भारतवंशी काश पटेल अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के डायरेक्टर बने:सीनेट ने मंजूरी दी; ट्रम्प की पार्टी के दो सांसदों ने विरोध में वोट डाला

भारतीय मूल के कश्यप काश पटेल, अमेरिकी जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन (FBI) के डायरेक्टर बन गए है। अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। गुरुवार को वोटिंग के दौरान उन्हें 51-49 के मामली बहुमत से पद के लिए चुना गया। डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों के अलावा पटेल के विरोध में दो रिपब्लिकन सांसद सुसान कॉलिन्स और लिसा मुर्कोव्स्की दोमात्र ने भी वोट किया। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों को इस बात का डर है कि काश पटेल पद संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प के आदेशों का पालन करेंगे और उनके विरोधियों को निशाना बनाएंगे। मंजूरी मिलने के बाद पटेल ने राष्ट्रपति ट्रम्प और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। गुजराती परिवार में जन्मे, माता-पिता युगांडा से भागे काश पटेल भारतीय प्रवासी के बेटे हैं। उनका जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ था। काश पटेल के माता-पिता युगांडा के शासक ईदी अमीन के देश छोड़ने के फरमान से डरकर 1970 के दशक में भागकर कनाडा के रास्ते अमेरिका पहुंचे थे। 1988 में पटेल के पिता को अमेरिका की नागरिकता मिलने के बाद एक एरोप्लेन कंपनी में नौकरी मिली। 2004 में कानून की डिग्री हासिल करने के बाद जब पटेल को किसी बड़ी लॉ फर्म में नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने एक सरकारी वकील के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। हालांकि ड्रीम जॉब के लिए उन्हें 9 साल तक इंतजार करना पड़ा। काश पटेल 2013 में वॉशिंगटन में न्याय विभाग में शामिल हुए। यहां तीन साल बाद 2016 में पटेल को खुफिया मामले से जुड़ी एक स्थायी समिति में कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया। इस विभाग के चीफ डेविड नून्स थे, जो ट्रम्प के कट्टर सहयोगी थे। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति रहने के दौरान ट्रम्प ने 2019 में जो बाइडेन के बेटे के बारे में जानकारी जुटाने के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाया था। इस वजह से विपक्ष उन पर नाराज हो गया। किसी कानूनी पचड़े से बचने के लिए ट्रम्प ने इस मामले में मदद के लिए सलाहकारों की एक टीम बनाई। इसमें काश पटेल का भी नाम था। तब उनका नाम देख हर किसी को हैरानी हुई थी। काश पटेल 2019 में ट्रम्प प्रशासन से जुड़ने के बाद तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते गए। ट्रम्प प्रशासन में वे सिर्फ 1 साल 8 महीने रहे, लेकिन सबकी नजरों में आ गए। मैगजीन द अटलांटिक की एक रिपोर्ट में पटेल को 'ट्रम्प के लिए कुछ भी करने वाला' शख्स बताया गया है। ट्रम्प प्रशासन में जहां पहले से लगभग सभी लोग ट्रम्प के वफादार थे, वहां भी उन्हें ट्रम्प के सबसे वफादार लोगों में गिना जाने लगा था। यही वजह है कि कई अधिकारी उनसे डरते थे। ट्रम्प पर किताब लिखी, उसमें भी मददगार बने काश पटेल नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के सीनियर एडवाइजर के तौर पर काम कर चुके हैं। इस दौरान वे 17 खुफिया एजेंसियों का कामकाज देखते थे। इस पद को संभालने के दौरान पटेल कई अहम मामलों में शामिल थे। वे ISIS लीडर्स, अल-कायदा के बगदादी और कासिम अल-रिमी जैसे नेताओं के खात्मे के अलावा कई अमेरिकी बंधकों को वापस लाने के मिशन में भी शामिल रहे हैं। ट्रम्प के पद छोड़ने के बाद काश पटेल पूर्व राष्ट्रपति के एजेंडे को बढ़ाने की कोशिश करते रहे हैं। काश ने "गवर्नमेंट गैंगस्टर्स: द डीप स्टेट, द ट्रुथ, एंड द बैटल फॉर आवर डेमोक्रेसी" नाम की एक किताब लिखी है। इसमें उन्होंने बताया है कि सरकार में किस कदर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। काश पटेल ने ट्रम्प को बच्चों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए एक किताब द प्लॉट अगेंस्ट द किंग भी लिखी है। इसमें उन्होंने एक जादूगर का किरदार निभाया है, जो हिलेरी क्लिंटन से ट्रम्प को बचाने में उनकी मदद करता है। कहानी के अंत में जादूगर लोगों को यकीन दिलाने में कामयाब हो जाता है कि ट्रम्प ने हिलेरी क्लिंटन को धोखा देकर सत्ता हासिल नहीं की है। काश पटेल, डोनाल्ड ट्रम्प के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ का कामकाज भी देखते हैं। पटेल ने 2022 फीफा विश्व कप के दौरान कतर के लिए सुरक्षा सलाहकार के रूप में भी काम किया था। --------------------------------- डोनाल्ड ट्रम्प से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... ट्रम्प सरकार का एक महीना, 16 फैसले:पहले दिन बाइडेन के 78 आदेश पलटे, दुनियाभर में जैसे-को-तैसा टैक्स लगाया; भारतीयों को जंजीरों में डिपोर्ट किया अमेरिका में ट्रम्प सरकार का 1 महीना पूरा हो चुका है। 20 जनवरी को राष्ट्रपति बनते ही ट्रम्प ने 100 से ज्यादा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स पर दस्तखत कर इतिहास बना दिया था। उन्होंने बाइडेन के 78 आदेशों को पलटा था। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Feb 21, 2025 - 09:59
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भारतवंशी काश पटेल अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के डायरेक्टर बने:सीनेट ने मंजूरी दी; ट्रम्प की पार्टी के दो सांसदों ने विरोध में वोट डाला
भारतीय मूल के कश्यप काश पटेल, अमेरिकी जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन (FBI) के डायरेक्टर ब

