ट्रूडो ने ठुकराया कनाडा को अमेरिका में मिलाने का ऑफर:कहा- कोई गुंजाइश नहीं; ट्रम्प ने कनाडा को US स्टेट बनने का ऑफर दिया
अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुनाव जीतने बाद के बाद कई कनाडा में अमेरिका में शामिल होने का ऑफर दे चुके हैं। अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को दो टूक शब्दों मे ट्रम्प से कह दिया है कि इस विलय की कोई गुंजाइश नहीं है। ट्रूडो ने X पर लिखा- इस बात की कोई गुंजाइश नहीं है कि कनाडा अमेरिका का हिस्सा बन जाएगा। दोनों देशों के वर्कर्स और सोसाइटी एक-दूसरे के सबसे बड़े ट्रेड और डिफेंस साझेदार होने से लाभान्वित होते हैं। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भी ट्रम्प को कड़े शब्दों में जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा देश ऐसी धमकियों से डरकर पीछे नहीं हटेगा। ट्रम्प के बयान बताते हैं कि कनाडा को लेकर उनकी समझ काफी कमजोर है। हमारी इकोनॉमी और हमारे लोग काफी मजबूत है। हम खतरों के सामने से कभी पीछे नहीं हटेंगे। ट्रम्प बोले- कनाडा हमारी सेना पर निर्भर इससे पहले ट्रम्प ने मंगलवार को फ्लोरिडा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि आप (कनाडा) दोनों देशों के बीच खींची गई आर्टिफिशियल लाइन से छुटकारा पा लें। यह यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बेहतर होगा। यह कनाडा और अमेरिका के लिए एक बड़ी बात होगी। ट्रम्प ने कनाडा के मिलिट्री खर्च को लेकर कहा- उनके पास बहुत छोटी सेना है। वो हमारी सेना पर निर्भर हैं। लेकिन उन्हें इसके लिए भुगतान करना होगा। हालांकि ट्रम्प ने साफ कर दिया कि वो कनाडा पर कंट्रोल के लिए किसी भी तरह के मिलिट्री पावर का इस्तेमाल नहीं करेंगे। उन्होंने मिलिट्री की जगह इकोनॉमिक पावर इस्तेमाल करने की बात कही। ट्रूडो के इस्तीफे के बाद भी दिया था ऑफर ट्रम्प ने सोमवार को भी कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनने का ऑफर दिया था। तब ट्रम्प ने यह ऑफर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के कुछ घंटों बाद ही सोशल मीडिया के जरिए दिया था। तब ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिका अब कनाडा से और व्यापार घाटा नहीं सहन कर सकता और न ही उसे और ज्यादा सब्सिडी दे सकता है। कनाडा को अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए इसकी बहुत ज्यादा जरूरत है। ट्रूडो ये बात जानते थे, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। जीत के बाद ट्रम्प ने कई विवादित बयान दिए पिछले साल 6 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत तय हो गई थी। इसके बाद से उन्होंने लगातार कई विवादित बयान दिए हैं। ट्रम्प पनामा नहर और ग्रीनलैंड को कंट्रोल में लेने की बात कह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने ब्रिक्स देशों को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने यूएस डॉलर के अलावा किसी और करेंसी में ट्रेड किया तो वो 100% टैरिफ लगाएंगे। ------------------------------ यह खबर भी पढ़ें... ट्रम्प ने कनाडा को US में मिलने का ऑफर दोहराया:कहा- अमेरिका अब और सब्सिडी नहीं दे सकता, ट्रूडो ये जानते थे इसलिए इस्तीफा दिया अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को एक बार फिर कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनने का ऑफर दिया। ट्रम्प ने यह ऑफर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के कुछ घंटों बाद ही सोशल मीडिया के जरिए दिया। यहां पढ़ें पूरी खबर...

ट्रूडो ने ठुकराया कनाडा को अमेरिका में मिलाने का ऑफर
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कनाडा को अमेरिका में शामिल करने का प्रस्ताव
हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, डोनाल्ड ट्रम्प ने कनाडा को अमेरिका का भाग बनने का ऑफर दिया। ट्रम्प का यह प्रस्ताव सियासी गलियारों में हलचल मचाने वाला था। हालांकि, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह से ठुकरा दिया, यह कहते हुए कि कोई गुंजाइश नहीं है। यह कदम उनके देश के स्वतंत्रता और संप्रभुता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ट्रूडो का स्पष्ट बयान
ट्रूडो ने अपने एक हालिया बयान में स्पष्ट किया कि कनाडा को अमेरिका में मिलाना न केवल व्यावहारिक है, बल्कि यह उनकी सरकार की प्राथमिकताओं के खिलाफ भी है। उन्होंने कहा कि कनाडा का भविष्य उसके अपने हाथों में है और अमेरिका के प्रस्ताव का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने अपने नागरिकों के हितों की रक्षा करने के लिए प्राथमिकता को स्पष्ट किया।
राजनीतिक स्थिति और प्रतिक्रियाएँ
इस प्रस्ताव पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी काफी तीव्र रही। कई राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे ट्रम्प की चुनावी रणनीति से जोड़ा है, जहाँ वे मतदाताओं का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर, कनाडाई नागरिकों के बीच भी इस प्रस्ताव पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ हैं। कुछ लोग इस सोच के खिलाफ हैं कि उनके देश का कोई हिस्सा अमेरिका का हिस्सा बने।
निष्कर्ष
जस्टिन ट्रूडो द्वारा दिए गए स्पष्ट संकेत आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। कनाडा की संप्रभुता को बनाए रखना और राष्ट्रीय पहचान की सुरक्षा करना उनके लिए प्राथमिकता है। ट्रम्प के इस ऑफर ने कनाडा और अमेरिका के बीच के रिश्तों की जटिलताओं को फिर से उजागर किया है।
कनाडा के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता था, लेकिन ट्रूडो ने बेहतर समझदारी से इसे ठुकरा दिया है। यह घटना कनाडाई राजनीति के महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाती है।
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