ट्रम्प बोले- अमेरिका गाजा पर कब्जा करके री-डेवलप करेगा:वहां के फिलिस्तीनियों को जॉर्डन और मिस्र पनाह दें; इजराइली PM नेतन्याहू US दौरे पर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि गाजा में तबाही के कारण फिलिस्तीनियों के पास वहां से जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने सुझाव दिया कि जॉर्डन और मिस्र इन फिलिस्तीनियों को अपने यहां शरण दें। इसके बाद अमेरिका गाजा स्ट्रिप को अपने कब्जे में लेकर री-डेवलप करेगा। ट्रम्प ने कहा कि गाजा को फिर से बसाने के बजाय फिलिस्तीनियों के लिए किसी नए स्थान पर बसने की व्यवस्था करना बेहतर होगा। अगर सही जगह मिल जाए और वहां अच्छे घर बना दिए जाएं, तो यह गाजा लौटने से बेहतर होगा। ट्रम्प ने यह बयान अमेरिकी दौरे पर आए इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात के बाद जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया। मुलाकात में दोनों ने गाजा युद्ध में युद्धविराम के अगले कदम पर चर्चा की। ट्रम्प बोले- यह मिडिल ईस्ट में शांति लाने की योजना ट्रम्प ने सुझाव दिया कि अमेरिका गाजा का कंट्रोल अपने हाथ में ले सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका वहां मौजूद खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को हटा सकता है। साथ ही नष्ट हो चुकी इमारतों को भी साफ कर सकता है। अमेरिका उस जगह को साफ करके ऐसा आर्थिक विकास कर सकता है, जिससे वहां के लोगों के लिए नौकरियों और घर की असीमित व्यवस्था बन सके। ट्रम्प ने कहा कि मैंने पिछले कई महीनों में गाजा की स्थिति को करीब से समझा है और वहां कब्जा करके विकास करने की योजना को दुनिया के टॉप लीडर्स से जबर्दस्त समर्थन मिला है। यह मिडिल ईस्ट में शांति लाने के लिए एक कारगर योजना है। ट्रम्प ने यह भी कहा कि मैं जल्द ही इजराइल, गाजा, सऊदी अरब और मिडिल ईस्ट के अन्य स्थानों का दौरा करूंगा। मिडिल ईस्ट एक शानदार जगह है, जो बहुत जीवंत है। यह वाकई खूबसूरत इलाका है, जहां शानदार लोग रहते हैं, लेकिन वहां खराब नेतृत्व ने कई समस्याएं पैदा कर दी हैं। हमास ने कहा- ऐसे बयानों से तनाव और बढ़ेगा हमास ने ट्रम्प के इस प्ररस्ताव को तुरंत खारिज कर दिया। हमास के वरिष्ठ अधिकारी सामी अबू जुहरी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान गाजा में अराजकता और तनाव बढ़ाने का नुस्खा है। हमास की तरफ से जारी एक बयान में उन्होंने कहा, 'हमारे लोग गाजा में इन योजनाओं को लागू नहीं होने देंगे। जरूरी यह है कि हमारे लोगों पर हो रहे कब्जे और हमलों को खत्म किया जाए, न कि उन्हें उनकी जमीन से बेदखल किया जाए। मिस्र और जॉर्डन ने भी ट्रम्प के ऑफर को खारिज कर दिया है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में फिलीस्तीनी प्रतिनिधि ने कहा कि वर्ल्ड लीडर्स को फिलिस्तीनियों की इच्छाओं का सम्मान करना चाहिए। इजराइल-हमास में जंग खत्म करने पर 3 फरवरी से चर्चा CNN की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका लगातार इजराइल और हमास पर सीजफायर जारी रखने को लेकर दबाव बनाए हुए है। इस लिहाज से ट्रम्प और नेतन्याहू के बीच होने वाली बैठक बेहद खास है। 19 जनवरी को इजराइल और हमास के बीच 15 महीने की जंग के बाद सीजफायर शुरू हुआ है। इस दौरान बंधकों की अदलाबदली की जा रही है। 3 फरवरी से सीजफायर के अगले चरण पर चर्चा होनी है। इसका मकसद जंग को स्थायी तौर पर खत्म करना है। दूसरी तरफ नेतन्याहू, अमेरिकी राष्ट्रपति से हथियारों की सप्लाई पर भी बात कर सकते हैं। बाइडेन ने अपने कार्यकाल में इजराइल पर दबाव बनाने के लिए भारी बमों की सप्लाई रोक दी थी। ट्रम्प ने इस महीने शपथ लेने से पहले मिडिल ईस्ट में अपने स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव स्टीव विटकॉफ को भेजा था। सीजफायर के बाद नॉर्थ गाजा में लौटे फिलिस्तीनी इजराइल-हमास के 15 महीने बाद 3 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिक रफा बॉर्डर और साउथ गाजा के इलाके से नॉर्थ गाजा की तरफ लौटे चुके हैं। 19 जनवरी को हुए सीजफायर के बाद 27 जनवरी को इजराइल ने फिलिस्तीनी नागरिकों नॉर्थ गाजा में लौटने की मंजूरी दी। जंग शुरू होने के बाद 10 लाख से ज्यादा लोग साउथ की तरफ चले गए थे। