भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर 36 प्रत्याशी ने ठोकी दावेदारी:सभी ने दाखिल किया नामांकन, प्रांतीय परिषद के लिए भी हुए आवेदन
मुजफ्फरनगर में भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनाव पार्टी नेतृत्व के लिए सिरदर्द बन गए हैं। जिले के एकमात्र जिलाध्यक्ष पद के लिए बृहस्पतिवार को 36 नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की, जिससे पार्टी में हलचल तेज हो गई है। जिलाध्यक्ष समेत कई नेताओं ने ठोकी ताल बीजेपी के जिलाध्यक्ष पद के लिए चुनाव अधिकारी पूरण लाल लोधी के समक्ष 36 से अधिक दावेदारों ने नामांकन दाखिल किया। इन दावेदारों में वर्तमान जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी, पूर्व जिलाध्यक्ष सतपाल पाल और विजय शुक्ला समेत कई वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं। इसके अलावा कई ऐसे नाम भी सामने आए हैं जो अब तक चर्चाओं में नहीं थे। नामांकन दाखिल करने वालों में सुधीर सैनी, सतपाल पाल, विजय शुक्ला, रोहिल वाल्मीकि, विनीत कात्यान, शरद शर्मा, संजय अग्रवाल, मनोज पवार, ओमवीर सिंह चौहान, राकेश कुमार त्यागी, सचिन त्यागी, रविंद्र बेनीवाल, सतीश कुमार खटीक, हरीश अहलावत, शिल्पी राज वत्स, सुनील दर्शन, रामकुमार सैनी और अन्य नाम शामिल हैं। प्रांतीय परिषद के लिए भी नामांकन किए गए। इनमें बुढ़ाना के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र त्यागी, महिला आयोग की पूर्व सदस्य गीता जैन, अचिंत मित्तल, सुशील त्यागी और रामकुमार सैनी प्रमुख नामों में शामिल हैं। केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा जिलाध्यक्ष एक पद के लिए इतनी बड़ी संख्या में नामांकन के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है। चुनाव अधिकारी लोधी ने बताया कि सभी नामों की सूची बनाकर पार्टी हाईकमान को भेज दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार, जिलाध्यक्ष का नाम पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तय किया जाएगा। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि जिलाध्यक्ष पद को लेकर दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के बीच रस्साकशी जारी है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा नेतृत्व किसे जिलाध्यक्ष के रूप में चुनता है।

भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर 36 प्रत्याशी ने ठोकी दावेदारी
भाजपा में जिलाध्यक्ष पद पर चुनावी माहौल गर्म है, जिसमें 36 प्रत्याशियों ने अपनी दावेदारी पेश की है। सभी प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं और पार्टी में अपनी जगह पाने के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं। इस बार के चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या ने सभी को चकित कर दिया है। यह एक संकेत है कि भाजपा में नेतृत्व के लिए प्रतिस्पर्धा कितनी बढ़ गई है।
प्रांतीय परिषद के लिए आवेदन
इसके साथ ही, भाजपा की प्रांतीय परिषद के लिए भी अनेक प्रत्याशियों ने अपने आवेदन जमा किए हैं। यह प्रक्रिया दर्शाती है कि पार्टी में न केवल जिलाध्यक्ष पद के लिए बल्कि अन्य महत्वपूर्ण पदों के लिए भी सदस्य अपनी उम्मीदवारी रख रहे हैं। ये सभी कदम भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र और नेतृत्व परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
चुनावी रणनीति और प्रतिक्रियाएँ
जिलाध्यक्ष चुनाव को लेकर भाजपा की चुनावी रणनीति पर भी अधिक ध्यान दिया जा रहा है। पार्टी में इस समय उपरोक्त पदों की दावेदारी को लेकर चर्चा तेजी से चल रही है। अनुभवी नेताओं और नए चेहरों का मिश्रण पार्टी की स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। प्रत्याशियों के नामांकन ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसे लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता चिंतित हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
भाजपा की इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य संगठन को और मजबूत करना है। अगर पार्टी सही नेतृत्व का चयन करती है, तो यह आगामी चुनावों में उनके लिए निर्णायक साबित हो सकता है। साथ ही, इन चुनावों के माध्यम से युवा नेताओं को आगे लाना भी पार्टी की प्राथमिकताओं में शामिल है।
इस प्रकार, 36 प्रत्याशियों का नामांकन प्रक्रिया में आना भाजपा के भीतर राजनीति और संगठनात्मक संरचनाओं की सक्रियता को दर्शाता है।
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