गोमतीनगर विस्तार के लोगों ने दैनिक भास्कर साझा किया दर्द:सफाई, सीवर, जलनिकासी और कुत्तों के आतंक से परेशान हैं कॉलोनीवासी
गोमती नगर विस्तार स्थित वैष्णव खंड निवासी सीवर, जलनिकासी, सफाई और कुत्तों के आतंक से जूझ रहे हैं। दैनिक भास्कर एप 'आपके बीच' अभियान के तहत जब इनके बीच पहुंचा तो समस्याओं को लेकर दर्द छलक उठा। नगर निगम और एलडीए के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने कहा कि नगर निगम सिर्फ टैक्स ले रहा है। सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। एलडीए ने प्लाट तो काट दिए पर आज भी सैकड़ों लोग कब्जे के लिए चक्कर काट रहे हैं। वही जलनिकासी की व्यवस्था न होने से घरों का पानी सड़कों भर भरता है। दैनिक भास्कर को स्थानीय लोगों ने अपनी अपनी समस्याएं कुछ इस तरह से बताईं। अतिक्रमण से परेशान हैं मोहल्ले वाले वैष्णव खंड जनकल्याण समिति के सचिव सुमित सिंह ने बताया कि सड़क, बिजली, पानी की समस्या के साथ यहां अतिक्रमण बड़ी परेशानी बन गई है। यहां एलडीए ने जो प्लाट काटे हैं वहां कब्जा नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पीछे एक सामुदायिक केंद्र बनना है जिसे एलडीए ने अभी तक शुरू नहीं किया। एलडीए के रवैया से लोग परेशान हैं। सीवर लाइन न होने से बुलाना पड़ता है टैंकर वैष्णव खंड जनकल्याण समिति की अध्यक्ष नीलिमा जोशी ने यहां सीवर लाइन को मुख्य सीवर लाइन से न जोड़ने की समस्याएं बताईं। इसके चलते आए दिन टैंकर को बुलाना पड़ता है। यहां सार्वजनिक शौचालय न होने के कारण आम लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। यहां हाईटेंशन की लाइन बगल से निकली है। बिजली विभाग की लापरवाही को आलम है कि लाइन को जमीन पर ऊपर ही रखकर चला रहे हैं। इसके चलते लोगों को हमेशा खतरा बना रहता है। कुत्तों के आतंक से लोगों में भय गीता कनौजिया कहती हैं यहां कुत्तों का इतना आतंक बढ़ गया है कि घर से निकलना मुश्किल हो चला है। झुंड में घूमते कुत्तों के डर से बच्चों को घर से बाहर भेजने में डर लगा रहता है। उन्होंने बताया कि कई बार इसकी शिकायत नगर निगम से की गई है। उन्होंने बताया कि नगर निगम की लापरवाही के चलते घरों के सामने कूड़े का ढेर लगा रहता है। सफाई के लिए निजी व्यवस्था करनी पड़ती है। सड़कों के किनारे इंटरलॉकिंग बने स्थानीय निवासी नीलम श्रीवास्तव कहती हैं कि यहां जो सड़कें बनी हैं। उनके किनारे पर इंटरलॉकिंग जरूरी है। इसके चलते आवागमन में काफी दिक्कत होती है। इसके साथ ही उन्होंने स्ट्रीट डॉग असुरक्षा की बात कही। पिछले दिनों कुत्तों ने बच्चों को काट भी लिया था। उन्होंने नगर निगम से कुत्तों को पकड़ने की मांग की। पार्क में बाहरियों का कब्जा सरोजनी बिष्ट ने कहा कि यहां कुत्तों के आतंक के साथ गांव वालों ने भी समस्याएं बढ़ाई हैं। यहां जो पार्क है इसमें गांव वाले कब्जा जमाए रहते हैं। इनके चलते बच्चों को खेलने का मौका नहीं मिलता है। उन्होंने बताया कि एलडीए और नगर निगम की लापरवाही के चलते समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। कुत्तों का आतंक अंजू त्रिपाठी ने भी साफ-सफाई और कुत्तों के आतंक की बात कही। उन्होंने कहा कुत्तों के कारण कॉलोनी में भय का माहौल बना हुआ है। बच्चों का घर से बाहर भेजने में डर लगता है। उन्होंने कहा कि नगर निगम की लापरवाही के चलते साफ सफाई की व्यवस्था बहुत ही खराब है। खुल में दौड़ रहा 11000 वोल्ट का करेंट स्थानीय निवासी राहुल तिवारी ने यहां की सबसे बड़ी समस्या 11 हजार वोल्ट की लाइन खुले में दौड़ाने की बात कही। उन्होंने बताया कि जो लाइन जमीन के अंदर से जानी चाहिए उसे बिजली विभाग ने जमीन के ऊपर ही रखकर सप्लाई शुरू दिया है। इसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने बिजली विभाग से तत्काल इन लाइनों को भूमिगत करने की मांग उठाई। सफाई न होने से लगे रहते हैं कूड़े के ढेर अनीता सिंह ने बताया कि यहां साफ-सफाई न होने के चलते गंदगी फैली रहती है। कूड़ा उठाने और झाड़ू लगाने वालों को अलग-अलग पैसा देना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई कई दिन तक कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने मोहल्ले में कुत्तों की भरमार की बात कही। इसके चलते सबसे अधिक रात में आने वालों