भगत सिंह को आतंकी कहने पर पाकिस्तान में विवाद बढ़ा:पूर्व सैन्य अधिकारी को 50 करोड़ का कानूनी नोटिस, 17 जनवरी को होगी सुनवाई
पाकिस्तान में शहीद-ए-आजम भगत सिंह को आतंकवादी कहने के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन ने पूर्व सैन्य अधिकारी को कानूनी नोटिस भेजा है। साथ ही उनसे आजादी की लड़ाई लड़ने वाले भगत सिंह को आतंकी कहने पर बिना शर्त माफी मांगने को कहा गया है। इतना ही नहीं 50 करोड़ का हर्जाना भी मांगा गया है। यह कानूनी नोटिस एडवोकेट खालिद जमां खान के जरिए पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारी और मेट्रोपोलिटन कॉरपोरेशन लाहौर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी व पूर्व सैन्य अधिकारी तारिक मजीद को भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के चेयरमैन इम्तियाज राशिद कुरैशी देशभक्त हैं। वह देश और इस्लाम के प्रति ईमानदार हैं। उन्होंने फाउंडेशन के लिए देश-विदेश से एक भी पैसा नहीं लिया है। नोटिस के मुताबिक कुरैशी भारत और पाकिस्तान को करीब लाने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि आम लोगों को फायदा मिल सके। कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट की भाषा गलत कुरैशी के नोटिस में कहा गया है कि मजीद ने नवंबर में लाहौर हाई कोर्ट में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में बेहद गलत और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। पूर्व पाकिस्तानी सेना अधिकारी ने हाई कोर्ट में लाहौर के शादमान चौक का नाम बदलकर भगत सिंह करने से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान भगत सिंह को आतंकवादी कहा था। साथ ही उन्होंने बताया था कि पाकिस्तान सरकार ने चौक का नाम बदलने और मूर्ति लगाने की योजना को रद्द कर दिया है। साथ ही फाउंडेशन ने इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया था। इससे जुड़े मामले की सुनवाई 17 जनवरी को होगी। भारत जता चुका है ऐतराज जैसे ही यह मामला सामने आया इसका भारत की ओर से पंजाब सरकार ने कड़ा ऐतराज जताया था। साथ ही केंद्र सरकार से मांग की थी कि पाकिस्तान की सरकार के समक्ष यह मामला उठाया जाए। इसके बाद भारत की सरकार ने इस मामले को वहां की सरकार के समक्ष उठाया था। दूसरी तरफ कुछ दिन पहले पुंछ हाउस लोगों के लिए खोला गया था। यहां पर भगत सिंह के जीवन से समर्पित सारी चीजें प्रदर्शित की गई। इसी जगह पर भगत सिंह के खिलाफ मुकदमा चला था।

भगत सिंह को आतंकी कहने पर पाकिस्तान में विवाद बढ़ा
News by indiatwoday.com
पृष्ठभूमि
हाल ही में, पाकिस्तान में भगत सिंह को आतंकी कहने वाली टिप्पणी के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यह विवाद एक पूर्व सैन्य अधिकारी द्वारा की गई टिप्पणी के कारण उत्पन्न हुआ है, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक भगत सिंह के प्रति विचारों को लेकर सवाल उठाए हैं।
कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया
इस विवाद के चलते, उक्त पूर्व सैन्य अधिकारी को 50 करोड़ का कानूनी नोटिस प्राप्त हुआ है। यह नोटिस उनके बयानों के खिलाफ एक सख्त प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। कानूनी कार्यवाही का उद्देश्य भगत सिंह की छवि को सुरक्षित करना और उनके योगदान को सही दृष्टिकोण से पेश करना है।
सुनवाई की तारीख
इस मामले की सुनवाई 17 जनवरी को निर्धारित की गई है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि पाकिस्तान की न्याय व्यवस्था इस विवाद को कैसे संभालेगी। इस सुनवाई का परिणाम न केवल इस मामले में बल्कि पाकिस्तान में ऐतिहासिक चिंताओं पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
भगत सिंह का महत्व
भगत सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रतिष्ठित प्रतीक हैं। उन्होंने अपनी शहादत के माध्यम से देशवासियों को प्रेरित किया और अपनी विचारधारा से लोगों को जागरूक किया। उनके योगदान को आतंकी बताना, न केवल उनके प्रति एक अपमान है बल्कि इतिहास के प्रति एक बड़ा अन्याय भी है।
लोकप्रिय प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर लोगों की प्रतिक्रियाएँ तेजी से आ रही हैं। कई लोग इस पूर्व सैन्य अधिकारी के वक्तव्यों को निंदनीय मानते हैं और अपने सोशल मीडिया पर इस पर खुलकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
निष्कर्ष
भगत सिंह को आतंकी कहने का विवाद पाकिस्तान में सामुदायिक और सामाजिक तनाव को बढ़ा सकता है। सच यह है कि भगत सिंह का नाम एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर भी के रूप में जाना जाता है।
किसी भी देश के इतिहास और नायकों का सम्मान करना आवश्यक है। इस विवाद का परिणाम न केवल कानूनी दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि यह पाकिस्तान के समाज में भी विचारों के प्रति एक आंदोलन उत्पन्न कर सकता है।
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