बुलंदशहर के डॉक्टर को मिला सम्मान:एम्स दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. युधिष्ठिर यादव को दी पीएचडी की उपाधि
बुलंदशहर के गुलावठी ब्लॉक के गांव कैथाला के डॉ. युधिष्ठिर यादव को एम्स दिल्ली में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की उपाधि से सम्मानित किया गया है। एम्स के 49वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की उपस्थिति में यह सम्मान दिया गया। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने डॉ. युधिष्ठिर को यह उपाधि प्रदान की। डॉ. युधिष्ठिर पहले एम्स दिल्ली के सोसाइटी ऑफ यंग साइंटिस्ट के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने अक्टूबर 2024 में परीक्षा उत्तीर्ण कर यह उपलब्धि हासिल की। डॉ. युधिष्ठिर के पिता रामपाल सिंह यादव डीएन इंटर कॉलेज में वरिष्ठ प्रवक्ता हैं और पूर्व प्रधानपति भी रह चुके हैं। उनकी माता मुनेश यादव भी पूर्व प्रधान हैं। इस उपलब्धि पर गांव कैथाला और आसपास के लोगों ने परिवार को बधाई दी। एम्स के सोसाइटी ऑफ यंग साइंटिस्ट ने भी डॉ. युधिष्ठिर को शुभकामनाएं दीं।

बुलंदशहर के डॉक्टर को मिला सम्मान
एम्स दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. युधिष्ठिर यादव को दी पीएचडी की उपाधि। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो न केवल डॉ. यादव के पेशेवर योगदान को मान्यता देती है, बल्कि उन सभी छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रेरित करती है, जो चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
डॉ. युधिष्ठिर यादव की उपलब्धियाँ
डॉ. युधिष्ठिर यादव ने अपनी पीएचडी की शोधकार्य में विभिन्न चिकित्सीय नवाचारों पर काम किया है, जिससे न केवल स्थानीय समाज को बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी लाभ हुआ है। उनके शोध के परिणाम स्वरुप कई नई चिकित्सा विधियाँ विकसित करने में मदद मिली हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. यादव को पीएचडी की उपाधि प्रदान की और उनके कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे शोधकर्ता समाज की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और युवाओं को प्रेरित करते हैं। यह सम्मान न केवल डॉ. यादव के लिए, बल्कि उनकी पूरी टीम और परिवार के लिए गर्व का पल है।
समाज में चिकित्सा अनुसंधान का महत्व
चिकित्सा में अनुसंधान का महत्व कभी कम नहीं हो सकता। यह न केवल नई चिकित्सा विधियाँ विकसित करता है बल्कि समाज में स्वास्थ्य जागरूकता और बीमारियों के प्रबंधन में भी सहायक होता है। डॉ. यादव जैसे शोधकर्ताओं के योगदान से अगली पीढ़ी के चिकित्सकों को आगे बढ़ने का मार्गदर्शन मिलता है।
इस अवार्ड और स्थानीय स्तर पर दी गई मान्यता से और ज्यादा लोग चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान के प्रति प्रेरित होंगे।
निष्कर्ष
डॉ. युधिष्ठिर यादव का सम्मान एक प्रेरणा है कि कैसे समर्पण और कठिन परिश्रम से सफलता प्राप्त की जा सकती है। यह न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि समस्त चिकित्सा समुदाय और बुलंदशहर के नागरिकों के लिए गर्व की बात है। ऐसे और भी कई डॉक्टर हैं जो बिना किसी परवाह के लोगों की सेवा में लगे हुए हैं।
अधिक जानकारी और अपडेट्स के लिए, कृपया News by indiatwoday.com पर जाएँ। Keywords: बुलंदशहर डॉक्टर सम्मान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, डॉ. युधिष्ठिर यादव, एम्स दिल्ली पीएचडी, चिकित्सा अनुसंधान भारत, चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान, डॉ. यादव की उपलब्धियाँ, स्वास्थ्य जागरूकता, नवीन चिकित्सा विधियाँ, शोधकर्ताओं का योगदान.
What's Your Reaction?






