झज्जर की शूटर सुरुचि ने ISSF वर्ल्डकप में जीता गोल्ड:मनु भाकर को हराया, भिवानी एकेडमी में ट्रेनिंग ले रहीं, ट्रेन से पहुंचती हैं प्रैक्टिस करने
भारतीय निशानेबाज सुरुचि सिंह ने ISSF विश्व कप 2025 लीमा में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है। सुरुचि सिंह ने फाइनल मैच जीतने के लिए कुल 243.6 अंक बनाए और दो बार की ओलिंपिक पदक विजेता मनु भाकर को हराया, जो 242.3 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। जबकि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की याओ कियानक्सुन 219.5 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। सुरुचि भिवानी में गुरु द्रोणाचार्य शूटिंग अकादमी में अभ्यास करती हैं। सुरुचि सिंह का विश्व कप में यह दूसरा स्वर्ण पदक है। उन्होंने पिछले ISSF विश्व कप 2025 ब्यूनस आयर्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग स्पर्धा में भी स्वर्ण पदक जीता था। पिछले साल नई दिल्ली में शूटिंग नेशनल्स में 7 स्वर्ण पदक जीतने वाली सुरुचि ने ब्यूनस आयर्स में फाइनल में 244.6 स्कोर करके अपना पहला विश्व कप पदक जीता। सुरुचि सिंह और सौरभ चौधरी ने ब्यूनस आयर्स में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक भी जीता। ट्रेन में प्रैक्टिस करने आती है सुरूचि कोच सुरेश सिंह ने बताया कि सुरूचि ने 10 मीटर एयर पिस्टल की शूटर है। जो मूल रूप से झज्जर जिला की निवासी है तथा भिवानी के गुरू द्रोणाचार्य शूटिंग अकादमी में अभ्यास करती है। देहरादून में हुए राष्ट्रीय खेलों में भी सुरूचि ने दो गोल्ड मेडल हासिल किए थे। फिलहाल सुरूचि विश्व कप के लिए अर्जेंटिना गई हुई है तथा इस चैंपियनशिप में उन्होंने एक गोल्ड व एक ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है। सुरूचि अब पेरू में आयोजित विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सेदारी कर रही है। जिसका रात दो बजे मैच है, तथा उन्हें पूरा विश्वास है कि इस प्रतियोगिता में भी सुरूचि स्वर्ण पदक ही लेकर लौटेंगी। कोच सुरेश सिंह ने बताया कि सुरूचि रोजाना घर से ट्रेन में भिवानी अभ्यास करने आती है तथा शाम को वापिस घर के लिए ट्रेन पकड़ती है। सुरूचि अपने पूर्व सैनिक पिता व दो भाई के साथ अकादमी आती है। परिवार चाहता था सुरुचि खिलाड़ी बने सुरुचि के पिता इंद्र सिंह ने बताया कि सुरुचि की इस उपलब्धि से अकादमी और परिवार में खुशी का माहौल है। सुरुचि बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी रही है और फिलहाल बीए प्रथम वर्ष की स्टूडेंट है। उसका परिवार शुरू से ही चाहता था कि सुरुचि खिलाड़ी बने। जिसके लिए उसने बचपन से ही कड़ी मेहनत की और आज वह विश्व स्तर की पदक विजेता खिलाड़ी बन गई है।

झज्जर की शूटर सुरुचि ने ISSF वर्ल्डकप में जीता गोल्ड
झज्जर की शूटर सुरुचि ने हाल ही में ISSF वर्ल्डकप में शानदार प्रदर्शन किया और गोल्ड मेडल जीता। यह जीत न केवल उनके लिए बल्कि देश के लिए भी गर्व का पल है। सुरुचि ने जाने-माने भारतीय शूटर मनु भाकर को कड़ी टक्कर दी और उन्हें हराने में सफल रहीं। यह मुकाबला युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक कहानी बन गया है।
ट्रेनिंग और संघर्ष की कहानी
सुरुचि भिवानी के एकेडमी में ट्रेनिंग ले रही हैं, जहां उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार मेहनत की है। बहुत से युवा खिलाड़ियों की तरह, सुरुचि भी प्रैक्टिस के लिए ट्रेन से सफर करती हैं। यह समर्पण और मेहनत उन्हें अन्य शूटरों से अलग बनाता है। ट्रेनिंग के दौरान उनकी लगन और संघर्ष की कहानी ने उन्हें यह सफलता दिलाई है, जिससे यह साबित होता है कि कठिन परिश्रम का फल मीठा होता है।
भारतीय शूटिंग का भविष्य
भविष्य में, सुरुचि जैसी युवा प्रतिभाएं भारतीय शूटिंग खेल को नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगी। राष्ट्र को गर्वित करने वाली यह जीत दर्शाती है कि भारतीय महिला शूटरों में कितनी प्रतिभा है। शुरूआत से ही सही दिशा में गाइडेंस और सपोर्ट मिलना महत्वपूर्ण है, जो उन्हें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में मदद करता है।
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आगे क्या है?
भारतीय शूटरों की लगातार बढ़ती संख्या के साथ-साथ, यह देखना दिलचस्प रहेगा कि आगे आने वाले विश्व स्तर के प्रतिस्पर्धाओं में हमारे खिलाड़ी कैसे प्रदर्शन करते हैं। युवा प्रतिभाओं का समर्थन और सही मार्गदर्शन उन्हें बड़ी सफलताओं की ओर ले जाएगा।
भिवानी एकेडमी और अन्य संस्थाएं देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान कर रही हैं। भारत में शूटिंग का भविष्य उज्ज्वल है और आगामी प्रतियोगिताओं में और अधिक शानदार प्रदर्शन देखने को मिलने की संभावना है।
समाचार में शामिल होने वाली बातें
इस गोल्ड मेडल जीतने के बाद, सुरुचि के भविष्य के लक्ष्यों की चर्चा भी शुरू हो गई है। वे आगामी प्रतियोगिताओं के लिए और भी तैयारियों में जुटी हैं। उनकी यह सफलता दूसरों के लिए प्रेरणा बन रही है।
झज्जर की सुरुचि ने अपने अदभुत प्रदर्शन से न केवल भिवानी की एकेडमी में, बल्कि पूरे देश में एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है। आज का समय युवा खिलाड़ियों के लिए अपने सपनों को साकार करने का है। Keywords: झज्जर शूटर सुरुचि, ISSF वर्ल्डकप गोल्ड, मनु भाकर हार, भिवानी एकेडमी शूटिंग, ट्रेनेिंग में कठिनाई, युवा शूटर प्रेरणा, भारतीय शूटिंग सफलता, गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी, शूटिंग प्रतियोगिताएं, भारत में शूटिंग का भविष्य
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