बांग्लादेश में एक हफ्ते में 6 मंदिरों पर हमले:चटगांव में देवी मंदिर से सोने के गहने और दानपेटी की लूट; 2 हिंदुओं की हत्या

बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने बीते हफ्ते में 6 हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया है। इनमें से चटगांव के हथाजारी में 8 जनवरी को चार मंदिरों पर हमले किए गए। कॉक्स बाजार में 9 जनवरी और लाल मोनिरहाट में 10 जनवरी एक-एक मंदिर में लूटपाट की गई। वहीं 2 हिंदुओं की हत्या कर दी गई। चटगांव के हथाजारी इलाके में मां विश्वेश्वरी काली मंदिर में सोने के गहने और दानपेटी लूटी गई है। वहीं सत्यानारायण सेवा आश्रम, मां मागधेश्वरी मंदिर और जगबंधु आश्रम में भी डकैती को अंजाम दिया गया। इसके अलावा कॉक्स बाजार के श्रीमंदिर चोरों ने CCTV कैमरा तोड़ दिया। लाल मोनिरहाट जिले के भवतारिणी काली मंदिर से प्राचीन मूर्तियां और कीमती पूजन सामग्री लूट ली गई हैं। कट्टरपंथियों ने एक पूर्व कॉलेज शिक्षक दिलीप कुमार रॉय (71) को घर में घुसकर मार दिया। वहीं जालाखाठी जिले में 26 साल के व्यापारी सुदेव हलदर की गला रेतकर हत्या कर दी गई। बीतों दिनों हुई इन घटनाओं में किसी भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कट्टरपंथियों को शह दे रही है यूनुस की सरकार बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद के कार्यवाहक महासचिव मणींद्र कुमार नाथ ने कहा- यूनुस सरकार कट्टरपंथियों को खुला संरक्षण दे रही है। अल्पसंख्यकों पर हमले थम नहीं रहे हैं। बांग्लादेश में लोकतंत्र नहीं बचा है। हम असुरक्षित हैं। बांग्लादेश पुलिस बोली- ज्यादातर हमले राजनीतिक बांग्लादेश पुलिस ने शनिवार को अगस्त 2024 से जनवरी 2025 के बीच हुए हमलों की रिपोर्ट जारी की। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि इस दौरान हुए ज्यादातर हमले सांप्रदायिक नहीं, बल्कि राजनीति से प्रेरित थे। बता दें कि बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बीते 6 महीनों में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ 1,769 हमले और तोड़‌फोड़ की 2,010 घटनाएं हुई हैं। इनमें मंदिरों और अन्य अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमले भी शामिल हैं। परिषद का दावा है कि पुलिस ने सैकड़ों मामले दर्ज ही नहीं किए। पुलिस ने अपनी सफाई में कहा कि परिषद की रिपोर्ट में बताई गई घटनाओं में से 1,234 राजनीति से प्रेरित पाई गई। 20 घटनाएं ही सांप्रदायिक थीं। 115 मामलों में 100 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। बांग्लादेश में भारतीय हाई कमीश्नर तलब वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को सीमा पर तनाव के मुद्दे पर भारतीय हाई कमीश्नर प्रणय वर्मा को तलब किया। बांग्लादेश ने आरोप लगाया है कि भारत द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन करते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर पांच स्थानों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है। बांग्लादेश की सरकारी न्यूज एजेंसी BSS ने बताया कि भारतीय हाई कमीश्नर ने बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीम उद्दीन के साथ करीब 45 इस मुद्दे पर बात की। हालांकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया है। भारतीय हाई कमीश्नर ने बैठक के बाद कहा कि दोनों देशों में सिक्योरिटी के मुद्दे पर बाड़ लगाने की सहमति है। दोनों देशों के सुरक्षा बलों (BSF और BGB) ने इस मुद्दे पर बात भी की है। -------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... शेख हसीना के पिता अब बांग्लादेश के राष्ट्रपिता नहीं:नई स्कूली किताबों में खालिदा जिया के पति जियाउर रहमान को आजादी का क्रेडिट दिया बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने शेख हसीना के पिता और पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत को मिटाना शुरू कर दिया है। मौजूदा सरकार ने बांग्लादेश की पाठ्य पुस्तकों में बदलाव करने का फैसला किया है। डेली स्टार के मुताबिक अब से किताब में बताया जाएगा कि साल 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी मुजीबुर्रहमान ने नहीं बल्कि जियाउर रहमान ने दिलाई थी। यह खबर भी पढ़ें...

Jan 12, 2025 - 20:05
 49  501823
बांग्लादेश में एक हफ्ते में 6 मंदिरों पर हमले:चटगांव में देवी मंदिर से सोने के गहने और दानपेटी की लूट; 2 हिंदुओं की हत्या
बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने बीते हफ्ते में 6 हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया है। इनमें से चटगां
बांग्लादेश में एक हफ्ते में 6 मंदिरों पर हमले: चटगांव में देवी मंदिर से सोने के गहने और दानपेटी की लूट; 2 हिंदुओं की हत्या News by indiatwoday.com

हमलों का विवरण

बांग्लादेश में हाल ही में हुए लगभग एक हफ्ते के भीतर मंदिरों पर हुई हमलों की श्रृंखला ने सामुदायिक तनाव को और बढ़ा दिया है। चटगांव में स्थित एक प्रसिद्ध देवी मंदिर में हुई लूटपाट के दौरान चोरों ने सोने के गहने और महत्वपूर्ण दानपेटी को उड़ा लिया। यह न केवल धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि स्थानीय हिंदू समुदाय में भय का माहौल भी पैदा करता है।

हिंदू समुदाय पर प्रभाव

इन हमलों ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की स्थिति को और कठिन बना दिया है। घटनाओं के दौरान दो हिंदू व्यक्तियों की हत्या भी हुई, जोकि सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता का विषय है। स्थानीय नेताओं और धार्मिक संगठनों ने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

सरकारी प्रतिक्रिया

सरकार ने इन अपराधों की गंभीरता को स्वीकारते हुए जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है, लेकिन स्थानीय लोग सुरक्षा की कमी महसूस कर रहे हैं। इस प्रकार के हमले न केवल धार्मिक सद्भाव को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि देश की छवि पर भी बुरा असर डाल सकते हैं।

भविष्य के लिए क्या उम्मीदें हैं?

स्थानीय निवासियों ने आह्वान किया है कि सरकार को चाहिए कि वह उचित सुरक्षा उपायों को लागू करे। इसके अलावे, मानवाधिकार संगठनों ने भी आग्रह किया है कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए प्रक्रियाओं को मजबूत किया जाए। इससे धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

निष्कर्ष

बांग्लादेश में मंदिरों पर हमले एक गंभीर चेतावनी के रूप में उभरे हैं, जो बताती हैं कि धार्मिक सहिष्णुता की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है। जब तक सुनिश्चित नहीं किया जाता कि सभी धार्मिक समुदाय सुरक्षित महसूस करें, तब तक स्थिति चिंताजनक बनी रहेगी। Keywords: बांग्लादेश मंदिर हमले, चटगांव देवी मंदिर लूट, हिंदू समुदाय सुरक्षा, मंदिर पर हमले, बांग्लादेश में धार्मिक हिंसा, अल्पसंख्यक सुरक्षा, हिंदू की हत्या बांग्लादेश, चटगांव में लूटपाट, बांग्लादेश में धार्मिक तनाव, मंदिर सुरक्षा उपाय

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow