्शन 52वें दिन भी चलता रहा। उत्तर प्रदेश सरकार ने 2 दिसंबर 2024 को विशेष सचिव समाज कल्याण अनुभाग-3 के माध्यम से एक शासनादेश जारी किया था। यह आदेश 3 नवंबर 2021 के प्रमुख सचिव के निर्देशों के कड़े अनुपालन की मांग करता है। आल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आगसा) के नेतृत्व में बलिया सदर मॉडल तहसील पर धरना जारी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शासनादेश के बावजूद गोंड अनुसूचित जनजाति को जाति प्रमाण पत्र न देना संविधान की अवमानना है। जिले के विद्यालयों और महाविद्यालयों में हजारों गोंड समुदाय के छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। आंदोलन को और तेज करते हुए 26 मार्च को आदिवासी गोड़ऊ नाच, घोड़े बाजा और हुरूका के साथ विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। इसकी तैयारी के लिए गोड़ जागृति रथ यात्रा भी निकाली गई है।

Mar 24, 2025 - 16:00
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गोंड समुदाय के लोगों का जाति प्रमाण-पत्र के लिए संघर्ष:बलिया में 52 दिन से धरना जारी, 26 मार्च को होगा विशाल प्रदर्शन
बलिया में जाति प्रमाण पत्र की मांग को लेकर आदिवासी जनजाति गोंड समुदाय का संघर्ष जारी है। जिला कले

गोंड समुदाय के लोगों का जाति प्रमाण-पत्र के लिए संघर्ष

बलिया में गोंड समुदाय के लोग जाति प्रमाण-पत्र के लिए 52 दिन से लगातार धरना दे रहे हैं। इस आंदोलन का उद्देश्य सरकार से उचित जाति प्रमाण-पत्रों की मांग करना है, जो उनके अधिकारों की रक्षा करते हैं। गोंड समुदाय के लोग मानते हैं कि जाति प्रमाण-पत्र उनके सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

धरने का महत्व और उद्देश्य

यह धरना बलिया में गोंड समुदाय के लोगों द्वारा उनकी पहचान और अधिकारों की सुरक्षा के लिए आयोजित किया गया है। इसके दौरान, समाज के नेता और सदस्य एकजुट होकर अपनी बात रख रहे हैं। 26 मार्च को इस आंदोलन में एक विशाल प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों लोग शामिल होने की उम्मीद है। यह प्रदर्शन केवल प्रतिष्ठा की नहीं, बल्कि अपने अधिकारों की भी मांग करेगा।

गोंड समुदाय की स्थिति

गोंड समुदाय, जोकि भारतीय जनसंख्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लंबे समय से सामाजिक और आर्थिक असमानताओं का सामना कर रहा है। जाति प्रमाण-पत्र न मिलना उनकी कई अनियमितताओं का मुख्य कारण है। इस संबंध में, सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की कमी ने समुदाय के सदस्यों में निराशा पैदा की है।

प्रदर्शन की तैयारी

26 मार्च को होने वाले प्रदर्शन की तैयारियों ने तीव्र गति पकड़ ली है। स्थानीय नेताओं का मानना है कि इस प्रदर्शन से सरकार का ध्यान इस मुद्दे की ओर खींचा जा सकेगा। प्रदर्शन में शामिल होने वाले लोग गोंड समुदाय के मुद्दों को उजागर करने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग करेंगे।

गोंड समुदाय का यह संघर्ष न केवल उनके अधिकारों के लिए है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। उनका यह आंदोलन समर्पण और एकता का प्रतीक है जो सभी गोंड समुदाय के सदस्यों को एकजुट करता है।

इस पेशकश के माध्यम से हम सबको यह समझना चाहिए कि जाति प्रमाण-पत्र केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह अपने अधिकारों और पहचान के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।

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