भाजपा सांसद राजकुमार चाहर का ऐलान-लगवाएंगे राणा सांगा की मूर्ति:यूपी कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रामजीलाल सुमन पर साधा निशाना

राणा सांगा पर गर्माई राजनीति के बीच सांसद व भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने फतेहपुर सीकरी में आगरा गेट के सामने मेवाड़ के प्रतापी राजा राणा सांगा (राणा संग्राम सिंह) की प्रतिमा लगवाने का ऐलान किया है। इसके लिए मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह को पत्र लिखा है। उन्होंने मंडलायुक्त से इसके लिए अनुमति और स्थान मांगा है। यह प्रतिमा सांसद निधि से लगवाई जाएगी। सांसद इस काम में जन सहयोग भी लेंगे। पहले जानिये सांसद ने अपने पत्र में क्या लिखा सांसद राजकुमार चाहर ने 24 मार्च को मंडलायुक्त को पत्र भेजा। इसमें उन्होंने लिखा है-16 मार्च 1527 को आगरा के फतेहपुर सीकरी और राजस्थान के रूपवास, भरतपुर के मध्य स्थित खानवा के मैदान में मेवाड़ के तत्कालीन शूरवीर और राष्ट्रभक्त राणा सांगा और मुगल आक्रांता व लुटेरे बाबर के बीच युद्ध हुआ था। यह एक ऐतिहासिक तथ्य है। सांसद ने पत्र में कहा है कि वे सांसद निधि और जन सहयोग से फतेहपुर सीकरी में आगरा गेट के सामने राणा सांगा की प्रतिमा स्थापित कराना चाहते हैं। प्रतिमा के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराएं। बता दें कि राणा सांगा को लेकर इन दिनों राजनीति गर्माई हुई है। सपा के सांसद रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में राणा सांगा पर एक विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से सुमन पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। सपा सांसद ने कहा था- हिंदू गद्दार राणा सांगा की औलाद सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने 22 मार्च को राज्यसभा में कहा- भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है तो फिर हिंदुओं में किसका डीएनए है? बाबर को कौन लाया? बाबर को भारत में इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था। मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम (हिंदू) गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। यह हिंदुस्तान में तय हो जाना चाहिए। बाबर की आलोचना करते हैं, राणा सांगा की नहीं। देश की आजादी की लड़ाई में इन्होंने अंग्रेजों की गुलामी की थी। हिंदुस्तान का मुसलमान बाबर को अपना आदर्श नहीं मानता है। वो मोहम्मद साहब और सूफी परंपरा को आदर्श मानता है। क्या यह देश किसी के बाप का सपा सांसद ने कहा था- क्या यह देश किसी के बाप का है? हिंदुस्तान में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। हिंदुस्तान की धरती पर जितना अधिकार हिंदू का है, उतना ही मुसलमान का भी है। राष्ट्रीय आंदोलन में सभी जातियों ने तिरंगे के नीचे एक कौम बनाई। आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के बेटे का अंग्रेजों ने सिर कलम कर दिया गया था। कटे सिर को बादशाह जफर के पास भेज दिया गया। अंग्रेजों ने कहा- दमदमे में दम नहीं है, खैर मांगो जान की...ऐ जफर, ठंडी हुई अब तेग हिंदुस्तान की। इस पर बूढ़े बादशाह जफर ने कहा था- गाजियों में बू रहेगी, जब तक ईमान की... तख्त ऐ लंदन तक चलेगी, तेग हिंदुस्तान की। मुकदमा दर्ज हुआ राणा सांगा पर राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के द्वारा दिए गए विवादित बयान के बाद अब उनकी मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रहीं हैं। आगरा में सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन कोर्ट में अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने वाद दायर कराया है। जिसमें सांसद रामजीलाल सुमन के साथ सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी प्रतिवादी बनाया है। अधिवक्ता ने कोर्ट से मांग की है कि सही इतिहास को तथ्यों के साथ उजागर किया जाए। बाबर को राणा सांगा ने नहीं बल्कि दौलत खान लोदी ने बुलाया था। एडवोकेट अजय प्रताप ने कराया वाद दायर एडवोकेट अजय प्रताप सिंह ने सोमवार को आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट की ओर से एक वाद दायर कराया है। उन्होंने कहा कि सांसद रामजीलाल सुमन के द्वारा राणा सांगा को गद्दार कहा जा रहा है। वह एक झूठे तथ्य को प्रसारित कर रहे हैं। उसके संबंध में उसके सही डिक्लेरेशन के लिए सिविल कोर्ट आगरा में एक वाद दायर कराया है। उन्होंने कहा कि बाबरनामा का अनुवाद अंग्रेज अधिकारी बेवरिज ने किया था। उन्होंने अपनी अनुवादित पुस्तक में लिखा है। बाबर को दौलत खान लोदी ने इब्राहिम लोदी के विरुद्ध बुलाया था। वर्ष 1883-84 के पंजाब सरकार के लाहौर गजेटियर में भी यही बात पुख्ता होती है कि दौलत खान लोदी ने ही बाबर को बुलाया था। तथ्यों के साथ उजागर हो इतिहास उन्होंने कहा कि हमने इस वाद में अखिलेश यादव और रामजीलाल सुमन को प्रतिवादी बनाया है। उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की है कि बाबर को दौलत खान लोदी ने बुलाया था। यह उद्घोषणा की जाए। दूसरा जो खानवा का युद्ध कहा जाता है (15 मार्च 1527) वह सीकरी किले पर युद्ध हुआ था। यह युद्ध खानवा में नहीं हुआ था, उसकी भी उद्घोषणा की जाए। सांसद राजकुमार का बयान महाप्रतापी, शूरवीर, महान योद्धा राणा सांगाजी हमारे गौरव हैं। उन्होंने फतेहपुर सीकरी संसदीय क्षेत्र और भरतपुर के बीच में स्थित खानवा के मैदान में आक्रांता बाबर से युद्ध किया था। हम फतेहपुर सीकरी में अपनी सांसद निधि और जनसहयोग से उनकी भव्य प्रतिमा स्थापित कराएंगे। कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का भी बयान आया सामने यूपी सरकार में सरकार में कैबिनेट मंत्री और आगरा दक्षिण से विधायक योगेंद्र उपाध्याय का भी राणा सांगा को लेकर एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन पर निशाना साधा है। रामजीलाल सुमन से ऐसी आशा नहीं थी उन्होंने कहा है कि देश के आदर्शों को, देश की उन शख्सियतों को, जिनसे दुनिया प्रेरणा लेती है, उसको गद्दार कहना, ये निम्न कोटि की राजनीतिक पराकाष्ठा है। रामजीलाल सुमन समझदार नेता माने जाते थे, उनसे ऐसी आशा नहीं थी। लेकिन तुष्टिकरण और सपा की खिसकती जमीन की व्याकुलता ने शायद उनको यह कहने पर मजबूर किया है। कोई भारतवासी आक्रांताओं का समर्थन नहीं करेगा। रामजीलाल सुमन के बयान का समर्थन करना अखिलेश यादव जी का मानसिक दीवालियापन है।

