टेस्ला की एंट्री अमेरिका में कारों से हो सकती है:भारत में जल्द EV पॉलिसी लागू होने की संभावना, इससे इंपोर्ट ड्यूटी 70% से घटकर 15% रह जाएगी

इलॉन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला भारत में अपनी एंट्री डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) बिजनेस से कर सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि कंपनी भारत में कार बनाने की जगह सीधा अमेरिका से इंपोर्ट कर अपने भारतीय स्टोर्स से बेचेगी। क्योंकि भारत सरकार इस साल अप्रैल में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी रोलआउट कर सकती है, जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल इंपोर्ट करने वाली कंपनियों पर केवल 15% ड्यूटी लगाने का प्रावधान किया गया है। इसलिए कंपनी भारत में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने और कार बनाने का प्लान बाद में कर सकती है। बिजनेस टुडे ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है। सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी 70% से घटाकर 15% किया केंद्र सरकार ने भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के अपने विजन के तहत EV पॉलिसी- 'स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार्स इन इंडिया' यानी (SPMEPCI) को पिछले साल मार्च में मंजूरी दी थी। इस पॉलिसी में सरकार ने दुनियाभर की कार कंपनियों को भारतीय मार्केट में एंट्री देने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी 70% तक से घटाकर 15% कर दिया है। इस छूट का लाभ विदेशी कंपनियां हर साल 8000 करों के इंपोर्ट पर ले सकती हैं। पॉलिसी के नियमों के तहत कंपनियों को कम से कम ₹4150 करोड़ निवेश करना होगा और अधिकतम निवेश पर कोई सीमा नहीं है। कंपनियों को तीन साल के भीतर भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग और ईवी का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करना होगा। ऑटो कंपनियों को 3 साल के भीतर प्‍लांट लगाकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रोडक्शन शुरू करना होगा। साथ ही 5 साल के अंदर डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन (DVA) को 50% तक पहुंचाना होगा, यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने में लोकल सोर्सिंग को बढ़ाना होगा। ऑटो कंपनियों को तीसरे साल में लोकल सोर्सिंग को 25% और 5 साल में 50% करना होगा। टेस्ला ने EV पर चर्चा में नहीं हिस्सा नहीं लिया सरकार ने हाल ही में EV पॉलिसी पर कंपनियों के साथ चर्चा की थी, टेस्ला इसमें भाग नहीं लिया। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी इसके डेवलपमेंट पर नजर बनाए हुए है। इससे पहले खबर आई थी कि कंपनी भारत में गुजरात और महाराष्ट्र में प्लांट लगाने के लिए जगह की पहचान भी कर चुकी है और हायरिंग भी कर रही है। ------------------- ये खबर भी पढ़ें... टेस्ला के अधिकारी अप्रैल में भारत आएंगे: PMO और मिनिस्ट्री के अधिकारियों से मिलेंगे; महाराष्ट्र-गुजरात में ₹4 लाख करोड़ निवेश की संभावना अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी टेस्ला के भारत में एंट्री की संभावनाओं के बीच कंपनी के अधिकारी अप्रैल में भारत आ रहें है। यहां वे कंपनी के संचालन से जुड़े मुद्दों पर प्राइम मिनिस्टर ऑफिस (PMO), मिनिस्ट्री ऑफ हेवी इंडस्ट्री, मिनिस्ट्री ऑफ ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज (MoRTH) और मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स के अधिकारियों में मिलेंगे। इस बात की जानकारी बिजनेस टुडे ने सूत्रों के हवाले से दी है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

Feb 21, 2025 - 17:59
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टेस्ला की एंट्री अमेरिका में कारों से हो सकती है:भारत में जल्द EV पॉलिसी लागू होने की संभावना, इससे इंपोर्ट ड्यूटी 70% से घटकर 15% रह जाएगी
इलॉन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला भारत में अपनी एंट्री डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) बिजनेस से कर

टेस्ला की एंट्री अमेरिका में कारों से हो सकती है: भारत में जल्द EV पॉलिसी लागू होने की संभावना

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को लेकर एक नई नीति के निर्माण का सुनहरा अवसर आने वाला है। वर्तमान में, इंपोर्ट ड्यूटी 70% तक पहुंच गई है, लेकिन नए प्रस्ताव के अनुसार, यह दर घटकर 15% हो सकती है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य देश के बाजार में टेस्ला जैसी कंपनियों के प्रवेश को सुगम बनाना और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना है।

भारत की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी का गुणात्मक बदलाव

भारतीय सरकार की इस नई EV पॉलिसी से स्वच्छ और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। इससे भारतीय बाजार में टेस्ला और अन्य अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों की एंट्री में तेजी आएगी। टेस्ला, जो अपने अनोखे और उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जाना जाता है, अब भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सकेगा।

समर्थन और संभावना

इस नीति का उद्देश्य भारतीय बाजार को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाना है। जैसे-जैसे दुनिया इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रही है, भारत भी इस बदलाव में पीछे नहीं रहना चाहता। टेस्ला की इंडिया में एंट्री से न केवल रोजगार में वृद्धि होगी, बल्कि यह देश के पर्यावरणीय लक्ष्यों को भी पूरा करने में मदद करेगा।

उपसंहार

जैसे-जैसे भारतीय ग्राहकों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ रही है, भारत सरकार ने इस क्षेत्र में प्रगति करने का निर्णय लिया है। यदि यह नई EV पॉलिसी लागू होती है, तो इससे न केवल इंपोर्ट ड्यूटी में कमी आएगी, बल्कि टेस्ला जैसी कंपनियों के लिए भारत में अपने उत्पाद लॉन्च करना भी आसान हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय बाजार में एक नया प्रतिस्पर्धात्मक माहौल निर्मित होगा।

समापन में, भारत की नई EV पॉलिसी न केवल कार निर्माताओं के लिए एक नया अवसर लाएगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी।

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