भारतवंशी काश पटेल अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के डायरेक्टर बने

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काश पटेल की नियुक्ति: एक ऐतिहासिक कदम

काश पटेल, एक भारतवंशी अमेरिकी, को अमेरिकी जांच एजेंसी FBI का नया डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति ने न केवल उनके व्यक्तिगत करियर में एक नया अध्याय खोला है, बल्कि यह भारत और अमेरिका के बीच की सम्बंधों को भी मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल ही में, अमेरिकी सीनेट ने इस नियुक्ति को मंजूरी दी, जिसमें कुछ विरोध भी देखा गया।

सीनेट की मंजूरी और राजनीतिक विपक्ष

सीनेट में काश पटेल की नियुक्ति को लेकर कुछ सांसदों ने विरोध में वोट दिया, जिनमें प्रमुख रूप से ट्रम्प की पार्टी के दो सांसद शामिल थे। ये सांसद इससे पहले की सरकारों की नीति और FBI के कार्यों के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं। हालांकि, अधिकतर सीनेट के सदस्यों ने पटेल की क्षमता और अनुभव को देखते हुए उन्हें समर्थन दिया। यह स्पष्ट करता है कि अमेरिका में विविधता और समावेशिता का महत्व बढ़ रहा है।

काश पटेल: एक प्रेरणादायक कहानी

काश पटेल की कहानी एक प्रेरणा है, जो यह दर्शाती है कि कड़ी मेहनत और लगन से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत केंद्र सरकार में एक साधारण पद से की थी और धीरे-धीरे वे महत्वपूर्ण पदों तक पहुंचे। उनकी इस उपलब्धि ने अनेक युवा भारतीयों को प्रेरित किया है कि वे अपने सपनों की ओर बढ़ें।

बढ़ते योगदान और भविष्य की चुनौतियाँ

FBI के डायरेक्टर के रूप में काश पटेल के सामने कई चुनौतियाँ होंगी। उन्हें न केवल अमेरिकी समाज में सुरक्षा और कानून के मुद्दों को सुलझाना होगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर बढ़ती आतंकवादी और साइबर खतरों का भी सामना करना पड़ेगा। उनके अनुभव और नेतृत्व कौशल से यह संभावना है कि वे इन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करेंगे।

निष्कर्ष

काश पटेल की नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका में विविधता की समृद्धि को मान्यता दी जा रही है। उनकी इस उपलब्धि का स्वागत किया जाना चाहिए और यह सभी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत होना चाहिए। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने कार्यकाल के दौरान किन नए कदमों की घोषणा करते हैं। अमेरिका और भारतीय समुदायों के बीच इस नए अध्याय के साथ हम भविष्य में सकारात्मक परिवर्तन देखने की आशा कर सकते हैं। Keywords: काश पटेल FBI डायरेक्टर, भारतवंशी काश पटेल, FBI सीनेट मंजूरी, ट्रम्प पार्टी सांसद विरोध, FBI भारत अमेरिका संबंध, काश पटेल नियुक्ति, भारतीय अमेरिकी नेता, काश पटेल कहानी, FBI चुनौतियाँ, काश पटेल की सफलता

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