टॉप-10 कंपनियों में 9 की वैल्यू ₹3 लाख करोड़ बढ़ी:ICICI बैंक और एयरटेल टॉप गेनर रहे, ITC का मार्केट कैप ₹7,571 करोड़ कम हुआ

मार्केट वैल्यूएशन के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 9 की मार्केट वैल्यू बीते हफ्ते के कारोबार में 3 लाख करोड़ रुपए बढ़ गई है। इस दौरान प्राइवेट सेक्टर बैंक ICICI टॉप गेनर रही। बैंक की वैल्यू 64 हजार करोड़ रुपए बढ़कर 9.48 लाख रुपए पर पहुंच गई है। ICICI के अलावा, एयरटेल की वैल्यू 53,286 करोड़ बढ़कर 9.84 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। वहीं, HDFC बैंक की वैल्यू 49,105 करोड़ रुपए, रिलायंस की 39,312 करोड़ और बजाज फाइनेंस की वैल्यू 30,954 करोड़ रुपए बढ़ी है। पिछले हफ्ते ITC एकमात्र ऐसी कंपनी रही जिसकी वैल्यू 7,570.64 करोड़ रुपए कम हुई है। अब कंपनी का मार्केट कैप 5.08 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है। इससे पहले ITC की मार्केट वैल्यू 5.15 लाख करोड़ रुपए थी। पिछले हफ्ते 3077 अंक चढ़ा सेंसेक्स हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार, 21 मार्च को सेंसेक्स 557 अंक चढ़कर 76,905 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 159 अंक की तेजी रही, ये 23,350 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, हफ्तेभर के कारोबार में सेंसेक्स 3077 अंक चढ़ा। शुक्रवार को सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 25 में तेजी रही। सबसे ज्यादा NTPC 3.09%, बजाज फाइनेंस 2.62% और कोटक महिंद्रा बैंक 2.14% चढ़े। महिंद्रा, टाटा स्टील, इंफोसिस, टाइटन और बजाज फिनसर्व में 1% से ज्यादा की गिरावट रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 38 में तेजी रही। NSE के सेक्टोरल इंडाइसेज में मीडिया के शेयर में 2.20%, ऑयल एंड गैस में 1.84% और सरकारी बैंक में 1.06% की तेजी रही। निफ्टी मेटल में करीब 1% की गिरावट रही। मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है? मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटल नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है। मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है, ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां। मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत) मार्केट कैप कैसे काम आता है? किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है। कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है, उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीव्ड वैल्यू होती है। मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है? मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।

Mar 23, 2025 - 14:59
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टॉप-10 कंपनियों में 9 की वैल्यू ₹3 लाख करोड़ बढ़ी:ICICI बैंक और एयरटेल टॉप गेनर रहे, ITC का मार्केट कैप ₹7,571 करोड़ कम हुआ
मार्केट वैल्यूएशन के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 9 की मार्केट वैल्यू बीते हफ्ते के

टॉप-10 कंपनियों में 9 की वैल्यू ₹3 लाख करोड़ बढ़ी: ICICI बैंक और एयरटेल टॉप गेनर रहे

हाल के दिनों में भारतीय शेयर बाजार में एक दिलचस्प परिवर्तन आया है। रिपोर्ट के अनुसार, टॉप-10 कंपनियों में से 9 की वैल्यू ₹3 लाख करोड़ से अधिक बढ़ी है। इस बढ़ोत्तरी का सबसे बड़ा श्रेय ICICI बैंक और एयरटेल को दिया गया है, जिन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। दूसरी ओर, ITC की मार्केट कैप में ₹7,571 करोड़ की कमी आई, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल बना हुआ है।

ICICI बैंक और एयरटेल का प्रभुत्व

ICICI बैंक और एयरटेल ने हाल के बाद के आर्थिक आंकड़ों के अनुसार, बाजार में अपनी स्थिति को मजबूती से कायम किया है। ICICI बैंक की मजबूत वित्तीय स्थिति और एयरटेल की लगातार बढ़ती ग्राहक संख्या ने उन्हें टॉप गेनर बना दिया है। इन कंपनियों ने अपने प्रभावी कारोबारी रणनीतियों के जरिए विभिन्न चुनौतियों का सामना किया है, जिससे उनकी वैल्यू में खासा इजाफा हुआ है।

ITC की मार्केट कैप में गिरावट

वहीं दूसरी तरफ, ITC के लिए पिछले कुछ महीने चुनौतीपूर्ण रहे हैं। इस कंपनी का मार्केट कैप ₹7,571 करोड़ कम होना संकेत देता है कि निवेशकों का विश्वास उस पर थोड़ा डगमगा गया है। इसकी गूंज बाजार में उनकी वित्तीय स्वास्थ्य को लेकर प्रश्न उठाती है। निवेशक अब ITC के भविष्य पर अधिक ध्यान दे रहे हैं और इसके समक्ष समाधान की तलाश कर रहे हैं।

बाजार के अन्य रुझान

टॉप-10 कंपनियों की कुल वैल्यू में वृद्धि इस बात का संकेत देती है कि भारतीय शेयर बाजार में स्थिरता आ रही है। यह वृद्धि अर्थव्यवस्था के विकास और कंपनियों की वित्तीय रिपोर्ट के सकारात्मक परिणामों का संकेत है। निवेशकों को अब सावधानी से आगे के रुझानों का आकलन करना चाहिए ताकि उचित निर्णय ले सकें।

याद रहे, इस प्रकार के आर्थिक परिवर्तनों पर नज़र रखना आवश्यक है। इसके लिए निरंतर अपडेट के लिए indiatwoday.com पर जाएं।

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