फिर गोरखपुर एयरपोर्ट पर फंसे रहे एक और केंद्रीय मंत्री:एयरपोर्ट पर ठप हुआ सिस्टम, 220 यात्री भी डेढ़ घंटे रहे कैद; 2 महीने में 5वीं घटना

गोरखपुर एयरपोर्ट अब यात्रियों के लिए सुविधा का नहीं, परेशानी का केंद्र बन चुका है। बीते 2 महीने में पांचवीं बार यहां फ्लाइट से उतरने के बाद भी यात्री विमान के अंदर ही फंसे रह गए। गुरुवार को दिल्ली से गोरखपुर आई इंडिगो की फ्लाइट (E2087/5013) में केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा समेत करीब 220 यात्रियों को डेढ़ घंटे तक टैक्सी-वे पर खड़े विमान में कैद रहना पड़ा। ये कोई एक दिन की चूक नहीं, बल्कि एयरपोर्ट प्रशासन की लगातार चल रही लापरवाही और बुनियादी ढांचे की पोल है। लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है, न कोई जवाबदेही तय की जा रही है। तय समय से देर, उतरने की इजाजत नहीं यह फ्लाइट दोपहर 3:15 बजे गोरखपुर पहुंचनी थी, लेकिन यह 4:05 बजे लैंड हुई। लैंडिंग के बाद एप्रन पर जगह नहीं मिली तो विमान को टैक्सी-वे पर ही रोक दिया गया। यहां एयरपोर्ट की व्यवस्था इतनी लचर है कि देर से पहुंचने वाली फ्लाइट के लिए वैकल्पिक प्लान तक नहीं होता। गर्मी, घुटन और अफरा-तफरी के बीच यात्रियों को डेढ़ घंटे तक अंदर ही बैठाए रखा गया। करीब 5:25 बजे जब पहले से खड़े विमानों को हटाया गया, तब जाकर फ्लाइट को एप्रन पर लाया गया और यात्रियों को बाहर निकलने दिया गया। इसके बाद शाम 6:00 बजे यही विमान वापस दिल्ली के लिए रवाना हो सका। इस फ्लाइट से केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा को भी शाम 7 बजे दिल्ली लौटना था। मंत्री भी फंसे, फिर भी नहीं जागा सिस्टम सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि केंद्रीय राज्य मंत्री खुद फ्लाइट में फंसे रहे, लेकिन एयरपोर्ट प्रशासन या इंडिगो ने कोई विशेष इंतजाम नहीं किया। आम यात्रियों के लिए तो यह रोज़ की कहानी बन चुकी है, लेकिन जब मंत्री भी इसी बदइंतजामी का शिकार हों और उसके बावजूद कोई हल न निकले, तो साफ है कि सिस्टम पूरी तरह से सुन्न पड़ा है। “फ्लाइट ली थी समय बचाने के लिए, यहां तो कैद कर दिया” विमान में बैठे कई यात्रियों ने अपनी नाराजगी जाहिर की। कसया के रहने वाले संजय पटेल ने कहा, “दिल्ली से फ्लाइट पहले ही एक घंटे लेट चली, फिर यहां पहुंचकर डेढ़ घंटे तक विमान में बैठा दिया गया। जल्दी घर पहुंचने के लिए फ्लाइट ली थी, लेकिन यहां तो बस में भी इससे बेहतर सुविधा मिलती है।” यात्रियों का आरोप है कि यह एक बार की घटना नहीं, बल्कि अब तो हर हफ्ते ऐसा ही होता है। एयरलाइंस और एयरपोर्ट अथॉरिटी सिर्फ माफी मांगने या सफाई देने तक सीमित हैं। कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती। दिक्कतों का नहीं है कोई समाधान विवाद बढ़ता देख एयरपोर्ट के अधिकारी मौके पर पहुंचे और यात्रियों को शांत कराने की रस्म निभाई। हर बार की तरह इस बार भी यही कहा गया—“टेक्निकल दिक्कत थी, जल्द समाधान किया जाएगा।” लेकिन हकीकत यही है कि न कोई समाधान सामने आया है, न किसी की जवाबदेही तय की गई है। 2 महीने में गोरखपुर एयरपोर्ट की 5 बड़ी गड़बड़ियां 1- 10 अप्रैल – दिल्ली से आई फ्लाइट में केंद्रीय मंत्री समेत 220 यात्री डेढ़ घंटे विमान में फंसे। 2- 9 अप्रैल – मुंबई से आई फ्लाइट को एप्रन नहीं मिला, यात्री एक घंटे तक प्लेन में कैद। 3- 27 मार्च – टेकऑफ के बाद फ्लाइट वापस लौटाई गई, यात्रियों ने एयरपोर्ट पर हंगामा किया। 4- 15 मार्च – कोलकाता से आई फ्लाइट को रनवे पर 40 मिनट रोका गया, एसी बंद होने से घुटन। 5- 26 फरवरी – बैंगलोर से आई फ्लाइट को एप्रन न मिलने पर 50 मिनट तक रोकना पड़ा। गोरखपुर एयरपोर्ट की मौजूदा स्थिति • एप्रन क्षमता: सिर्फ 3 विमानों की • रोजाना उड़ानें: 12–14 • यात्री प्रतिदिन: लगभग 3000+ • पार्किंग संकट: हर शाम फ्लाइट लाइन में लगती हैं • वैकल्पिक इंतजाम: नहीं अब सवाल उठता है… • क्या गोरखपुर एयरपोर्ट इतने यात्री भार को संभालने के लायक है? • क्यों हर हफ्ते यात्री फ्लाइट में कैद होते हैं और कोई अधिकारी जवाब नहीं देता? • एयरलाइंस और एयरपोर्ट अथॉरिटी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती? • जब एक केंद्रीय मंत्री खुद परेशान हो चुके हैं, फिर भी अगर सिस्टम नहीं जाग रहा—तो आम जनता किससे उम्मीद करे? गोरखपुर एयरपोर्ट अब ‘इंटरनेशनल स्टेटस’ का दावा करता है, लेकिन हकीकत यही है कि यहां ज़मीन पर हालात लोकल बस अड्डे से भी बदतर हैं। अगर अब भी सरकार और प्रशासन ने आंखें न खोलीं, तो ये एयरपोर्ट सिर्फ उड़ानों का ही नहीं, जनता के धैर्य का भी क्रैश साइट बन जाएगा।

