प्रदेश में चल रहा संविदा में नियुक्ति का खेल:डायरेक्टर होम्योपैथिक सुविधा शुल्क के आधार पर कर रहे हैं कर्मचारियों का प्रमोशन डिमोशन आजमगढ़ के एक्टिविस्ट ने खोली पोल

आजमगढ़ जिले के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट पतरू राम विश्वकर्मा ने होम्योपैथिक विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि आजमगढ़ के साथ ही प्रदेश के कई जिलों में खेल चल रहा है। इस पूरे खेल में होम्योपैथिक के डायरेक्टर अरविंद कुमार वर्मा द्वारा व्यापक भ्रष्टाचार और अनियमितता की जा रही है। इसी के तहत आजमगढ़ जिले के श्री राजकीय दुर्गा जी होम्योपैथिक कॉलेज में भी हुई अमरीश पांडेय की संविदा नियुक्ति समाप्त होने के बाद भी दोबारा से ज्वाइन कर दिया गया। जबकि संविदा की नियुक्ति समाप्त होने के पहले लोक सेवा आयोग से आए डॉक्टर जितेंद्र कुमार को चार्ज ही नहीं दिया गया। इससे समझा जा सकता है कि पूरे प्रदेश में किस तरह से खेल चल रहा है। इसी तरह से आजमगढ़ जिले में डॉक्टर अली कोसर की मौत के बाद उनके बेटे अली शकीरा को मृतक आश्रित में रजिस्ट्रेशन क्लर्क के पद पर नियुक्त किया गया जबकि शासन द्वारा रजिस्ट्रेशन क्लर्क का पद सृजित ही नहीं है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की धज्जियां होम्योपैथिक विभाग में उड़ाई जा रही हैं। और जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। पूरे प्रदेश के सभी नव राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में डायरेक्टर होम्योपैथिक की मिली भगत से यह खेल चल रहा है। इन जिलों में चल रहा है खेल इस बारे में आरटीआई एक्टिविस्ट पतरूराम विश्वकर्मा ने बताया कि आजमगढ़ के साथ ही अलीगढ़ मुरादाबाद कानपुर, गाजीपुर अयोध्या गोरखपुर लखनऊ प्रयागराज जिले में खेल किया गया। आरटीआई एक्टिविस्ट का दावा है कि निदेशक होम्योपैथिक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नियम विरुद्ध मृतक आश्रितों की नियुक्ति की गई। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित नव राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में 2018 में संविदा चिकित्सक शिक्षकों की नियुक्ति उत्तर प्रदेश आयुष अनुभाग 2 के द्वारा की गई। इतना ही नहीं निदेशक होम्योपैथिक डॉक्टर अरविंद कुमार वर्मा ने मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव आयुष उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ की आंखों में धूल झोंकते हुए राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल लखनऊ में संविदा पर नियुक्त अपने सगे भाई अनूप कुमार को झांसी कार्यालय जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी से संबंध कर रखा है। ऐसे बहुत से संविदा कर्मचारियों का स्थान और विषय परिवर्तित किया गया है जबकि शासनादेश में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। आरटीआई एक्टिविस्ट का दावा है कि निदेशक होम्योपैथिक डॉक्टर अरविंद कुमार वर्मा अक्टूबर 2025 में सेवानिवृत होने वाले हैं ऐसे में जाते-जाते वह भ्रष्टाचार करने पर आमादा है। ऐसे में डायरेक्ट होम्योपैथिक अरविंद कुमार वर्मा को हटाने के साथ-साथ इस पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग की गई है।

Apr 21, 2025 - 02:59
 47  4413
प्रदेश में चल रहा संविदा में नियुक्ति का खेल:डायरेक्टर होम्योपैथिक सुविधा शुल्क के आधार पर कर रहे हैं कर्मचारियों का प्रमोशन डिमोशन आजमगढ़ के एक्टिविस्ट ने खोली पोल
आजमगढ़ जिले के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट पतरू राम विश्वकर्मा ने होम्योपैथिक विभाग में चल रहे

प्रदेश में चल रहा संविदा में नियुक्ति का खेल: डायरेक्टर होम्योपैथिक सुविधा शुल्क के आधार पर कर रहे हैं कर्मचारियों का प्रमोशन डिमोशन आजमगढ़ के एक्टिविस्ट ने खोली पोल

हाल ही में, आजमगढ़ के एक एक्टिविस्ट ने प्रदेश में संविदा भर्ती की प्रक्रिया में चल रहे अनियमितताओं का पर्दाफाश किया है। उनका आरोप है कि होम्योपैथिक डायरेक्टर कर्मचारियों के प्रमोशन और डिमोशन का निर्णय सुविधा शुल्क के आधार पर कर रहे हैं। यह खुलासा न केवल भ्रष्टाचार को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे सरकारी सुविधाएँ और अवसर कुछ लोगों के हाथों में बंधी हुई हैं।

भावनाओं और भ्रांतियों का खेल

इस मामले ने संविदा कर्मचारियों में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। प्रमोशन और डिमोशन की प्रक्रिया में इस तरह के हस्तक्षेप से कई योग्य कर्मचारियों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है। एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया है कि जिन कर्मचारियों ने पैसे का भुगतान नहीं किया, उन्हें जानबूझकर प्रमोट नहीं किया गया। यह न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि यह सरकारी पदों की गरिमा को भी कम करता है।

सरकारी व्यवस्था की शाखाएँ

सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता की आवश्यकता है। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो समाज में असंतोष और भ्रष्टाचार की भावना बढ़ती जाएगी। आजमगढ़ के इस एक्टिविस्ट ने इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों और मीडिया के सामने लाने के लिए कई बार आवाज उठाई है। तकनीकी दृष्टिकोण से भी इसे सुधारने की आवश्यकता है, ताकि उचित प्रक्रिया का पालन हो सके। इसी संदर्भ में, भविष्य में संविदा कर्मचारियों के लिए एक स्थायी और पारदर्शी सिस्टम स्थापित करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

आजमगढ़ के इस एक्टिविस्ट द्वारा उठाए गए मुद्दे ने समाज के एक महत्वपूर्ण हिस्से को जागरूक किया है। हमें उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के मामलों में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करना हर नागरिक का अधिकार है।

News by indiatwoday.com Keywords: संविदा में नियुक्ति का खेल, डायरेक्टर होम्योपैथिक प्रमोशन डिमोशन, आजमगढ़ एक्टिविस्ट, सुविधा शुल्क, सरकारी भर्ती में अनियमितताएँ, भ्रष्टाचार की पोल, संविदा कर्मचारियों के अधिकार, पारदर्शिता की आवश्यकता, सरकारी सिस्टम सुधार, भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow