जानकीपुरम् में 51 कुण्डीय यज्ञ एवं वेद कथा का आयोजन:श्रद्धालुओं ने अपनी बेदी पर बैठककर आहूतियां दीं
सत्य सनातन वेद प्रचार न्यास के तत्वाधान में मदर्स प्राइड स्कूल, जानकीपुरम् के विशाल प्रांगण में आज 51 कुण्डीय यज्ञ एवं वेद कथा का भव्य आयोजन किया गया। यज्ञाचार्य आचार्य विश्वव्रत शास्त्री के निर्देशन में आयोजित यज्ञ में सैकड़ों यजमानों ने 51 कुण्डों पर बैठकर राष्ट्रकल्याण की भावना से सवा लाख आहूतियां अर्पित कीं। वेद कथा के दौरान आचार्य ने पारिवारिक आदर्शों पर चर्चा करते हुए कहा कि वेदों में पारिवारिक जीवन को सुखमय बनाने की प्रेरणाएं दी गई हैं। उन्होंने परिवार में परस्पर प्रेम, आदर और आदर्श व्यवहार की आवश्यकता पर बल दिया। कथा के मध्य में आचार्या प्रियंका शास्त्री, कविता सहगल, सर्वमित्र शास्त्री और अनुराग मिश्र ने भजनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को भावविभोर किया। "हम कभी माता-पिता का ऋण चुका सकते नहीं" और "जिस घर में हो प्यार, हो पितरों का सत्कार" जैसे भजन विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा ने आयोजन की सराहना की। संरक्षक डॉ. सत्यकाम आर्य ने इसे राष्ट्रीय एकता और सामाजिक चेतना को बढ़ावा देने वाला बताया। उन्होंने आगामी वर्ष में 101 कुण्डीय यज्ञ की मांग को समर्थन दिया। संगठन के अध्यक्ष नवीन कुमार सहगल ने कहा कि "सबका साथ, सबका विकास और घर-घर यज्ञ" इस आयोजन की सफलता का मूल मंत्र है। कार्यक्रम के आधार स्तंभ अरविंद गुप्त और आयोजकों की टीम जिनमें संजय प्रसाद गुप्त, संतोष त्रिपाठी, अखिलेश मिश्र और संजीव मिश्र शामिल थे। आयोजन की साज-सज्जा, धन संग्रह और प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आयोजन में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने इसकी सफलता को चार चांद लगा दिए। राष्ट्रीय रक्षा, गौ संवर्धन, गुरुकुल शिक्षा और सामाजिक सौहार्द्र के उद्देश्यों से प्रेरित इस कार्यक्रम ने सभी को एकजुट किया।

जानकीपुरम् में 51 कुण्डीय यज्ञ एवं वेद कथा का आयोजन
जानकीपुरम् में हाल ही में एक भव्य 51 कुण्डीय यज्ञ एवं वेद कथा का आयोजन किया गया। यह धार्मिक अनुष्ठान श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अवसर था। पूरी परंपरा और श्रद्धा के साथ, भक्तों ने अपनी बेदी पर बैठकर आहूतियां दीं, जिससे इस कार्यक्रम का महत्व और भी बढ़ गया।
यज्ञ का महत्व और उद्देश्य
यज्ञ एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। इस बार का 51 कुण्डीय यज्ञ विशेष रूप से विघ्न और बाधाओं को दूर करने के लिए आयोजित किया गया था। यज्ञ के माध्यम से, श्रद्धालुओं ने आहूतियां प्रदान कीं, जिससे उन्हें आंतरिक शांति और दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति हो सके।
वेद कथा का अद्भुत अनुभव
यज्ञ के साथ-साथ वेद कथा का आयोजन भी किया गया, जिसमें विद्वानों ने वेदों की महत्वपूर्ण शिक्षाओं को साझा किया। श्रद्धालुओं ने ध्यानपूर्वक कथा सुनी और धर्म, अध्यात्म, और मानवता के उच्च मूल्यों का अनुभव किया। यह अवसर जन समुदाय के लिए एकजुटता और संगठित रूप से पूजा-पाठ करने का सुयोग प्रदान करता है।
श्रद्धालुओं की भागीदारी
इस कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिन्होंने अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर यज्ञ की अनुष्ठानिक प्रक्रिया में योगदान दिया। आयोजकों ने सभी भक्तों का स्वागत किया और एक दूसरे के साथ साझा किए गए अनुभवों ने सभी को एकजुट किया। यह कार्यक्रम समाज में एक सकारात्मक संदेश फैलाने में सफल रहा।
निष्कर्ष
जानकीपुरम् में आयोजित 51 कुण्डीय यज्ञ एवं वेद कथा ने न केवल धार्मिक आस्था को प्रबल किया बल्कि स्थानीय समुदाय में एकता और समर्पण का संचार भी किया। ऐसे आयोजनों से समाज को एकजुट करके, हमें अपने सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने की प्रेरणा मिलती है।
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