Apr 11, 2025 - 00:59
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फिर गोरखपुर एयरपोर्ट पर फंसे रहे एक और केंद्रीय मंत्री:एयरपोर्ट पर ठप हुआ सिस्टम, 220 यात्री भी डेढ़ घंटे रहे कैद; 2 महीने में 5वीं घटना
गोरखपुर एयरपोर्ट अब यात्रियों के लिए सुविधा का नहीं, परेशानी का केंद्र बन चुका है। बीते 2 महीने मे

फिर गोरखपुर एयरपोर्ट पर फंसे रहे एक और केंद्रीय मंत्री

सिस्टम की खराबी से हुआ घटनाक्रम

हाल ही में गोरखपुर एयरपोर्ट पर एक और केंद्रीय मंत्री और 220 यात्रियों को सिस्टम की खराबी के कारण डेढ़ घंटे तक फंसे रहना पड़ा। यह स्थिति इस एयरपोर्ट के लिए कोई नई नहीं है, क्योंकि पिछले दो महीनों में यह पांचवीं बार है जब तकनीकी समस्याओं के चलते इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं।

यात्री और मंत्री दोनों रहे परेशान

गोरखपुर एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। केंद्रीय मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि यह स्थिति न केवल उनकी बल्कि सभी यात्रियों के लिए बेहद असुविधाजनक थी। ऐसे में, यात्रियों को समय पर फ्लाइट्स का कनेक्शन नहीं मिल पाने की समस्या का सामना करना पड़ा। यह गंभीर स्थिति बताती है कि एयरपोर्ट के सिस्टम में सुधार की आवश्यकता है।

पिछले दो महीनों में हुई घटनाएं

एयरपोर्ट की सुरक्षा और तकनीकी समस्याएं यात्रियों की यात्रा को प्रभावित कर रही हैं। इससे पहले भी, कई बार गोरखपुर एयरपोर्ट पर ऐसी समस्याएं उत्पन्न हुई हैं जो यात्रियों की यात्रा को बाधित करती हैं। इन घटनाओं की श्रृंखला ने एयरपोर्ट प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।

समाधान की आवश्यकता

गौर करने वाली बात है कि केंद्रीय मंत्री ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को प्राथमिकता देने के लिए एयरपोर्ट प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। समय पर समाधान न होने पर यह स्थिति और भी विकट हो सकती है।

कुल मिलाकर, गोरखपुर एयरपोर्ट पर बार-बार इसी प्रकार की घटनाएं होना, यात्रियों की चिंता को बढ़ा रहा है। उम्मीद है कि एयरपोर्ट प्रबंधन इस समस्या का शीघ्र समाधान करेगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

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