को होती है जब ये कुत्ते काटने के लिए दौड़ा लेते हैं। सीवर की समस्या स्थानीय निवासी केके शुक्ला ने बताया कि यहां सीवर की समस्या से लोग परेशान हैं। सीवर मुख्य लाइन नहीं जोड़ी गई जिसके चलते अक्सर चोंक हो जाता है। हर महीने इसे सही कराने के लिए हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसके लिए कई बार जिम्मेदार विभाग को पत्र लिखा गया पर अभी तक इस दिशा में कोई उपाय नहीं हुआ। हाथी की दांत बनीं पानी की टंकियां समिति के उपाध्यक्ष डीके त्रिपाठी ने बताया कि 20 साल से बनी पानी टंकियां हाथी के दांत साबित हो रही है। इतनी पुरानी टंकियों से आज तक पानी का सप्लाई नहीं हो सका। लाखों रुपए की लागत से बनी इन टंकियों को बनवाकर विभाग पानी की सप्लाई कराना भूल गया। इसके साथ यहां खुले में दौड़ रहे 11 हजार वोल्ट के तार लोगों के लिए कभी भी जानलेवा हो सकते हैं। बिजली विभाग अपनी आंख बंद करके बैठा हुआ है। जलनिकासी की समस्या अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यहां की एक भी नाली से पानी की निकासी नहीं होता। सारी नालियां टूटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि हालत यह है कि खरगापुर ओर मलेशेमऊ तक का पानी इसी मोहल्ले में आते है। बरसात के दिनों में तो बाहरी माेहल्लों का पानी यहां लोगों के घरों में घुस जाता है। सारी नालियां भरी हुई हैं कही से भी जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है। बाउंड्री न होने से अराजकों का जमावड़ा प्यारेलाल यादव ने कहा कि बाउंड्रीवाल न होने से दिनभर अराजक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। मोहल्ले के लोग जितना पार्क का उपयोग नहीं कर पाते उससे अधिक बाहरी लोग और उनके बच्चे यहां कब्जा जमाए रहते हैं। उन्होंने कहा कि बाहरियों के चलते मोहल्ले में इधर उधर गंदगी फैलती है। बाहरी लोगों के रोक लगाने के लिए बाउंड्रीवाल का निर्माण जरूरी है। गोमती नगर जनकल्याण महासमिति के कार्यकारी सचिव संजय निगम ने स्थानीय स्तर ये जितनी भी समस्याएं हैं उनके निराकरण के लिए एलडीए और नगर निगम को पत्र लिखने की बात कही। उन्होंने कहा कि साफ- सफाई और टूटी ना
गोमतीनगर विस्तार के लोगों ने दैनिक भास्कर साझा किया दर्द
गोमतीनगर विस्तार के निवासी हाल ही में दैनिक भास्कर में अपने मुद्दों को साझा कर रहे हैं, जिसमें सफाई, सीवर, जलनिकासी और कुत्तों के आतंक जैसी समस्याएं शामिल हैं। कॉलोनीवासियों का कहना है कि उनके जीवन में यह समस्याएं न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, बल्कि आवासीय जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर रही हैं।
सफाई से जुड़ी समस्याएं
कॉलोनी के निवासियों ने सफाई व्यवस्था की कमी की शिकायत की है। कई क्षेत्रों में कचरा पड़ा रहता है, जिससे न केवल बुरी गंध फैलती है, बल्कि विभिन्न बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है। सही समय पर कचरा उठान न होने के कारण लोग खासे परेशान हैं।
सीवर की स्थिति
गोमतीनगर विस्तार में सीवर सिस्टम भी अपने आप में एक बड़ा मुद्दा है। जलभराव की समस्या ने इस क्षेत्र में कई घरों को प्रभावित किया है। जब बरसात होती है, तो सीवर का पानी सड़कों और गलियों में भर जाता है, जिससे जनजीवन प्रभावित होता है।
जलनिकासी की कमी
जलनिकासी की व्यवस्थाएं भी कुछ हद तक नाकाम साबित हो रही हैं। निवासियों का कहना है कि भारी बारिश के समय जलनिकासी प्रणाली पूरी तरह से असफल हो जाती है, जिससे उनके घरों में पानी भरने का खतरा बढ़ जाता है।
कुत्तों का आतंक
अधिकांश लोग अपने क्षेत्र में अनियंत्रित आवारा कुत्तों की समस्या से भी जूझ रहे हैं। ये कुत्ते न केवल डर का कारण बनते हैं, बल्कि कई बार बच्चों पर हमले की घटनाएं भी घटित हुई हैं। कॉलोनीवासियों ने इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन से मदद माँगी है।
इस प्रकार, गोमतीनगर विस्तार के निवासी अपने दर्द को साझा करते हुए प्रशासन से बेहतर सुविधाओं, व्यवस्था और सुरक्षा की अपेक्षा कर रहे हैं। उनके मुद्दों को सुलझाने की दिशा में यदि ठोस कदम उठाए गए, तो निश्चित ही ये लोग फिर से एक सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जी सकेंगे।
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