बजरंग सेना का हिंदू राष्ट्र का संकल्प:राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा- गाय को मिले राष्ट्रीय माता का दर्जा, सनातन बोर्ड बने
ललितपुर में बजरंग सेना की वार्षिक समीक्षा बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर पटेरिया की अध्यक्षता में हनुमान धारा मंदिर परिसर में आयोजित की गई। बैठक से पहले शोभायात्रा निकाली गई और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से आए पदाधिकारियों का सम्मान किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष पटेरिया ने बताया कि 11 साल पहले 10 जनवरी को स्थापित संगठन का मुख्य उद्देश्य भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की सराहना करते हुए कहा कि वहां गाय को राज्य माता का दर्जा दिया गया है। पटेरिया ने कहा कि उनका संगठन सनातन धर्म की बात करने वाली किसी भी पार्टी का समर्थन करेगा। उन्होंने देश में सनातन बोर्ड बनाने की मांग की। बैठक में बसपा के पूर्व विधायक फेरन लाल अहिरवार द्वारा भगवान के प्रति की गई अभद्र टिप्पणी पर आक्रोश जताते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई। कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी शुभम पस्तोर, जिलाध्यक्ष डॉ. दीपक पस्तोर सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को लेकर हमेशा से चर्चाएँ होती रही हैं। हाल ही में, बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हिंदू राष्ट्र के समर्थन में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस घोषणा में उन्होंने गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा देने का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही, उन्होंने सनातन बोर्ड की स्थापना की भी विचार किया है। यह कदम बजरंग सेना के उद्देश्य और उनकी विचारधारा को और अधिक स्पष्ट करता है।
गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा
गाय भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। बजरंग सेना के अध्यक्ष का कहना है कि गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा देकर हम उसके प्रति अपनी श्रद्धा दर्शा सकते हैं। यह निर्णय न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे सामाजिक मूल्यों को भी मजबूत करेगा।
सनातन बोर्ड की स्थापना
इसके अलावा, अध्यक्ष ने सनातन बोर्ड की स्थापना की बात की है, जो हिंदू धर्म और संस्कृति के संरक्षण और प्रचार के लिए कार्य करेगा। यह बोर्ड शिक्षकों, विद्वानों और धार्मिक नेताओं को एकत्र करेगा ताकि वे हिंदू संस्कृति को अगली पीढ़ी तक पहुँचाएँ।
सामाजिक और धार्मिक प्रभाव
बजरंग सेना का यह संकल्प निश्चित रूप से समाज में एक नया दृष्टिकोण लाने का प्रयास है। यह पहल धार्मिक एकता को बढ़ावा देने के लिए अहम हो सकती है। समाज में धार्मिक मान्यताओं की प्रति संवेदनशीलता बढ़ेगी और लोग सांस्कृतिक धरोहर को लेकर अधिक जागरूक होंगे।
समाज में विचारों का आदान-प्रदान
बजरंग सेना के इस प्रस्ताव का अलग-अलग समाज में अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं। कुछ लोग इस पहल का स्वागत कर सकते हैं, जबकि कुछ अन्य इसे चुनौती दे सकते हैं। यह आवश्यक है कि बहस और संवाद के जरिए एक संतुलित सामाजिक सहमति बनाई जाए।
अंत में, बजरंग सेना का यह संकल्प हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को किस तरह आगे बढ़ाएँ। इसके साथ-साथ, हमें यह भी विचार करना होगा कि समाज में समरसता और आपसी सम्मान कैसे बनाए रखा जाए। Keywords: बजरंग सेना, हिन्दू राष्ट्र, गाय राष्ट्रीय माता, सनातन बोर्ड, हिंदू धर्म, संस्कृति संरक्षण, धार्मिक एकता, भारत में धार्मिक चर्चाएं, बजरंग सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष, सामाजिक मूल्यों का संरक्षण For more updates, visit indiatwoday.com.
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