घने कोहरे और बदलते मौसम ने बढ़ाई चिंता:3 दिन से नहीं दिखे सूर्यदेव, रैन बसेरों में सुविधाओं की कमी
बलरामपुर में पिछले तीन दिनों से छाए घने कोहरे और बादलों के कारण सूर्य के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। इससे जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम की इस मार से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। कोहरे के कारण वाहनों की गति धीमी पड़ गई है और लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। पछुआ हवाओं ने ठंड की तीव्रता को और बढ़ा दिया है, जिससे लोग गर्म कपड़ों में लिपटकर भी ठिठुर रहे हैं। स्थिति यह है कि लोग केवल अत्यंत आवश्यक कामों के लिए ही घर से बाहर निकल रहे हैं। सुविधाओं का अभाव जिला प्रशासन और नगर पालिका द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। हालांकि जिले में नौ स्थानों पर रैन बसेरे खोले गए हैं, लेकिन वहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है। इससे रात्री यात्रियों, अस्पताल में मरीजों के तीमारदारों और फुटपाथ पर रोजी-रोटी कमाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरी में लोग कूड़ा-करकट जलाकर खुद को गर्म रखने का प्रयास कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को रैन बसेरों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने और सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करने की तत्काल आवश्यकता है। रबी फसल के लिए फायदेमंद कृषि विभाग की मानें तो पड़ रहे कोहरे से गेहूं, मसूर, सरसो सहित तमाम रबी फसलों को फायदा है। लगातार कोहरा पड़ने से इन फसलों की पैदावार अधिक होने की संभावना रहती है। जबकि कोहरे से आलू फसल को नुकसान होने की आशंका बनी रहती है। जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा बताते हैं कि आलू पैदावार करने वाले किसान कृषि विभाग में सम्पर्क कर आलू में लगने वाले झुलसा रोग से बचाव के उपाय प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को फसल की सिंचाई समय-समय पर करते रहना चाहिए। साथ ठंड के चलते फसल में लगने वाले रोगों से बचाव के लिए कीटनाशक दवाओं का भी छिड़काव जरूरी है।

घने कोहरे और बदलते मौसम ने बढ़ाई चिंता
News by indiatwoday.com
सूर्यदेव की अनुपस्थिति
पिछले तीन दिनों से लगातार घने कोहरे के कारण सूर्यदेव का दर्शन नहीं हुआ है। इस मौसम की अचानक बदलाव ने लोगों में चिंता बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट और अधिक कोहरा पड़ने की आशंका जताई है। ऐसे में लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है, खासकर सुबह के समय में जब विजिबिलिटी बहुत कम हो जाती है।
बदलता मौसम और उसके प्रभाव
बदलते मौसम ने न केवल आम जनता को परेशानी में डाला है, बल्कि विशेष रूप से सड़क परिवहन और हवाई यात्रा को भी प्रभावित किया है। घने कोहरे के कारण कई स्थानों पर यातायात ठप हो गया है और यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। तापमान में गिरावट के चलते ठंड बढ़ने से सर्दी से प्रभावित लोग, विशेषकर बेघर, मुश्किल में हैं।
रैन बसेरों में सुविधाओं की कमी
इस दौरान, शहर में स्थापित रैन बसेरों की स्थिति भी चिंताजनक है। ज्यादातर रैन बसेरों में ठहरने की सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं। गर्म वस्त्रों, कंबलों और चिकित्सा सहायता की कमी हो रही है। ऐसे हालात में सरकार और स्थानीय निकायों को जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि बेघरों और जरूरतमंदों को सही सुविधा मुहैया कराई जा सके।
क्या करें नागरिक?
नागरिकों को भी इस स्थिति में जागरूता बरतने की आवश्यकता है। घने कोहरे में यात्रा करते समय सतर्क रहें, और आवश्यक यात्रा से बचें यदि न हो। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाकर स्वस्थ रहने के उपायों की जानकारी लें। सभी को एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करना होगा।
निष्कर्ष
मौसम की इस कठिनाई में हमें एक-दूसरे का सहारा बनना है। उचित कदम उठाकर ही हम इस स्थिति से उबर सकते हैं। रैन बसेरों में सुधार और बेघरों की देखभाल एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गई है।
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