भारतीयों के हाथ-पैर चेन से बांधकर प्लेन में चढ़ाया, VIDEO:वॉशरूम में निगरानी, खाने के लिए भी हाथ नहीं खोले; 40 घंटे इसी हाल में रहे

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर US मिलिट्री का C-17 प्लेन 5 फरवरी को पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इन लोगों के पैर में चेन बांधी गई थी, जबकि हाथ भी बेड़ियों में जकड़े हुए थे। अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल चीफ माइकल बैंक ने अपने X हैंडल पर इसका वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में भारतीयों के हाथों और पैरों में बेड़ियां साफ देखी जा सकती है। टेक्सास के सेंट एंटोनियो एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने इन्हें ऐसी हालत में ही मिलिट्री प्लेन में चढ़ाया था। वहां से भारत आने के बीच 40 घंटे का सफर इन लोगों ने बेड़ियों में जकड़े हुए ही तय किया। कुछ लोगों ने मीडिया को बताया कि उन्हें प्लेन में एक जगह बैठे रहने को कहा गया था। उन्हें वॉशरूम तक नहीं जाने दिया गया। जब लोगों ने बहुत जोर दिया तो प्लेन का क्रू अपने साथ वॉशरूम तक लेकर गया और दरवाजा खोलकर अंदर धकेल दिया। लोगों ने बताया कि उन्हें बहुत थोड़ा सा खाना दिया गया, जिसे हाथ बांधकर ही खाना पड़ा। डिपोर्ट किए गए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी थे। अमेरिका से भारत के बीच प्लेन ने चार जगह रीफ्यूलिंग के लिए स्टॉप लिया, लेकिन अंदर बैठे लोगों को प्लेन से निकलने की इजाजत नहीं थी। पंजाब के 30 और हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग प्लेन में पंजाब के 30, हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे। इसमें 11 क्रू मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी साथ आए हैं अमृतसर एयरपोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, इन लोगों का वैरिफिकेशन किया गया। यहां से इमिग्रेशन और कस्टम से क्लियरेंस के बाद पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया। पंजाब में डिपोर्ट किए लोगों को पुलिस की गाड़ियों से उनके घर भेजा गया। इन 104 अवैध प्रवासी में से 48 की उम्र 25 साल से कम है। 13 नाबालिग हैं, जिनमें 4 साल का बच्चा भी है। अमृतसर पहुंचने वाले कुछ लोगों को पुलिस की गाड़ियों में उनके गांव ले जाया गया। बाकी राज्य के लोगों को फ्लाइट के जरिए भेजा गया। ये सभी अमेरिका समेत 20 देशों में कभी नहीं जा पाएंगे। अमेरिका ने पहली बार सैन्य विमान भेजा यूएस मिलिट्री का यह विमान भारतीय समय के मुताबिक, 4 फरवरी की सुबह 3 बजे अमेरिका के सैन एंटोनियो रवाना हुआ था। यह पहली बार है जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया। करीब साढ़े 3 घंटे बाद US एयरफोर्स विमान वापस लौट गया। इससे पहले अलग-अलग रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अमेरिका ने कुल 205 अवैध भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए चिह्नित किया है। इन्हें भारत भेजा जाएगा। 186 भारतीयों को डिपोर्ट करने वाली लिस्ट भी सामने आई थी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बाकी बचे लोग कहां हैं और कब डिपोर्ट किए जाएंगे। ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद अवैध तरीके से रह रहे बाहरी लोगों को डिपोर्ट करने के आदेश दिए थे। ग्लोबमास्टर को भारत भेजने पर लगभग 6 करोड़ रुपए का खर्च आया है। अवैध अप्रवासियों को क्यों निकाल रहे ट्रम्प ट्रम्प ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करके अवैध अप्रवासियों की एंट्री बैन करने और उन्हें पकड़ कर बॉर्डर पर छोड़ने की पॉलिसी का ऐलान किया था। ट्रम्प ने चुनाव कैंपने में भी अवैध अप्रवासियों को देश से निकालने का वादा किया था। उन्होंने अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन करने को कहा था। ट्रम्प का मानना है कि दूसरे देशों से लोग अमेरिका में अवैध तरीके से घुसकर अपराध करते हैं। यहां नौकरियों के बड़े हिस्से पर अप्रवासियों का कब्जा है, इससे अमेरिकी लोगों को नौकरी नहीं मिलती। ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले कानून ‘लैकेन रिले एक्ट’ पर साइन किए। इस कानून के तहत फेडरल अधिकारियों को उन अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेकर डिपोर्ट करने का अधिकार है, जो किसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। पीएम मोदी 12 फरवरी को अमेरिका जाएंगे अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम इन्फोर्समेंट के अनुसार 19 हजार अवैध प्रवासी भारतीय डिपोर्ट होंगे। ट्रम्प ने ये कार्रवाई ऐसे समय की है, जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दो दिन की यात्रा पर अमेरिका जाने वाले हैं। 13 फरवरी को पीएम की ट्रम्प के साथ वार्ता प्रस्तावित है। वहीं पंजाब के NRI मामलों के मंत्री कुलदीप धालीवाल ने अमृतसर एयरपोर्ट जाकर पंजाब के डिपोर्ट लोगों से मुलाकात की। जिसके बाद उन्होंने कहा- PM नरेंद्र मोदी कहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प उनके दोस्त हैं। वे उनका प्रचार भी करने गए थे। वे ट्रम्प से मिलकर इसका हल निकालें। अमेरिका समेत 20 देशों में कभी नहीं जा पाएंगे इन सभी के बायोमीट्रिक स्कैन लिए गए हैं। भविष्य में अगर ये वैध दस्तावेज पर भी अमेरिका जाने का प्रयास करेंगे तो वीजा नहीं मिलेगा। कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन समेत 20 अन्य देशों में भी नहीं जा पाएंगे, क्योंकि अमेरिका की वीजा नीति करीब 20 देश फॉलो करते हैं। --------------------------------- डिपोर्ट किए गए भारतीयों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें.... अमेरिका जाने के डंकी रूट के VIDEO सामने आए:कीचड़ से सने पैर, बारिश के बीच टेंट; डिपोर्ट किए हरियाणा के युवक ने बनाए थे हरियाणा में करनाल से अमेरिका गए आकाश के डंकी रूट के वीडियो सामने आए हैं। आकाश जब यहां से गया था तो पनामा के जंगलों से गुजरते हुए वीडियो बनाकर उसने परिवार को भेजे थे। ऐसे 4 वीडियो परिवार ने दिखाए हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें....

