न्यूनतम वेतन से लेकर सामाजिक सुरक्षा का उठाया मुद्दा:आशा वर्कर्स की 11 प्रमुख मांगें, यूपी में आंदोलन की चेतावनी
लखीमपुर में उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन ने अपनी बुनियादी मांगों को लेकर सरकार से तत्काल वार्ता की मांग की है। यूनियन का कहना है कि बढ़ते कार्यभार के बावजूद न तो उचित प्रोत्साहन राशि मिल रही है और न ही कोविड भत्ता व अन्य बकाया राशियां। यूनियन की प्रमुख मांगों में न्यूनतम वेतन लागू करना, प्रोत्साहन राशि को मानदेय में बदलना, बकाया राशियों का भुगतान, ग्रेच्युटी-पेंशन का प्रावधान और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकने के लिए कमेटी का गठन शामिल हैं। साथ ही मातृत्व अवकाश, साप्ताहिक अवकाश और सामाजिक सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की भी मांग की गई है। आशा वर्कर्स ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली इन कार्यकर्ताओं की मांगों पर सरकार का रुख अभी स्पष्ट नहीं है।

आशा वर्कर्स का आंदोलन
आशा वर्कर्स, जो स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का आधार हैं, सामान्यतः низкие वेतन की समस्या का सामना करते हैं। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि उनके वेतन को बढ़ाया जाए तथा उन्हें अधिक सामाजिक सुरक्षा दी जाए।11 प्रमुख मांगें
आशा वर्कर्स ने अपनी प्रमुख मांगों की सूची में निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल किया है: 1. न्यूनतम वेतन 2. स्वास्थ्य बीमा 3. कार्यस्थल की सुरक्षा 4. पेंशन योजना 5. कार्य के लिए समुचित साधन 6. नियमित प्रशिक्षण 7. मानसिक स्वास्थ्य सहायता 8. जबरन काम न कराना 9. महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं 10. सरकारी कार्यक्रमों में पारदर्शिता 11. स्वास्थ्य के क्षेत्र में मान्यतामहिलाओं के लिए सम्मान की मांग
इन मांगों की मुख्य भूमिका यह है कि आशा वर्कर्स, जो ज्यादातर महिलाएं हैं, अपने काम की वास्तविकता को सामने लाना चाहती हैं। उनका कहना है कि वे स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें उचित मान्यता नहीं मिलती।आंदोलन की चेतावनी
यदि उनकी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं देती है, तो आशा वर्कर्स ने आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। उनका मानना है कि मौजूदा स्थिति में सुधार लाने के लिए यह जरूरी है।समर्थन के लिए अपील
आशा वर्कर्स ने जनता और विभिन्न संगठनों से समर्थन मांगा है। उनकी आवाज को मजबूत करने के लिए समुदाय से मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।निष्कर्ष
यह आंदोलन आशा वर्कर्स के अधिकारों की रक्षा करने और उनकी आवाज को स्थापित करने के लिए आवश्यक है। अगर सरकार इन मांगों पर ध्यान देती है, तो यह न केवल आशा वर्कर्स के लिए बल्कि पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए लाभदायक होगा। अधिक जानकारी के लिए, indiatwoday.com पर जाएं।What's Your Reaction?






