दो जिलों को जोड़ने वाली सड़क जर्जर ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी
भास्कर न्यूज | फतेहपुर फतेहपुर प्रखंड के चापुड़िया पंचायत अंतर्गत साहेबगंज-गोविंदपुर स्टेट हाईवे से जुड़ने वाली मुख्य सड़क आज पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। यह सड़क चापुड़िया, झाझीटांड़, कोरवोना तथा सीमावर्ती देवघर जिले के टीटी चापुड़िया जैसे कई गांवों को जोड़ती है। लगभग दो किलोमीटर लंबी यह सड़क इन पांच गांवों के लिए जीवन रेखा है, लेकिन बदहाल स्थिति के कारण अब यह रास्ता जानलेवा बन गया है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हैं और बड़े-बड़े बोल्डर निकले हुए हैं, जिससे साइकिल, बाइक और पैदल यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें हर दिन बाजार और काम पर जाने के लिए इसी मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ता है। कई किसान अपनी उपज इसी रास्ते से बाजार लाते हैं। चार पहिया वाहन तो इस सड़क पर चल ही नहीं पाते। बारिश के दिनों में यह समस्या और भी भयावह हो जाती है। पानी भरने से गड्ढे दिखाई नहीं देते और अक्सर दुर्घटनाएं हो जाती हैं। सड़क के बीचोंबीच पानी जमा होने से वह डोभा का रूप ले लेता है, जो गंभीर खतरे का संकेत है। दो किलोमीटर की यह सड़क पूरी तरह से टूट चुकी है, लेकिन अब तक प्रशासन या किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं गया है। लगभग 2000 लोग प्रतिदिन इस सड़क का उपयोग करते हैं, जो लगातार परेशान हैं। यहां के ग्रामीण बीमार लोगों को कंधे या खाट पर उठाकर अस्पताल ले जाते हैं।

दो जिलों को जोड़ने वाली सड़क जर्जर ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी
ग्रामीण क्षेत्रों का विकास समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हाल ही में, दो जिलों को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण सड़क का जर्जर हालात में होना ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्याएँ उत्पन्न कर रहा है। यह सड़क न केवल आवागमन के लिए, बल्कि कृषि उत्पादों की बाजार में पहुँच के लिए भी महत्वपूर्ण है। सड़क का बुरा हाल ऐसे समय में है जब बरसात के बाद ग्रामीणों को और भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों की समस्याएँ
जर्जर हालत में यह सड़क ग्रामीणों के लिए आवागमन में बाधा उत्पन्न कर रही है। जिससे उनको रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोग स्कूल, अस्पताल, और बाज़ार जैसे आवश्यक स्थानों तक पहुँचने में कठिनाई का अनुभव कर रहे हैं। इसके अलावा, इस सड़क की स्थिति से व्यापारिक गतिविधियाँ भी प्रभावित हो रही हैं।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन ने इस समस्या को खत्म करने के लिए कुछ कदम उठाने की बात की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। गाँवों के प्रमुखों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सड़क की मरम्मत की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सड़क की हालत में सुधार नहीं हुआ तो इससे अनेक ग्रामीणों की रोज़ी-रोटी पर असर पड़ेगा।
समाजिक एवं आर्थिक प्रभाव
सड़क की यह स्थिति ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी खतरा पैदा कर सकती है। कृषि आधारित क्षेत्रों में रहने वाले लोग जो अपनी फसलें बाजार में बेचते हैं, उन्हें उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। इस कारण से किसानों के लिए संकट उत्पन्न हो सकता है। सड़क की मरम्मत से न केवल आवागमन में सुधार होगा, बल्कि इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ेगा।
इससे स्थानीय व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
अंत में, यह स्पष्ट है कि इस सड़क का सुधार न केवल ग्रामीणों के लिए आवश्यक है बल्कि पूरे क्षेत्र की विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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