Feb 6, 2025 - 13:59
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भारतीयों के हाथ-पैर चेन से बांधकर प्लेन में चढ़ाया, VIDEO:वॉशरूम में निगरानी, खाने के लिए भी हाथ नहीं खोले; 40 घंटे इसी हाल में रहे
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर US मिलिट्री का C-17 प्लेन 5 फरवरी को पंजाब के अमृतसर एयरपो

भारतीयों के हाथ-पैर चेन से बांधकर प्लेन में चढ़ाया

हाल ही में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसमें भारतीय नागरिकों को चेन से बांधकर एक विमान में चढ़ाया गया। यह घटना न केवल भारतीयों के लिए बल्कि सभी के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन नागरिकों के साथ हुई यह घटना मानवाधिकारों का उल्लंघन है।

घटनाक्रम का विवरण

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि भारतीय यात्रियों को हैंडफीक में बांधकर वॉशरूम में निगरानी रखी गई थी। खाने के लिए भी उनके हाथ नहीं खोले गए, जिससे यह साफ होता है कि यह स्थिति अत्यंत दयनीय थी। यात्रियों ने 40 घंटे की अवधि इसी खतरनाक स्थिति में बिता दी। यह घटना न केवल अशांति का सबब बनी है, बल्कि यह कानूनी कार्यवाही की मांग भी कर रही है।

मानवाधिकारों का उल्लंघन

इस प्रकार की घटनाएं वैश्विक मानवाधिकारों के उल्लंघन की ओर इशारा करती हैं। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार, किसी भी नागरिक का अपमानजनक व्यवहार सहन नहीं किया जा सकता। यात्रियों के हाथ-पैर को चेन से बांधना एक गंभीर अपराध है, और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को सजा मिलनी चाहिए।

समाज के प्रति प्रतिक्रिया

इस घटना पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। लोगों ने इस भयानक व्यवहार की निंदा की है और बताया है कि ऐसे कृत्य भारतीय समाज की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा, यात्रियों के समर्थन में कई ऑनलाइन कैंपेन आरंभ हुए हैं जो न्याय की मांग कर रहे हैं।

इस मुद्दे पर और अपडेट्स के लिए, सभी को indiatwoday.com पर जाने की सलाह दी जाती है।

निष्कर्ष

इस घटना ने सभी नागरिकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम वास्तव में सुरक्षित हैं? यह आवश्यक है कि हम ऐसी गंभीर घटनाओं का संज्ञान लें और संबंधित अधिकारियों से कार्रवाई की मांग करें। Keywords: भारतीय विमान यात्रा चेन से बंधे लोग, मानवाधिकारों का उल्लंघन भारत, भारतीय नागरिकों के साथ बुरा व्यवहार, प्लेन में सुरक्षा के उपाय, यात्रा में असुविधा, भारतीय यात्रियों की सुरक्षा, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो, मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया, भारतीय समाज में बदलाव.

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