धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस निर्माण में बाधा:पेड़ कटाई के नहीं जमा किए 30 करोड़, 15 साल से अधर में लटका कार्य

हिमाचल के धर्मशाला में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस का निर्माण केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी ना मिलने के चलते 15 साल से अटका पड़ा है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी के धर्मशाला में नॉर्थ कैंपस निर्माण के लिए, जदरांगल में चिह्नित 57.10 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मई 2023 में अनुमति दी थी। लेकिन पेड़ों के कटान के एवज में 30.03 करोड़ रुपए जमा नहीं किए गए हैं। शिक्षा विभाग ने राशि को घटाने का दिया प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग ने इस राशि को घटाकर 10.50 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव दिया है। विभाग ने पर्यावरण मंजूरी के लिए चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट्स को पत्र लिखकर 19.53 करोड़ रुपए की छूट देकर 10.50 करोड़ रुपए की राशि जमा करने की अनुमति मांगी है। इसके लेकर चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट्स से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। विभाग के द्वारा इस मामले को उच्चाधिकारियों के ध्यान में भी लाया गया है। लेकिन कोई हल नहीं मिल सका है। 510 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को 30 करोड़ ने अटकाया सेंट्रल यूनिवर्सिटी निर्माण की स्वीकृति 20 जनवरी 2009 को मिली थी और इसके प्रस्तावित भवन निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपए की राशि भी आवंटित की गई थी। लेकिन यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस निर्माण केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के चलते फंस गया है। पेड़ों के कटान के एवज में 30.03 करोड़ रुपए जमा ना होने के चलते निर्माण रूका हुआ है। इस निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण को लेकर 2019 में आवेदन किया गया था। लेकिन पांच साल बाद भी पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिलने के बावजूद भूमि हस्तांतरित नहीं हुई है। मुख्यमंत्री के शीतकालीन प्रवास से उम्मीद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 15 जनवरी से शीतकालीन प्रवास पर धर्मशाला आ रहे हैं। स्थानीय लोगों को मुख्यमंत्री से उम्मीद है क वह इस समस्या का समाधान करेंगे। ताकि बीच में अटका पड़ा कार्य शुरू हो जाये।

Jan 11, 2025 - 15:25
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धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस निर्माण में बाधा:पेड़ कटाई के नहीं जमा किए 30 करोड़, 15 साल से अधर में लटका कार्य
हिमाचल के धर्मशाला में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस का निर्माण केंद्रीय पर्यावरण मंत्रा

धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस निर्माण में बाधा

धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी का कैंपस निर्माण पिछले 15 वर्षों से अधर में लटका हुआ है। यह परियोजना कई कारणों से बाधित हो रही है, जिनमें मुख्य रूप से पेड़ कटाई के मुद्दे शामिल हैं। सरकार द्वारा अनुमानित 30 करोड़ रुपये की राशि अभी तक जमा नहीं की गई है, जिससे इस महत्वपूर्ण निर्माण कार्य में गंभीर रुकावट आई है।

परियोजना का महत्व

धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी का कैंपस न केवल शिक्षण संस्थान के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र के विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। इस कैंपस में न केवल शिक्षण सुविधाएं होंगी, बल्कि यह स्थानीय छात्रों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।

बाधाओं का विश्लेषण

कैंपस निर्माण में बाधा के प्रमुख कारणों में से एक है पेड़ कटाई से संबंधित कानूनी मुद्दे। सरकार के नियमों के अनुसार, किसी भी निर्माण कार्य में पेड़ कटाई के लिए निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करना अनिवार्य है। हालांकि, 30 करोड़ रुपये की राशि जमा नहीं होने के कारण, यह प्रक्रिया लंबित है।

स्थानीय निवासियों की चिंताएं

स्थानीय निवासियों ने इस मामले पर चिंता व्यक्त की है। उन्हें भय है कि इस परियोजना के लंबित रहने से शिक्षा का स्तर प्रभावित होगा और स्थानीय विकास में रुकावट आएगी। प्रशासन से लगातार अपील की जा रही है कि उचित कदम उठाए जाएं ताकि यह महत्वपूर्ण परियोजना आगे बढ़ सके।

भविष्य की योजनाएँ

यदि इन बाधाओं को दूर किया जाता है, तो आशा है कि धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी का कैंपस जल्द ही पूरा होगा। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को कार्यवाही में तेजी लाने की आवश्यकता है। स्थानीय सरकार को पेड़ कटाई और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं का समाधान करना चाहिए ताकि निर्माण कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ सके।

कुल मिलाकर, धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी की परियोजना स्थानीय शिक्षा प्रणाली और क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर सकती है यदि इसे समय पर पूरा किया जाता है।

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