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा में इजराइली हमलों से 47 हजार से ज्यादा लोगों मारे गए हैं, जबकि 1.10 लाख से ज्यादा घायल हुए हैं। सीजफायर डील के तहत यह तय हुआ था कि इजराइल, 25 जनवरी से उत्तरी गाजा में फिलिस्तीनी लोगों को लौटने की अनुमति देगा। हालांकि इजराइल-हमास के बीच विवाद की वजह से इसमें 2 दिन की देरी हुई। कनाडा, ग्रीनलैंड और पनामा को अमेरिका में शामिल करने की बात कह चुके ट्रम्प ट्रम्प इससे पहले कनाडा, ग्रीनलैंड और पनामा को अमेरिका में शामिल करने की बात कह चुके हैं। 29 नवंबर 2024 को कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो तब अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रम्प से मिले थे। डिनर टेबल पर ट्रम्प ने कहा कि कनाडा को अमेरिका का '51वां राज्य' बन जाना चाहिए। इसके बाद ट्रम्प ने दुनिया के सबसे बड़े द्वीप ग्रीनलैंड और सबसे व्यस्त व्यापारिक रूट में से एक पनामा नहर पर भी कब्जा करने की बात कही। ट्रम्प ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यवसायिक हितों के लिए ये दोनों अमेरिका के कंट्रोल में होना बेहद जरूरी है। इस लिस्ट में अब गाजा का नाम भी जुड़ गया है। ------------------------------------- डोनाल्ड ट्रम्प से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... ट्रम्प ने हथकड़ी लगवाकर मिलिट्री प्लेन से भेजे 205 भारतीय, 24 घंटे का सफर और एक टॉयलेट; क्या इसमें भारत सरकार शामिल है? भारत में 4 फरवरी की सुबह 3 बज रहे थे, तब अमेरिका के टेक्सास के सैन एंटोनियो से एक मिलिट्री एयरक्राफ्ट उड़ान भर रहा था। इस C-17 विमान में अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 205 भारतीय सवार थे। इन्हें अमृतसर उतारा गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारतीय अवैध अप्रवासियों को देश से क्यों निकाल रहे हैं, क्या इसमें भारत सरकार का भी हाथ है; पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

ट्रम्प बोले- अमेरिका गाजा पर कब्जा करके री-डेवलप करेगा
हाल ही में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बयान में कहा है कि अमेरिका गाजा क्षेत्र पर कब्जा करके उसको री-डेवलप करेगा। उनके इस वक्तव्य ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। ट्रम्प ने यह सुझाव दिया कि गाजा के फिलिस्तीनियों को जॉर्डन और मिस्र में पनाह दी जानी चाहिए। उनका मानना है कि इस कदम से न केवल क्षेत्रीय स्थिरता में मदद मिलेगी बल्कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए एक रणनीतिक लाभ भी प्राप्त होगा।
इजराइली PM नेतन्याहू का अमेरिका दौरा
इस बीच, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी अमेरिका के दौरे पर हैं। उनकी यात्रा का उद्देश्य इस नई प्रस्तावित नीति पर बातचीत करना और अमेरिकी प्रशासन के साथ संबंधों को मजबूत करना है। नेतन्याहू ने कहा कि वह ट्रम्प के सुझावों पर विचार करने के लिए तैयार हैं, हालांकि इस विषय पर उनके विचार अलग भी हो सकते हैं।
गाजा के मुद्दे का महत्व
गाजा एक संवेदनशील क्षेत्र है जहाँ लंबे समय से राजनीतिक और मानवीय संकट बने हुए हैं। यहाँ के लोग आर्थिक संकट और संघर्ष का सामना कर रहे हैं। ऐसे में ट्रम्प का प्रस्तावित "री-डेवलपमेंट" कार्यक्रम कई सवाल उठाता है। लोग जानना चाहते हैं कि क्या यह योजना वास्तव में गाजा के लोगों के लिए फायदेमंद होगी या नहीं।
फिलिस्तीनी स्थिति
ट्रम्प के अनुसार, अमेरिका को यह अधिकार होना चाहिए कि वह गाजा पर नियंत्रण स्थापित करे और उसकी री-डेवलपमेंट की प्रक्रिया को शुरू करे। इस संदर्भ में, फिलिस्तीनियों को मिस्र और जॉर्डन में पनाह देने का सुझाव भी विवादास्पद है। फिलिस्तीनियों के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है कि वे अपने देश से पलायन करने के लिए मजबूर हों।
निष्कर्ष
गाजा में हो रहे संघर्ष और अमेरिका की हालिया नीति पर बढ़ती बातचीत के बीच, ट्रम्प का यह सुझाव एक नया मोड़ ला सकता है। इस पर वैश्विक प्रतिक्रियाएँ आनी शुरू हो गई हैं। क्या अमेरिका सच में इस समस्या को हल करने में सफल होगा? यह देखना दिलचस्प होगा।
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