ट्रम्प बोले- भारत टैरिफ में कटौती पर सहमत:अब हमारे देश को लूटना बंद हुआ; एक दिन पहले भारत पर 100% टैरिफ की बात कही थी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार देर रात कहा, 'भारत हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलता है। आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते। हालांकि भारत अब अपने टैरिफ में बहुत कटौती करना चाहता हैं। क्योंकि कोई (अमेरिका) उनके किए की पोल खोल रहा है।' ट्रम्प ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा- हमारे देश को हर किसी ने लूटा है। और अब यह बंद हो गया है। मैंने अपने पहले कार्यकाल में इसे बंद करवाया था। अब हम इसे पूरी तरह से बंद करने जा रहे हैं, क्योंकि यह बहुत गलत है। अमेरिका को आर्थिक दृष्टिकोण से, वित्तीय दृष्टिकोण से और व्यापार दृष्टिकोण से दुनिया के लगभग हर देश ने लूटा है। 5 मार्च को अमेरिकी संसद के जॉइंट सेशन में ट्रम्प ने 2 अप्रैल से भारत पर जैसा को तैसा टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि भारत हमसे 100% से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, हम भी अगले महीने से ऐसा ही करने जा रहे हैं। ट्रम्प ने कहा- यूक्रेन से निपटना ज्यादा कठिन ट्रम्प ने कहा कि मुझे लगता है कि हम रूस के साथ बहुत अच्छा कर रहे हैं, लेकिन अभी वे यूक्रेन पर बमबारी कर रहे हैं। मुझे यूक्रेन से निपटना ज्यादा कठिन लग रहा है। उनके पास कोई कार्ड नहीं है। ट्रम्प ने कहा कि हम अगले हफ्ते सऊदी अरब में यूक्रेन से मिल रहे हैं। अंतिम समझौते के लिए रूस से निपटना आसान हो सकता है। क्योंकि उनके पास सभी कार्ड हैं। काम पूरा करने के लिए यूक्रेन को बोर्ड में शामिल होना होगा। ट्रम्प के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने गुरुवार को कहा था कि यूक्रेन के साथ होने वाली बैठक रियाद या जेद्दा में होगी। 1 घंटा 44 मिनट का भाषण का भाषण दिया था ट्रम्प ने जॉइंट सेशन में रिकॉर्ड 1 घंटा 44 मिनट का भाषण दिया था। ट्रम्प ने भाषण की शुरुआत अमेरिका इज बैक, यानी 'अमेरिका का दौर लौट आया है' से की थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने 43 दिन में जो किया है वह कई सरकारें अपने 4 या 8 साल के कार्यकाल में नहीं कर पाईं। उन्होंने कहा था- 2 अप्रैल से अमेरिका आने वाले विदेशी कृषि उत्पादों पर नया टैरिफ लागू होगा। शुरुआत में थोड़ा एडजस्टमेंट पीरियड हो सकता है, लेकिन किसानों के लिए यह जबरदस्त मौका होगा। ट्रम्प ने कहा था कि विदेशी एल्युमिनियम, कॉपर, लंबर और स्टील पर 25% टैरिफ लगाया है। ये टैरिफ सिर्फ अमेरिकी नौकरियों की सुरक्षा के लिए नहीं हैं। ये हमारे देश की आत्मा की रक्षा करने के लिए है। टैरिफ लगाने की अब हमारी बारी है ट्रम्प ने ऐलान किया था कि उनके प्रशासन के तहत, अगर कोई कंपनी अमेरिका में अपना प्रोडक्ट नहीं बनाएगी, तो उसे टैरिफ देना होगा। कुछ मामलों में, यह टैरिफ बहुत बड़ा होगा। दूसरे देश अमेरिका पर भारी टैक्स और टैरिफ लगाते हैं, जबकि अमेरिका उन पर बहुत कम लगाता है। यह बहुत अन्यायपूर्ण है। दूसरे देश दशकों से हम पर टैरिफ लगाते आ रहे हैं, अब हमारी बारी है। ट्रम्प ने कहा कि 2 अप्रैल से अमेरिका में ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ लागू होगा। यानी वे हम पर जितना टैरिफ लगाएंगे, हम भी उन पर उतना ही लगाएंगे। वे हम पर जितना टैक्स लगाएंगे, हम भी उन पर उतना ही टैक्स लगाएंगे। ट्रम्प ने हंसते हुए कहा कि मैं इसे 1 अप्रैल को लागू करना चाहता था, लेकिन फिर लोग इसे 'अप्रैल फूल' समझते। ................................ अमेरिका से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... 'आंख के बदले आंख' की तर्ज पर टैरिफ लगाएंगे ट्रम्प: भारत को हर साल ₹61 हजार करोड़ का नुकसान, अमेरिकी सामान सस्ते हो सकते हैं अमेरिका 2 अप्रैल से भारत पर 'आंख के बदले आंख' की तर्ज पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएगा। इसका मतलब यह कि भारत जितना टैरिफ अमेरिकी कंपनियों से आने वाले सामान पर लगाएगा, अमेरिका भी उतना ही टैरिफ भारतीय कंपनियों के अमेरिका जाने वाले सामान पर लगाएगा। पूरी खबर पढ़ें...

ट्रम्प बोले- भारत टैरिफ में कटौती पर सहमत: अब हमारे देश को लूटना बंद हुआ
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में हालिया घटनाक्रमों ने दुनिया का ध्यान खींचा है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक बयान में कहा कि भारत टैरिफ में कटौती पर सहमत हो गया है। इससे उनके मुताबिक, अमेरिका को अपने व्यापार के क्षेत्र में राहत मिलेगी और अब 'हमारे देश को लूटना बंद होगा'।
भारत पर हालिया 100% टैरिफ का विवाद
एक दिन पहले, ट्रम्प ने भारत पर 100% टैरिफ की बात कही थी, जिससे व्यापारिक तनाव बढ़ गया था। उनके इस बयान ने वैश्विक बाजारों में हड़कंप मचा दिया था। हालांकि, अब यह स्पष्ट हो रहा है कि भारत और अमेरिका इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है। भारत ने अपने व्यापारिक नीतियों में कुछ बदलावों का संकेत दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच अच्छे पारस्परिक संबंध बने रहेंगे।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं। इन दोनों देशों के बीच निर्यात और आयात दोनों ही क्षेत्रों में बड़ा कारोबार होता है। इस प्रकार के टैरिफ विवाद व्यापारिक तनाव का कारण बन सकते हैं, जो दोनों देशों के व्यवसायियों और निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकते हैं। यह समझौता न केवल व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि एक स्थिर वैश्विक आर्थिक माहौल में भी मदद करेगा।
सामूहिक रूप से, यह स्थिति भारत और अमेरिका दोनों के लिए एक सकारात्मक दिशा में कदम उठाने का अवसर है। व्यापारिक नीतियों में ये बदलाव दोनों देशों के बीच आर्थिक समझ के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं।
अंत में, इस बातचीत के परिणामों का न सिर्फ अमेरिका, बल्कि वैश्विक बाजार पर भी प्रभाव पड़ेगा। इसे ध्यान में रखते हुए, सभी की नजरें आगे की बातचीत और विकास पर बनी रहेंगी।
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