कैंट में गोकशो को भीड़ ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा:छबीलेपुरवा कैंट के जंगल में गोकशी कर रहे थे चार तस्कर, पुलिस ने भीड़ के चंगुल से छुड़ाकर बचाई जान
कानपुर कैंट में जगलों में गोकशी कर रहे एक युवक को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और भीड़ ने दबोच लिया। भीड़ ने गोकश को दौड़ा-दौड़ा कर बेरहमी से पीटा। जबकि उसके तीन साथी मौके से भागने में कामयाब हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोकश तस्कर को भीड़ के चंगुल से किसी तरह छुड़ाया और हिरासत में लिया। इसके बाद सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया तब जाकर हंगामा शांत हुआ। भाजपा के वार्ड 29 ओमपुरवा के पार्षद जितेन्द्र चौरसिया ने बताया कि शुक्रवार रात उन्हें स्थानीय लोगों के द्वारा सूचना मिली कि छबीलेपुरवा के आगे जंगल में गोवंश को काटा जा रहा है। इस पर पार्षद समेत बजरंग दल कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और चार में से एक आरोपी को मौके पर पकड़ लिया। गोकश के पकड़े जाने की सूचना मिलते ही सैकड़ों की भीड़ भी मौके पर पहुंच गई। भीड़ ने गोकश को बेरहमी से पीटा। साथ ही मौके पर कार्यकर्ताओं को एक गोवंश बंधा पड़ा मिला। हंगामे की सूचना पाकर मौके पर जाजमऊ और कैंट थाने की पुलिस पहुंची और कार्यकर्ताओं को शांत कराया। जिसके बाद पुलिस घायल हुए आरोपी को उपचार के लिए अस्पताल ले गई। थाना प्रभारी अरिवन्द कुमार राय ने बताया कि कार्यकर्ताओं ने गोकशी का आरोप लगाया है। मौके पर एक गोवंश भी बंधा मिला है। लेकिन किसी प्रकार के धारदार हथियार नही मिले हैं। फिलहाल मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी।

कैंट में गोकशो को भीड़ ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
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घटना का विवरण
हाल ही में छबीलेपुरवा कैंट के जंगल में एक घटना घटी जहां गायों की तस्करी कर रहे चार गोकशों को स्थानीय भीड़ ने पकड़कर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। गोकश तस्कर जंगल में गोकशी कर रहे थे, जिसे स्थानीय निवासियों ने देखा और तुरंत कार्रवाई की। यह घटना न केवल स्थानीय समुदाय की सुरक्षा को दर्शाती है बल्कि गोकशी के खिलाफ लोगों की जागरूकता को भी दिखाती है।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए तस्करों को पकड़ लिया और उन्हें पुलिस के पहुंचने से पहले ही सख्त दंड दिया। भीड़ की इस प्रकार की कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि लोग गोकशी के खिलाफ सख्त हैं और किसी भी हालात में इसे सहन नहीं करने के लिए तैयार हैं। इस घटना ने गोकशों के प्रति स्थानीय लोगों के व्यवहार को उजागर किया है।
पुलिस की भूमिका
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर तस्करों को भीड़ के चंगुल से बचाया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गई। इस प्रकार की घटनाएं पुलिस को यह याद दिलाती हैं कि गोकशी के मामलों में कानूनी और सामाजिक दोनों ही तरह के उपायों की जरूरत है। सुरक्षा और कानून के प्रवर्तन में सुधार की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।
सामाजिक जागरूकता
यह घटना एक बड़ा संदेश देती है कि समाज जागरूक हो चुका है और वह अपनी सुरक्षा के लिए खड़ा होने को तैयार है। स्थानीय सरकारों को चाहिए कि वे गोकशी जैसे मुद्दों पर कड़ी नीतियां बनाएं और लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए कार्यक्रम चलाएं। समाज में पशुओं के प्रति दया और करुणा का भाव विकसित करना भी जरूरी है।
आगे की दिशा
यदि ऐसी घटनाओं को रोकना है, तो पुलिस और सरकार को स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सुरक्षा उपायों को विकसित करना चाहिए। सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम, विधिक शिक्षा और सख्त कानूनों का पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है। लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाने में संकोच न करें।
कुल मिलाकर, यह घटना हमारे समाज में गोकशी के प्रति लोगों की सोच को बदलने के लिए एक अवसर है। समय की मांग है कि हम पूरे देश में स्टेशनरी और अन्य तस्करी के खिलाफ एकजुट हों और अपने समुदायों को सुरक्षित रखें।
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