ज्वाला देवी कॉलेज में शोध प्रस्ताव पर संगोष्ठी:साहित्यिक चोरी समेत अन्य मुद्दों पर डाला प्रकाश, कहा–शोध नए तथ्यों को उजागर करने की प्रक्रिया

आनंदबाग स्थित ज्वाला देवी विद्या मंदिर पीजी कॉलेज में शिक्षाशास्त्र विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। ‘शोध प्रस्ताव एवं रिपोर्ट लेखन’ विषय पर आधारित गोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. स्मृति शर्मा ने शोध की रूपरेखा, समस्या चयन, साहित्य सर्वेक्षण समेत अन्य मुद्दों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. अनुपमा कुशवाहा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। मुख्य वक्ता डॉ. स्मृति शर्मा ने शोध की रूपरेखा, समस्या चयन, साहित्य सर्वेक्षण, आंकड़ों का संकलन, साहित्यिक चोरी, रिपोर्ट लेखन समेत तमाम मुद्दों पर प्रकाश डाला। कार्यशाला संयोजिका डॉ. ममता शुक्ला ने छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि शोध किसी क्षेत्र में ज्ञान को बढ़ाने और नए तथ्यों को उजागर करने की प्रक्रिया है। इस मौके पर डॉ नैंसी प्रजापति, शिल्पी गुप्ता, जया दीक्षित समेत अन्य शिक्षिकाएं व छात्राएं मौजूद रहीं।

Apr 9, 2025 - 19:59
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ज्वाला देवी कॉलेज में शोध प्रस्ताव पर संगोष्ठी:साहित्यिक चोरी समेत अन्य मुद्दों पर डाला प्रकाश, कहा–शोध नए तथ्यों को उजागर करने की प्रक्रिया
आनंदबाग स्थित ज्वाला देवी विद्या मंदिर पीजी कॉलेज में शिक्षाशास्त्र विभाग की ओर से एक दिवसीय का

ज्वाला देवी कॉलेज में शोध प्रस्ताव पर संगोष्ठी: साहित्यिक चोरी समेत अन्य मुद्दों पर डाला प्रकाश

ज्वाला देवी कॉलेज, जो शिक्षा की दुनिया में अपनी विशेष पहचान रखता है, ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया। इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य शोध प्रस्तावों के महत्व को उजागर करना और साहित्यिक चोरी जैसी गंभीर मुद्दों पर चर्चा करना था। इस कार्यक्रम में अनेक विद्वान और शोधकर्ता शामिल हुए जिन्होंने शोध की प्रक्रिया की जटिलताओं और उससे जुड़ी नैतिक जिम्मेदारियों पर अपने विचार साझा किए।

शोध का महत्व और नैतिकताएं

संगोष्ठी के दौरान, नेत्रत्व प्रदान कर रहे विशेषज्ञों ने बताया कि शोध केवल नए तथ्यों को उजागर करने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक नैतिक दायित्व भी है। साहित्यिक चोरी के मुद्दे को लेकर चर्चा हुई और शोधकर्ताओं को इस संबंध में सतर्क रहने की सलाह दी गई। आयोजकों ने स्पष्ट किया कि शोध के लिए जरूरी है कि सभी जानकारी और संदर्भ सही तरीके से उद्धृत किए जाएं, ताकि किसी भी तरह की साहित्यिक चोरी से बचा जा सके।

शोध प्रस्ताव की प्रस्तुति

संगोष्ठी का एक प्रमुख आकर्षण विभिन्न शोध प्रस्तावों की प्रस्तुति थी। प्रतिभागियों ने अपने-अपने शोध विषयों पर प्रकाश डाला, जिसमें सामाजिक विज्ञान, मानविकी, और विज्ञान के क्षेत्र शामिल थे। इन प्रस्तावों के माध्यम से नया ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया और अनुसंधान के समाज में योगदान को महत्वपूर्ण बताया गया।

भविष्य की राह

विद्वानों ने एकमत से स्वीकार किया कि सही और नैतिक शोध करना न केवल शोधकर्ता की जिम्मेदारी है, बल्कि यह हमारे समाज और संस्कृति के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संगोष्ठी के अंत में, प्रतिभागियों ने एक-दूसरे से अनुभव साझा किए और आने वाले समय में संयुक्त अनुसंधान में सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की।

संगोष्ठी में सहयोग करने वाले सभी शिक्षकों और छात्रों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया, और सभी ने इसे एक महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक अनुभव माना। News by indiatwoday.com Keywords: ज्वाला देवी कॉलेज संगोष्ठी, शोध प्रस्ताव संगोष्ठी, साहित्यिक चोरी मुद्दे, शोध प्रक्रिया, नैतिकता शोध, सामाजिक विज्ञान शोध, मानविकी अनुसंधान, शैक्षणिक सम्मेलन, नए जानकारियों का शोध, भारतीय कॉलेज संगोष्ठी

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