पति से कहासुनी के बाद महिला ने फांसी लगाई:बेटा कमरें में देखने गया तो फंदे से लटकी मिली, जांच में जुटी पुलिस
लखनऊ के बीबीडी के जुग्गौर में पति से कहासुनी के बाद महिला ने फांसी लगा ली। झगड़ा करने के बाद पति बाहर चला गया। वहां से वापस लौटा तो पत्नी फंदे से लटकी मिली। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। बीबीडी के जुग्गौर के रहने वाले अवधेश मजदूरी करते हैं। अवधेश ने बताया रविवार रात पत्नी शिल्पी (40) से घरेलू बात को लेकर कहासुनी हो गई। झगड़े के बाद अवधेश गुस्से में घर से निकलकर चले गए। बेटा अनिरुद्ध और बेटी परी अपने कमरे में सोने चले गए। देर रात बेटा अनमोल नीचे मां के कमरे में गया तो मां शिल्पी पंखे से साड़ी के फंदे के सहारे लटकी हुई थी। इस पर अनिरुद्ध की चीख निकल गई। बच्चे का शोर सुनकर आसपास के लोग भी आ गए। आनन- फानन में उसे फंदे से उतारकर अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इंस्पेक्टर बीबीडी के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पति से कहासुनी के बाद महिला ने फांसी लगाई
उत्तर भारत में, एक दुःखद घटना सामने आई है जहाँ एक महिला ने अपने पति से कहासुनी के बाद आत्महत्या कर ली। यह घटना उस समय सामने आई जब महिला का बेटा कमरों में देखने गया और उसे फंदे से लटकी हुई अवस्था में पाया। यह समाचार न केवल स्थानीय समुदाय को दहलाने वाला है, बल्कि इससे हमारे समाज में पारिवारिक तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर भी प्रकाश डालता है।
घटना का संक्षिप्त विवरण
पुलिस अनुसार, घटना कुछ दिनों पहले हुई थी। महिला और उसके पति के बीच लंबी बहस हुई थी, जिसके बाद महिला ने आत्मघाती कदम उठाने का निर्णय लिया। जब बेटा अपने कमरे में गया, तो उसने माँ को फंदे से लटका हुआ देखा। यह दृश्य उसके लिए मानसिक रूप से बेहद परेशनास्पद था। परिवार के सदस्यों में अफरा-तफरी मच गई और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस जांच की जानकारी
पुलिस घटनास्थल पर पहुँच गई और शव को हिरासत में ले लिया। शुरुआती जांच में पुलिस को यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, लेकिन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पूरी जांच की जा रही है। पुलिस ने कहा है कि इस मामले में कोई संदेह या प्रतिकूल परिस्थिति नहीं पाई गई है।
समाज में मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता
इस घटना ने एक बार फिर से मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को जागरूकता में लाने का काम किया है। समाज में पारिवारिक दबाव, तनाव, और व्यक्तिगत समस्याओं के समाधान के लिए एक खुला वातावरण होना आवश्यक है। अगर परिवार में कोई तनाव है, तो उसे सही तरीके से संवादित करना जरूरी है।
सभी सदस्यों को एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए ताकि ऐसे दुखद घटनाएँ न हों। वर्तमान में, यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमें मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
समाज में हो रही ऐसी घटनाओं पर विचार करते हुए, यह जरूरी है कि हम एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें और परिवार के प्रति संवेदनशील बने रहें। सभी को अपनी मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
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