नोएडा में हाइब्रिड मोड पर चलेंगे स्कूल:प्रदूषण और धुंध बना कारण, प्री से लेकर 9वीं तक और 11वीं क्लास पर लागू
गौतमबुद्ध नगर के जिला अधिकारी ने स्कूल को हाइब्रिड मोड पर चलने के आदेश जारी किए हैं। इसके लिए बढ़ते प्रदूषण और धुंध को बड़ा कारण बताया गया है। जिलाधिकारी का यह आदेश प्री स्कूल से क्लास 9 वीं तक और 11 वीं के स्टूडेंट्स के लिए लागू होगा। अभिभावक और स्टूडेंट्स ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास का ऑप्शन चुन सकते हैं। जिलाधिकारी द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक इस समय गौतमबुद्ध नगर का एक्यूआई खतरनाक श्रेणी में हैं। प्रदूषण और ठंड वजह दरअसल ठंड में हुई लंबी छुट्टियों के बाद जब स्कूल खुलने का समय आया तो घने कोहरे और बढ़ते ठंड की वजह से स्कूलों को ऑनलाइन मोड में डाल दिया गया था। उसके बाद 15 जनवरी को एक बार फिर सभी स्कूलों को खोलने का आदेश 14 जनवरी को लागू किया गया था। लेकिन मौसम ने एक बार फिर करवट ली और 15 जनवरी को सुबह से ही घने कोहरे और बढ़ती ठंड को देखते हुए स्कूलों को हाइब्रिड मोड में डालने का आदेश जारी किया गया। इस बार इस आदेश में प्रदूषण को भी मुख्य कारण बताया गया है। लगातार बढ़ रहा था एक्यूआई जिलाधिकारी के जारी किए गए आदेश के मुताबिक 14 जनवरी के लिए नोएडा का एक्यूआई जो 275 बताया गया था, 15 जनवरी को उसमें अचानक से बढ़ोतरी हुई और घने कोहरे की स्थिति और कम तापमान के कारण एक्यूआई 386 दर्ज किया गया। एक्यूआई शाम 5 बजे 393 और 6 बजे 396 हो गया है। जिलाधिकारी के आदेश में यह बताया गया कि गौतम बुद्ध नगर के सभी विद्यालयों को निर्देशित किया जाता है कि वे प्री स्कूल से लेकर कक्षा 9वीं एवं 11 वीं कक्षा तक खराब वायु गुणवत्ता के कारण हाइब्रिड मोड में उनका संचालन करें।

नोएडा में हाइब्रिड मोड पर चलेंगे स्कूल
नोएडा के शिक्षा विभाग ने प्रदूषण और धुंध की बढ़ती समस्या को ध्यान में रखते हुए हाइब्रिड मोड में स्कूल चालू करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय प्री-स्कूल से लेकर 9वीं कक्षा और 11वीं कक्षा के छात्रों पर लागू होगा। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियाँ जारी रहें, जबकि उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाए।
प्रदूषण और धुंध का प्रभाव
हाल के दिनों में नोएडा में वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। धुंध और प्रदूषण के कारण छात्रों का विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित होना खतरे में पड़ सकता है। इसलिए, हाइब्रिड शिक्षा मोड एक उपयोगी उपाय साबित हो सकता है, जिसमें कुछ दिन छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं और अन्य दिनों में विद्यालय में उपस्थित हो सकते हैं।
हाइब्रिड मोड की खासियतें
हाइब्रिड मोड का मुख्य उद्देश्य छात्रों की शिक्षा को निरंतर बनाए रखना है। इस मोड के तहत, शिक्षण सामग्री डिजिटल माध्यमों से भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि छात्रों को किसी भी स्थिति में परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसके अवलंबन से माता-पिता को भी यह चिंता नहीं रहेगी कि उनके बच्चे धुंध या प्रदूषण से प्रभावित होंगे।
निष्कर्ष
यह निर्णय नोएडा में शिक्षा प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो छात्रों की भलाई और सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। इसके अलावा, यह योजना शहर में प्रदूषण के मुद्दे से निपटने का एक प्रयास भी है। इस प्रकार, एनसीआर क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्थाओं में सुधार लाने का यह एक सकारात्मक पहल है।
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