Mar 24, 2025 - 18:59
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भाजपा सांसद राजकुमार चाहर का ऐलान-लगवाएंगे राणा सांगा की मूर्ति:यूपी कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रामजीलाल सुमन पर साधा निशाना
राणा सांगा पर गर्माई राजनीति के बीच सांसद व भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चा

भाजपा सांसद राजकुमार चाहर का ऐलान - लगवाएंगे राणा सांगा की मूर्ति

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद राजकुमार चाहर ने एक महत्वपूर्ण ऐलान किया है जिसमें उन्होंने कहा कि वे राणा सांगा की एक भव्य मूर्ति लगवाएंगे। राणा सांगा, जो एक प्रसिद्ध राजपूत योद्धा थे, उनका नाम भारतीय इतिहास में एक उल्लेखनीय स्थान रखता है। इस कदम को लेकर सांसद चाहर ने ये भी कहा कि यह मूर्ति जाट समुदाय के योगदान को मान्यता देने का एक प्रयास है।

यूपी कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का सपा अध्यक्ष पर हमलावर बयान

इसी बीच, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके सहयोगी रामजीलाल सुमन पर वार किया है। उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि सपा सरकार के समय दौरान राज्य के विकास में अवरोध उत्पन्न हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि सपा सरकार की नीतियों ने राज्य के लोगों को केवल धोखा दिया है और भाजपा सरकार सच्ची प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है।

राजनीतिक मुद्दों पर विचार

राजकुमार चाहर और योगेंद्र उपाध्याय के बयानों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। राणा सांगा की मूर्ति स्थापित करने का प्रस्ताव और उपाध्याय का सपा नेताओं के खिलाफ बयान दोनों ही वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण मुद्दे बन गए हैं। इससे साबित होता है कि भाजपा अपने सांस्कृतिक प्रतीकों को महत्व देने में गंभीर है, जिससे वे अपने मतदाता आधार को ओर मजबूती प्रदान कर सकें।

भाजपा सांसद और कैबिनेट मंत्री के आक्रामक बयानों से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में अब खुली प्रतिस्पर्धा होने वाली है। इसके अलावा, इस तरह के मुद्दों का उठाया जाना आने वाले चुनावों की तैयारी का संकेत देता है।

समर्थन या विरोध हो, उत्तर प्रदेश में भाजपा की कल्याणकारी योजनाओं और सांस्कृतिक प्रतीकों के प्रति की गई पहलों पर चर्चा होना अनिवार्य है।

समापन विचार

भाजपा सांसद राजकुमार चाहर और योगेंद्र उपाध्याय के बयानों ने राज्य की राजनीति को एक नई दिशा दी है। राणा सांगा की मूर्ति का प्रस्ताव महज एक सांकेतिक कदम नहीं है, बल्कि यह भाजपा की व्यापक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है।

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