ट्रम्प के टैरिफ लगाने पर चीन की धमकी:कहा- अमेरिका जंग चाहता है तो यही सही, हम आखिर तक लड़ने को तैयार
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को चीन पर 10% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। अब एक दिन बाद चीन ने अमेरिका को जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। अमेरिका में चीन के दूतावास ने बुधवार को बयान जारी कर कहा- अगर अमेरिका जंग ही चाहता है तो जंग ही सही, फिर चाहे ट्रेड वॉर हो या फिर किसी दूसरे तरह की जंग। हम आखिर तक लड़ने के लिए तैयार हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन किसी धमकी से नहीं डरता। हम पर धौंस जमाना काम नहीं करता। दबाव, जबरदस्ती या धमकी चीन से निपटने का सही तरीका नहीं है। दो महीने में दूसरी बार लगाया टैरिफ अमेरिका ने फरवरी की शुरुआत में चीन पर 10% टैरिफ लगाया था। इसके एक महीने बाद ट्रम्प सरकार ने फिर चीन पर 10% टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इसके बाद प्रवक्ता लिन जियान ने एक्स पर लिखा कि अमेरिका फेंटेनाइल (ड्रग) मुद्दे पर हर तरह की झूठी जानकारी फैला रहा है, चीन को बदनाम कर रहा है और बलि का बकरा बना रहा है। फेंटेनाइल के बहाने से चीनी सामानों पर टैरिफ बढ़ा रहा है। ऐसे कदम अनुचित हैं और इससे किसी का भी भला नहीं होगा। चीन बोला- फेंटेनाइल संकट के लिए अमेरिका खुद जिम्मेदार लिन जियान ने कहा कि चीन की स्थिति साफ है। हम फेंटेनाइल के बहाने चीन पर दबाव डालने, उसे धमकाने और ब्लैकमेल करने का विरोध करते हैं। हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वे अपने हितों को ध्यान में रखकर सही कदम उठाए। प्रवक्ता लिन जियान ने यह भी कहा कि चीन, फेंटेनाइल पर सख्ती के लिए काफी पहले से कदम उठा रहा है। चीन ने 2019 में ही फेंटेनाइल से जुड़े दवाओं को मादक दवाओं की लिस्ट में शामिल किया था। तब चीन ऐसा करने वाला पहला देश बना था। लिन जियान ने एक और पोस्ट में कहा कि अमेरिका के भीतर फेंटेनाइल संकट के लिए कोई और नहीं, बल्कि अमेरिका ही जिम्मेदार है। अगर अमेरिका सच में फेंटेनाइल मुद्दे को सुलझाना चाहता है, तो उसे चीन से बात करनी चाहिए और एक-दूसरे को बराबरी का दर्जा देना चाहिए। 2 अप्रैल से जैसे को तैसा टैरिफ लगाएंगे ट्रम्प ट्रम्प ने बुधवार सुबह अमेरिकी कांग्रेस के जॉइंट सेशन को संबोधित किया। उन्होंने 2 अप्रैल से दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जो भी हम पर जितना टैरिफ लगाएगा, हम भी उन पर उतना ही लगाएंगे। ट्रम्प ने हंसते हुए कहा कि मैं इसे 1 अप्रैल को लागू करना चाहता था, लेकिन फिर लोग इसे 'अप्रैल फूल' समझते। ट्रम्प ने कहा कि उनके प्रशासन के तहत, अगर कोई कंपनी अमेरिका में अपना प्रोडक्ट नहीं बनाएगी, तो उसे टैरिफ देना होगा। कुछ मामलों में, यह टैरिफ बहुत बड़ा होगा। उन्होंने कहा कि दूसरे देश अमेरिका पर भारी टैक्स और टैरिफ लगाते हैं, जबकि अमेरिका उन पर बहुत कम लगाता है। यह बहुत अन्यायपूर्ण है। दूसरे देश दशकों से हम पर टैरिफ लगाते आ रहे हैं, अब हमारी बारी है। ............................................ ट्रम्प और टैरिफ से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... ट्रम्प के टैरिफ से अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट:कनाडा-मेक्सिको पर 25%, चीन पर 10% टैरिफ बढ़ाया; बदले में कनाडा-चीन ने भी टैरिफ लगाए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने के बाद मंगलवार को अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट आई। अमेरिका का SP 500 इंडेक्स 2% तक गिर गया। पूरी खबर यहां पढ़ें...

ट्रम्प के टैरिफ लगाने पर चीन की धमकी: कहा- अमेरिका जंग चाहता है तो यही सही, हम आखिर तक लड़ने को तैयार
चीन ने हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। चीन के सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि यदि अमेरिका जंग की ओर बढ़ना चाहता है, तो चीन इस लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार है। आर्थिक तनाव और व्यापार युद्ध ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है, और दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
चीन का अभिमान: हम अंतिम तक लड़ेंगे
चinese विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए पुष्टि की है कि वे अमेरिकी नीतियों का कड़ा जवाब देंगे। उनके द्वारा यह कहा गया है कि चीन अपनी आंतरिक विकास योजनाओं को रोक नहीं सकता, और यदि अमेरिका ने टैरिफ लगाने की अपनी नीति जारी रखी, तो वह अपनी प्रतिक्रिया देने में चूक नहीं करेगा। चीन के सरकार ने स्पष्ट किया कि वे न केवल व्यापारिक लड़ाई में बल्कि किसी भी प्रकार की सैन्य स्थिति के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं।
टैरिफ का प्रभाव: वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
टैरिफ लगने से न केवल चीन पर, बल्कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह व्यापार युद्ध वैश्विक बाजार में अस्थिरता लाने का कारण बन सकता है। कई उद्योगों, जैसे एलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन और ऑटोमोबाइल, पर भारी असर पड़ सकता है। अमेरिका की उपभोक्ता वस्तुएं महंगी हो सकती हैं, जिससे बाजार में खरीदारी की प्रवृत्ति प्रभावित होगी।
भविष्य के लिए क्या है अपेक्षित?
भविष्य में चीन और अमेरिका के बीच शांति वार्ता की संभावना बनी हुई है, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की संभावनाएं अधिक हैं। उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों पक्षों को स्थायी समाधान तलाशने में अपनी प्राथमिकता स्पष्ट करनी होगी, ताकि आर्थिक तनाव और बढ़ता हुआ विवाद रोका जा सके।
इस कठिन समय में, दुनिया की नज़रें अमेरिका और चीन के बीच होने वाले संवाद पर टिकी हुई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या टैरिफ की नीति में बदलाव होता है या कोई नई पहल की जाती है।
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