बीमा घोटाला करने वाले संभल से 2 आरोपी गिरफ्तार:जेल भेजा, 11.45 लाख, स्कॉर्पियो बरामद ; मृतकों का करते थे फर्जी बीमा
संभल पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मृतकों का फर्जी बीमा कराकर अंतरर्राज्य गिरोह के सदस्य को पकड़ा गया है। पुलिस ने कई स्कॉर्पियो के अलावा चार मोबाइल, 19 डेविड/क्रेडिट कार्ड तीन आईडी और एक पैन कार्ड सहित 11 लाख 45 हजार रुपए बरामद किए हैं। पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया। शनिवार को संभल की थाना रजपुरा पुलिस द्वारा अंतरर्राज्यीय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। यह दोनों ऐसे लोग हैं जो मृतकों के बैक डेट में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाते हैं।बैंक खाते का संचालन भी खुद करते हैं। उत्तराखंड, एमपी, यूपी व अन्य राज्यों में करते थे काम एसपी कृष्ण बिश्नोई एवं एएसपी (दक्षिणी) अनुकृति शर्मा ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया। इस दौरान सीओ गुन्नौर डॉ. प्रदीप कुमार एवं थाना इंस्पेक्टर हरीश कुमार मौजूद रहे। गिरफ्तार किए गए अभी तो के नाम ओंकारेश्वर मिश्रा करन पुत्र ओमप्रकाश मिश्रा निवासी फुलवरिया, थाना कैंट, वाराणसी एवं अमित पुत्र हीरालाल निवासी मस्जिद मौहल्ला बबराला, कोतवाली गुन्नौर हाल निवासी अलीपुर चोपला, थाना गजरौला, अमरोहा है। पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया गया कि यह गिरोह उत्तराखंड मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में काम करता है। जबकि गिरफ्तार अभियुक्त ओंकारेश्वर मिश्रा करन फर्स्ट सॉल्यूशन सर्विस कंपनी में इन्वेस्टिगेशन के तौर पर काम करता है। अमित भी इसके साथ ही काम करता है। यह गिरोह कैंसर से जुड़े लोगों को ज्यादा टारगेट करते हैं। ताकि चेहरे से पता ना चलेगी यह लोग बीमार हैं। यह फर्जी बीमा पॉलिसी करके जीवन बीमा कंपनी जैसे आईसीआईसीआई प्रूडिंशयल, पीएनबी मेटलाईफ, बजाज एलियांज एसबीआई जीवन बीमा आदि को आर्थिक नुकसान पहुंचाते थे। जो लोग मरणासन्न स्थिति में होते हैं यह लोग निरंतर रूप से ऐसे लोगों की तलाश में रहते हैं। जो की बीमारी की वजह से मरणासन्न स्थिति में होते हैं। ऐसे व्यक्तियों के परिवार वालों को बात कर और उन्हें लालच देकर मरणासन्न व्यक्तियों को स्वास्थ्य दिखाते हुए फर्जी तरीके से उनकी जीवन बीमा पॉलिसी करवाई जाती है। क्योंकि यह लोग अक्सर गरीब होते हैं। इनका प्रीमियम इन लोगों के द्वारा भरा जाता है। इन लोगों को ज्यादा प्रीमियम नहीं भरना पड़ता। क्योंकि लोग जल्दी मर जाते हैं। बीमा पॉलिसी के पैसे लेकर आपस में बांट लेते हैं। जो व्यक्ति मर गए हैं जो व्यक्ति मर गया हो, उनकी भी बैक डेट में फर्जी तरीके से पॉलिसी कराकर उसका जो बीमा क्लेम का रुपया मिलता है। उसमें से कुछ हिस्सा परिवार को दे देते हैं। बाकी का यह लोग आपस में बांट लेते हैं। बैक डेट में मृतकों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में ग्राम प्रधान व सचिव इत्यादि भी उनकी मदद करते हैं। पॉलिसी धारक का नहीं देते थे सटीक पता पुलिस पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि नॉमिनी का जो खाता खुलवाया जाता है। उन खातों का संतान हम ही लोग करते हैं। खातों के डेबिट कार्ड इन्हीं के पास रहते हैं। खातों में मोबाइल नंबर भी इनका लिखा होता है। पॉलिसी खुलवाते वक्त दलाल इस बात का ध्यान रखते हैं, की पॉलिसी धारक का पता सटीक ना हो। जिससे अगर कोई भी व्यक्ति सत्यापन करने आए, तो वह सीधा पॉलिसी धारक के घर न पहुंच पाए। पॉलिसी का प्रत्येक काम उनकी जानकारी के बिना न हो। अभियुक्तों से बरामद हुए रुपए के बारे में पूछताछ पर स्पष्ट जवाब नहीं मिला। पुलिस यह भी संदेह कर रही है कि यह पैसा हवाला का भी हो सकता है। इनका एक साथी सचिन शर्मा के अलावा जनपद संभल के रजपुरा बबराला एवं मुरादाबाद के बिलारी के कई व्यक्तियों के नाम बताए गए इस ग्रुप के सदस्य अन्य राज्यों में भी कार्य करते हैं।

बीमा घोटाला करने वाले संभल से 2 आरोपी गिरफ्तार
सम्भल में बीमा घोटाले के एक बड़े मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह आरोपी मृतकों का फर्जी बीमा करने के मामले में संलिप्त थे। उनकी गिरफ्तारी से 11.45 लाख रुपये और एक स्कॉर्पियो वाहन बरामद हुआ है। इस घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि बीमा घोटाले की यह नई विधि सभी को चकित कर रही है।
घोटाले की विस्तृत जानकारी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने कई मृतकों का बीमा धोकाधड़ी से कराया था। आरोपियों ने योजना के तहत विभिन्न कंपनियों से बीमा पॉलिसी हासिल की और फिर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से दावे करते थे। पुलिस ने जब इनकी गतिविधियों की जांच की, तो कई ऐसे सबूत मिले, जिन्होंने इनकी अवैध गतिविधियों को स्पष्ट किया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में सूचना के आधार पर एक गुप्त ऑपरेशन चलाया और आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में और भी कई लोगों की संलिप्तता हो सकती है।
बीमा फर्जीवाड़ा की गंभीरता
बीमा उद्योग में इस तरह के घोटाले न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि लोगों के विश्वास को भी नष्ट करते हैं। इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन और बीमा कंपनियों ने ऐसे मामलों की निगरानी के लिए विशेष उपाय करने की योजना बनाई है।
सम्भल में सुरक्षा उपाय
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए, स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा के उपायों को बढ़ाया है। सभी बीमा कंपनियों को अपनी प्रक्रियाओं में संशोधन करने और फर्जीवाड़े की जांच के लिए अधिक सतर्क रहने को कहा गया है।
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